रिलिजन डेस्क. ज्योतिष में कुल नौ ग्रह बताए गए हैं। इन नौ ग्रहों में शनिदेव को न्यायाधीश माना गया है। शनि सूर्यदेव के पुत्र हैं और मकर-कुंभ राशि के स्वामी हैं। हर शनिवार शनि के लिए तेल का दान करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए शनिदेव से जुड़ी कुछ खास बातें, जिनका ध्यान रखना चाहिए...
- शनिदेव को कर्म प्रधान देवता माना जाता है यानी ये ग्रह हमें हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है।
- शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है। यमराज इनके भाई और यमुना इनकी बहन है।
- शनिदेव उन लोगों के लिए शुभ रहते हैं जो परिश्रम करते हैं, अनुशासन में रहते हैं, धर्म का पालन करते हैं और सभी का सम्मान करते हैं।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हर शनिवार सरसों का तेल दान करना चाहिए।
- इस समय शनि धनु राशि में है। इस कारण वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती है। वृष और कन्या राशि पर ढय्या है।
- हर शनिवार शनि के साथ ही पीपल की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। पीपल को जल चढ़ाएं और परिक्रमा करें।
- शनिदेव को तेल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि कि तेल इधर-उधर गिरना नहीं चाहिए।
- शनिवार को काले तिल का दान करें। चमड़े के जूते-चप्पल दान करना भी शुभ माना गया है।
- हर शनिवार को शमी के पेड़ की भी पूजा करें। इसके अलावा शनि के सामने तेल का दीपक जलाएं।
- हर शनिवार हनुमान के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।