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16 टीमों में हॉकी वर्ल्ड कप की जंग:बेल्जियम-ऑस्ट्रेलिया फेवरेट, भारत चौथी बार करेगा मेजबानी; जानें 52 साल पुराने टूर्नामेंट के बारे में

स्पोर्ट्स डेस्क3 महीने पहले
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ओडिशा में 13 जनवरी से हॉकी वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है। भारत चौथी बार हॉकी के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। इसके मुकाबले भुवनेश्वर और राउरकेला में खेले जाएंगे।

यह इस टूर्नामेंट का 15वां एडिशन है। 13 जनवरी से शुरू हो रहे टूर्नामेंट में 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं। 16 टीमों को 4-4 के चार ग्रुप में बांटा गया है। भारत को ग्रुप-4 में इंग्लैंड, वेल्स और स्पेन के साथ रखा गया है। उसका पहला मुकाबला 13 जनवरी को शाम 7 बजे स्पेन के साथ होगा। 17 दिन तक चलने वाले टूर्नामेंट में 44 मैच होंगे। टूर्नामेंट का फाइनल 29 जनवरी को खेला जाएगा। इस खबर में हम आपको टूर्नामेंट के बारे में सब कुछ बताएंगे।

आइए जानते हैं टूर्नामेंट की शुरुआत, अब तक के चैंपियंस, मौजूदा सीजन का फॉर्मेट, दावेदार और भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने के चांस...

सबसे पहले चलते हैं शुरुआत में...
हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत 52 साल पहले 1971 में हुई थी। तब इस टूर्नामेंट में 10 टीमों ने हिस्सा लिया था। पाकिस्तान ने फाइनल में स्पेन को 1-0 से हराकर पहले वर्ल्ड चैंपियन बनने का रुतबा हासिल किया था। तब भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला।

अगले ग्राफिक में देखिए वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन

1982, 2010, 2018 के सीजन भारत में हुए
भारत चौथी बार टूर्नामेंट होस्ट कर रहा है। इससे पहले भारत ने 1982, 2010 और 2018 के एडिशन की मेजबानी की है। पहला वर्ल्ड कप 1971 में खेला गया था। उसके बाद से 1975 तक हर 2 साल में इसका आयोजन होता था। फिर 1981 तक 3 साल के गैप में वर्ल्ड कप हुआ। फिर 1986 से लगातार 4 साल के अंतराल में वर्ल्ड कप होता आ रहा है। 2022 में कोविड के चलते टूर्नामेंट शिफ्ट कर दिया गया था। अब जनवरी 2023 में इसे आयोजित किया जा रहा है।

अब बात करते हैं चैंपियंस की
पाकिस्तान टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम है। उनके नाम 4 खिताब हैं। पाकिस्तान के अलावा ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड ने 3-3 बार खिताब जीते हैं। जर्मनी 2 बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। वहीं, बेल्जियम ने भी भारत की तरह एक बार खिताब जीता है।

अब समझिए टूर्नामेंट का फॉर्मेट...
चारों ग्रुप में टॉप पर रहने वाली टीमें सीधे क्वार्टर फाइनल राउंड में प्रवेश करेंगी। जबकि सभी ग्रुप में दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाली टीमें क्रॉसओवर राउंड खेलेंगी। क्रॉसओवर मैच जीतने वाली टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी। क्वार्टरफाइनल राउंड जीतने वाली टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी। 27 जनवरी को दो सेमीफाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। सेमीफाइनल जीतने वाली टीमें 29 जनवरी को भुवनेश्वर में शाम 7 बजे फाइनल खेलेंगी।

29 को ही थर्ड प्लेस मैच भी होगा। क्वार्टर फाइनल मुकाबलों के दौरान ही 5वें से 16वें नंबर पर रहने वाली टीमों के मैच भी होंगे। अगले ग्राफिक में समझिए फॉर्मेट

44 मैच खेलेंगी 16 टीमें
वर्ल्ड कप के मुकाबले भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम और राउरकेला के बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में खेले जाएंगे। मुकाबले दोपहर 1:00 बजे, 3:00 बजे, 5:00 और शाम 7:00 बजे से शुरू होंगे। फाइनल तक सभी टीमों के बीच कुल 44 मैच होंगे। टूर्नामेंट की 16 टीमों को 4 ग्रुपों में बांटा गया है।

