UAE में होने वाले अंडर-19 क्रिकेट एशिया कप के लिए यश ढुल को भारतीय टीम का कप्तान बनाया है। दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले यश ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि उनके पिता विजय कुमार का सपना था कि वह देश के लिए क्रिकेट खेलें, लेकिन परिवार की आर्थिक समस्याओं की वजह से उनको क्रिकेट छोड़कर जॉब करना पड़ा। अब वो मुझमें अपने सपनों को देखते हैं। मेरी प्रैक्टिस प्रभावित न हो, इसलिए उन्होंने जॉब भी बदल लिया था।
ढुल ने बताया कि पापा कॉस्मेटिक कंपनी में काम करते हैं। उन्हें हमेशा ट्रैवल करना पड़ता था। वे समय नहीं दे पाते थे। मेरी प्रैक्टिस पर ध्यान नहीं दे पाते थे। इसलिए उन्होंने जॉब बदल दिया। उस दौरान घर की आर्थिक स्थिति पर इसका असर पड़ा। पापा ने कई खर्चों में कटौती की, पर मेरे और दीदी पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया। उस दौरान दादा की पेंशन से हमारे घर का खर्च चलता था। मेरे दादा आर्मी से रिटायर्ड हैं।
दादा का भी बड़ा योगदान
यश ने बताया कि पापा जॉब करते थे, ऐसे में क्रिकेट की ट्रेनिंग और मैच में मेरे दादा (जगत सिंह ढुल) जी ही मुझे लेकर जाते थे। मुझे 6 साल की उम्र से बाल भवन और एयर लाइनर क्रिकेट एकेडमी में लेकर जाने लगे। जब तक मैं ट्रेनिंग करता मेरे दादा जी ग्राउंड के बाहर ही बैठकर मेरा इंतजार करते थे। वह कई बार मुझे मैच में भी लेकर जाते थे। वहां वह बैठकर मैच देखते थे। कई बार जब मैं खराब प्रदर्शन करता, तो वह मेरी हौसला अफजाई करते थे। हमेशा कहते थे कि आज खराब खेला है तो क्या हुआ, कल शानदार खेलोगे।
मां ने पहचानी मेरी प्रतिभा
मैं अन्य बच्चों की तरह क्रिकेट खेलता था। घर में भी हमेशा बैट और गेंद से खेलता रहता था। तब मां ने मेरी क्रिकेट में रुचि को देखकर पापा से एकेडमी में दाखिला कराने के लिए कहा था। क्रिकेट में मेरी रुचि देख पापा घर की छत पर मुझे बैटिंग की प्रैक्टिस कराते थे।
प्रदीप कोचर ने बनाया बल्लेबाज
यश ने बताया कि वह मीडियम पेसर गेंदबाज बनना चाहते थे, वह गेंदबाजी करते थे, पर एयर लाइनर एकेडमी के कोच प्रदीप कोचर ने उन्हें बल्लेबाज बनाया। उन्होंने ही मुझे बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कहा। उनके मार्गदर्शन की वजह से ही मैं बेहतर बल्लेबाजी की बदौलत अंडर-19 में टीम इंडिया के कप्तान के लायक बन पाया।
देश को खिताब दिलाना लक्ष्य
मेरा एक तरह से यह पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट भी है। हालांकि इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब भारत में आई थी, तब मैं खेला था। उस समय भारत की दो टीमों ने भाग लिया था। मैं दिल्ली की अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी कर चुका हूं। मेरा लक्ष्य एशिया कप में देश को ट्रॉफी दिलाना है। साथ ही मैं अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित करना चाहता हूं ताकि मुझे सीनियर टीम में भी मौका मिले।
12 साल की उम्र में चुने गए अंडर 14 में
यश जब 12 साल की उम्र के थे, तभी उन्हें दिल्ली की अंडर-14 टीम में जगह मिली थी। उसके बाद उन्होंने अंडर-16 और अंडर-19 में दिल्ली की कप्तानी की।
विराट की तरह शॉट खेलना पसंद
वैसे तो यश सभी भारतीय क्रिकेटरों को फॉलो करते हैं, लेकिन उन्हें टेस्ट कप्तान विराट कोहली की तरह शॉट खेलना पसंद है। वह कहते हैं कि मैं रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली को फॉलो करता हूं। मेरी कोशिश होती है कि मैं इनके जैसा शॉट्स खेलूं, लेकिन मुझे सबसे ज्यादा विराट कोहली के शॉट पसंद हैं।
स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज से कर रहे हैं ग्रेजुएशन
यश ने इसी साल 12वीं पास की है। वह स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहे हैं।
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