- बीसीसीआई के पुराने संविधान के मुताबिक, चयन समिति का कार्यकाल 4 साल का
- एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा को चयन समिति में 2015 में नियुक्त किया गया था, यानी इनका कार्यकाल खत्म
- जतिन परांजपे, सरनदीप सिंह और देवांग गांधी को 2016 में नियुक्त किया गया था, एक साल का कार्यकाल बाकी
- संशोधित संविधान में चयन समिति का अधिकतम कार्यकाल 5 साल, पर गांगुली बोले- कार्यकाल से आगे नहीं जा सकते
Dainik Bhaskar
Dec 01, 2019, 09:17 PM ISTखेल डेस्क. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार को एजीएम के बाद साफ कर दिया कि अब एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने वार्षिक साधारण सभा खत्म होने के बाद कहा कि, आप अपने कार्यकाल से आगे काम नहीं कर सकते।
बीसीसीआई के पुराने संविधान के मुताबिक चयन समिति का कार्यकाल चार साल से ज्यादा का नहीं हो सकता। इस हिसाब से चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा का कार्यकाल खत्म हो चुका है। क्योंकि ये दोनों 2015 से सिलेक्टर हैं। वहीं जतिन परांजपे, सरनदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में चयन समिति में शामिल हुए थे। ऐसे में पुराने संविधान के मुताबिक इनका कार्यकाल एक साल और बचा है। हालांकि बीसीसीआई के नए संविधान में यह अवधि पांच साल की है। लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलनी है।
बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली ने कहा- हर साल नहीं चुने जाएंगे चयनकर्ता
इस पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि, इनका कार्यकाल( एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा ) का खत्म हो चुका है। उन्होंने अच्छा काम किया। आप इससे आगे नहीं जा सकते। इसमें से कुछ का कार्यकाल एक साल बचा है। ऐसे में ये समिति के सदस्य बने रहेंगे। हम चयनकर्ताओं के लिए एक फिक्स कार्यकाल बनाएंगे। हर साल सलेक्टर्स का चयन करना सही नहीं है।"
मौजूदा चयन समिति के कार्यकाल में भारत ने इस साल लगातार 7 टेस्ट जीते
इस चयन समिति के कार्यकाल के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा। खासतौर पर इस साल टीम ने 8 में से लगातार सात टेस्ट जीते हैं। भारत वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अब तक अपने सभी 7 मैच जीतकर 360 पॉइंट के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर है। लेकिन इस दौरान कई बड़े टूर्नामेंट में हार भी मिली। इसमें विश्व कप, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट शामिल हैं।