अगले ग्राफिक में देखिए किस टीम को किस ग्रुप में रखा गया है।

भारत का पहला मैच स्पेन से
भारतीय टीम इंग्लैंड, वेल्स और स्पेन के साथ ग्रुप-4 में है। 13 जनवरी को अर्जेंटीना-साउथ अफ्रीका के बीच दोपहर 1:00 बजे से मैच के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत होगी। 13 को ही शाम 7 बजे भारत का मैच स्पेन से होगा। 15 जनवरी को शाम 7 बजे से इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा और 19 जनवरी को शाम 7 बजे वेल्स से भारत का तीसरा मैच होगा।

ऑस्ट्रेलिया-बेल्जियम मजबूत दावेदार
ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम गोल्ड मेडल जीतने की सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। इन दोनों टीमों के बीच 2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक का फाइनल मुकाबला खेला गया था। बेल्जियम ने जहां ऑस्ट्रेलिया को हराकर गोल्ड मेडल जीता थी। बेल्जियम वर्ल्ड कप की डिफेंडिंग चैंपियन भी है। 2018 के वर्ल्ड कप फाइनल में टीम ने नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में हराकर पहली बार खिताब जीता था।

3 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया भी खिताब की मजबूत दावेदार है। टीम ने पिछले ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं, उन्होंने पिछले दिनों लगातार 7वीं बार कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया था।

भारत और नीदरलैंड की टीमें भी चैंपियन बनने की दावेदार हैं। टीम इंडिया ने पिछले दिनों बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स का सिल्वर मेडल भी जीता है। वहीं, भारत ने जर्मनी को हराकर 41 साल बाद टोक्यो ओलिंपिक का ब्रॉन्ज मेडल जीता था। ओलिंपिक के बाद से टीम लगातार अच्छा परफॉर्म कर रही है। 3 बार की चैंपियन नीदरलैंड पिछले 2 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। इससे पहले टीम 2 बार और भी वर्ल्ड कप में रनर-अप रही है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, भारत के नीदरलैंड भी खिताब जीतने की मजबूत दावेदार हैं।

बेल्जियम की टीम हॉकी वर्ल्ड कप की डिफेंडिंग चैंपियन है। उन्होंने 2018 में नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में हराकर खिताब जीता था।
बेल्जियम की टीम हॉकी वर्ल्ड कप की डिफेंडिंग चैंपियन है। उन्होंने 2018 में नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में हराकर खिताब जीता था।

अब एक नजर डालिए वर्ल्ड कप खेलने जा रही टीम इंडिया पर

हॉकी वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया
पीआर श्रीजेश, कृष्णा पाठक, अरमानप्रीत सिंह, सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), वरुण कुमार, अमीत रोहिदास (उप कप्तान), नीलम संजीव जेस, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, निलकांत शार, शमशेर सिंह, विवेक सागर प्रसाद, आकाशदीप सिंह, मंदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, अभिषेक, सुखजीत सिंह, राजकुमार पाल और जुगराज सिंह।

18 अंपायर की रहेगी नजर
टूर्नामेंट के मैचों में 18 रेफरी निर्णायक की भूमिका में रहेंगे। इनमें मलेशिया के रवि अन्बनाथन, स्कॉटलैंड के मार्टिन मैडेन, चेक रिपब्लिक के याकुल मेज्लिक, अर्जेंटीना के जर्मन मोंटेस डी ओका, भारत के रघु प्रसाद, साउथ अफ्रीका के सॉन रापापोर्ट, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव रॉजर्स, भारत के जावेद शैख, न्यूजीलैंड के डेविड टॉमलिंसन, इंग्लैंड के डैन बारस्टॉ, जर्मनी के क्रिश्चियन ब्लाश्च, उरुग्वे के फेडेरिको गार्सिया, न्यूजीलैंड के गैरथ ग्रीनफील्ड, पोलैंड के मार्सिन ग्रोचल, जर्मनी के बेन गॉन्टगेन, मलेशिया के एरिक कोह और सिंगापुर के लिम हॉन्ग झेन पूरे टूर्नामेंट के रेफरी रहेंगे।