मोहम्मद सिराज ने डेवलप किया एंडरसन जैसा ब्रह्मास्त्र:बल्लेबाज भांप नहीं पाते कि गेंद बाहर जाएगी या अंदर आएगी; जानिए इसकी खासियत

स्पोर्ट्स डेस्क4 महीने पहले
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वॉबल सीम बॉल फेंकने के लिए ग्रिप में इंडेक्स और रिंग फिंगर के बीच दूरी सामान्य से ज्यादा रखनी होती है। - Dainik Bhaskar
वॉबल सीम बॉल फेंकने के लिए ग्रिप में इंडेक्स और रिंग फिंगर के बीच दूरी सामान्य से ज्यादा रखनी होती है।

भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने पिछले दिनों श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के 3 मैचों में 9 विकेट लिए। 7 विकेट उन्होंने पावरप्ले में ही लिए। 2022 की शुरुआत से अब तक पावरप्ले में वे ज्यादा वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। नई गेंद से उनकी गेंदबाजी को वर्ल्ड क्लास कहा जा रहा है।

ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले एक साल में सिराज ने ऐसा क्या किया है जिससे उनकी गेंदबाजी इतनी मारक हो गई है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सिराज ने एक ऐसा 'ब्रह्मास्त्र' डेवलप कर लिया है जो मौजूदा समय में सिर्फ इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के पास है।

इस ब्रह्मास्त्र का नाम है 'वॉबल सीम डिलीवरी' है। वॉबल (Wobble) का मतलब होता है लड़खड़ाना। गेंदबाजी में इस शब्द का इस्तेमाल होता है जब बॉलर के हाथ से निकलने के बाद गेंद की सीम स्थिर नहीं होती है। वह लड़खड़ाती रहती है। यानी वह बाएं-दाएं हिलती रहती है। यानी गेंदबाज के हाथ से छूटने के बाद से पिच पर टप्पा खाने तक गेंद की सीम एक दिशा में स्थिर रहने की बजाय दोनों दिशाओं में मूव होती रहती है। इससे बल्लेबाज कनफ्यूज रहते हैं कि गेंद टप्पा खाने के बाद अंदर आएगी या बाहर जाएगी।

जब गेंद की सीम अपनी टैजेक्ट्री (गेंदबाज से हाथ से छूटने के बाद से टप्पा खाने तक की यात्रा) में किसी एक दिशा में स्थिर रहती है तो बल्लेबाज अंदाजा लगा लेता है कि यह बाहर निकलेगी या अंदर। लेकिन वॉबल सीम होने पर मूवमेंट का अंदाजा तब तक नहीं लगाया जा सकता है जब तक वह पिच न हो गई हो। इससे बल्लेबाज को गेंद भांपने के लिए कम समय मिलता है और शॉट सेलेक्शन में गलती की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही गेंदबाज को विकेट मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

सिराज खुद इस पर क्या कहते हैं?
श्रीलंका के खिलाफ आखिरी वनडे में उन्होंने पावरप्ले में ही 4 विकेट निकाल दिए थे। मैच के बाद सिराज ने कहा कि वॉबल सीम बैटर्स को आसानी से समझ नहीं आती। इस डिलीवरी के साथ मेरी कोशिश होती है कि बॉल को सही टप्पे पर डालूं और बल्लेबाज के लिए ज्यादा से ज्यादा कठिनाई पेश करूं।

पहले नेट्स में किया अभ्यास
सिराज ने कहा उन्होंने नेट्स में वॉबल सीम से गेंदबाजी का जमकर अभ्यास किया। जब इस पर अच्छा कंट्रोल हो गया तो इसे मैच में आजमाना शुरू किया। अब इससे अच्छे नतीजे भी मिल रहे हैं।

कैसे फेंकी जाती है यह गेंद?
वॉबल सीम डिलीवरी आम तौर पर तेज गेंदबाज डालते हैं। इन-स्विंग और आउट स्विंग बॉल फेंकने के लिए इंडेक्स और रिंग फिंगर को सीम के पास रखना होता है। लेकिन, वॉबल सीम बॉल फेंकने के लिए दोनों उंगलियों के बीच दूरी बढ़ानी होती है।

एंडरसन ने इसे बनाया ब्रह्मास्त्र
माना जाता है कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने वॉबल सीम डिलीवरी को फेमस किया। वॉबल सीम डिलीवरी की मदद से 40 साल की उम्र में भी वे कई युवा और दिग्गज बैटर्स को परेशान कर रहे हैं। पिछले 12 सालों से इसी बॉल का यूज कर एंडरसन ने कई विकेट लिए। वह इस वक्त सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले पेसर भी हैं। इंग्लैंड के लिए 177 टेस्ट में उन्होंने 675 विकेट लिए हैं।

पाकिस्तान के मोहम्मद आसिफ ने दी इंस्पिरेशन
एंडरसन ने बताया था कि 2010 में पाकिस्तान दौरे पर उन्होंने इस गेंद को फेंकना सीखा था। उन्होंने पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज मोहम्मद आसिफ को कई बार ऐसा करते हुए देखा। उन्हें इससे कई विकेट भी मिले। इसलिए एंडरसन ने भी वॉबल सीम से बॉलिंग करना शुरू कर दिया। आसिफ ने पाकिस्तान के लिए 23 टेस्ट में 106 और 38 वनडे में 46 विकेट लिए।

इन दिनों मोहम्मद सिराज के अलावा पाकिस्तान के मोहम्मद अब्बास, न्यूजीलैंड के टिम साउदी और उमेश यादव जैसे कई बॉलर अलग-अलग तरीकों से वॉबल सीम का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस डिलीवरी का पावरप्ले से क्या नाता?
वॉबल सीम डिलीवरी आम तौर पर नई गेंद से ज्यादा कारगर होती है। लाल गेंद में इसका असर थोड़े लंबे समय तक रहता है। वहीं, सफेद गेंद में इसका असर कुछ ओवरों के बाद ही बंद हो जाता है। ऐसे में सिराज वॉबल सीम डिलीवरी को पावरप्ले में बेहतरीन तरीके से यूज कर लगातार विकेट चटका रहे हैं।

सिराज ने सबसे ज्यादा पावरप्ले विकेट लिए
2019 में वनडे डेब्यू के बाद 2022 से सिराज को लगातार टीम इंडिया में शामिल किया जाने लगा। इसका कारण था, उनकी विकेट लेने की क्षमता। उन्होंने भारत के लिए अब तक खेले 19 वनडे में 33 विकेट लिए हैं। 2022 के बाद से 1 से 10 ओवरों के बीच सिराज ने 18 पारियों में 23 विकेट लिए। उनके बाद न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने पावरप्ले में 10 विकेट लिए हैं। 2022 में सिराज ने पावरप्ले में ही 16 विकेट लिए थे।

टेस्ट में ले चुके हैं 46 विकेट
2020 में टेस्ट डेब्यू करने के बाद से वे लगातार टेस्ट क्रिकेट में अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। भारत के लिए अब तक खेले 15 टेस्ट में उन्होंने 46 विकेट लिए हैं। वनडे और टेस्ट में तो सिराज अच्छा कर रहे हैं, लेकिन टी-20 में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। 2017 में टी-20 डेब्यू करने के बाद खराब प्रदर्शन के चलते उन्होंने 2021 और 2022 के वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं मिली।