IPL-15 के फाइनल में राजस्थान को हराकर गुजरात टाइटंस अपने डेब्यू सीजन में ही चैंपियन बन गई। राजस्थान के बाद अपने पहले सीजन में ही ट्रॉफी जीतने वाली गुजरात दूसरी टीम बनी। जब राजस्थान ने 2008 में ट्रॉफी जीती थी तो उसे टूर्नामेंट की सबसे कमजोर टीम माना जा रहा था, पर उसने एक के बाद एक धुरंधरों को जैसे धराशायी किया, ऐसा ही कुछ गुजरात ने इस साल किया।
हार्दिक पंड्या की कप्तानी वाली गुजरात टाइटंस एक पूरी टीम की तरह खेली। लीग मैचों तक 14 में से 10 मुकाबले जीतकर टीम पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रही। हर मुकाबले में कोई न कोई खिलाड़ी टीम की जिम्मेदारी लेता नजर आया। भले ही टीम में देश-दुनिया के बड़े-बड़े खिलाड़ी ज्यादा नहीं थे, पर अलग-अलग खिलाड़ियों ने टीम को महत्वपूर्ण मौकों पर फिनिशिंग लाइन के पार पहुंचाया। आइए जानते हैं उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जो गुजरात के लिए इस सीजन में सबसे बड़े मैच विनर बनकर उभरे-
हार्दिक पंड्या: फिटनेस को लेकर संशय था पर पूरे टूर्नामेंट में मैच विनर की तरह खेले
हार्दिक पंड्या एक ऑल-राउंडर और कप्तान के रूप में गुजरात के लिए सबसे बड़े मैच विनर के रूप में उभरे। एक ओर IPL से पहले जहां सभी को चिंता थी कि हार्दिक अपनी फिटनेस के चलते सभी मैच खेल भी पाएंगे या नहीं, ऐसे में गुजरात ने न सिर्फ उन्हें ऑक्शन से पहले 15 करोड़ रुपए देकर ड्राफ्ट में लिया, बल्कि टीम का कप्तान भी बना दिया। हार्दिक ने IPL-15 में अपने प्रदर्शन के जरिए सलेक्शन को जस्टिफाई भी किया।
पंड्या ने मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते हुए टीम के लिए 15 मैचों में 487 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 4 अर्धशतक निकले और उनका स्ट्राइक रेट 131.27 का रहा। टूर्नामेंट से पहले चोट के चलते काफी कम गेंदबाजी कर रहे पंड्या ने IPL-15 में सधी हुई गेंदबाजी भी की और 15 मैचों में 8 विकेट चटकाए। उनका इकॉनोमी भी इस दौरान 8 से नीचे रहा। फाइनल मुकाबले में हार्दिक ने 17 रन देकर 3 विकेट चटकाए और राजस्थान को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। इसी का नतीजा रहा कि गुजरात आसानी से टारगेट चेज करके चैंपियन बन गई।
IPL-15 में हार्दिक पंड्या का कैप्टन अवतार भी सभी को पसंद आया। उनकी अगुआई में टीम मैदान पर हमेशा मोटिवेटेड दिखी और लीग मैचों में पॉइंट्स टेबल के टॉप पर फिनिश करने के बाद चैंपियन बनने में कामयाब रही।
डेविड मिलर: करियर का बेस्ट प्रदर्शन, 16 में से 9 मैचों में नॉट-आउट रहे
साउथ अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड मिलर के लिए IPL-15 उनके करियर का सबसे सफल सीजन साबित हुआ। 2014 के बाद से मिलर लगातार IPL में रन बनाने के लिए जूझते रहे। इसके बावजूद गुजरात टाइटंस ने ऑक्शन में 3 करोड़ रुपए देकर न सिर्फ उनके फिनिशिंग स्किल्स पर भरोसा दिखाया, बल्कि हर मैच की प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह भी बनी।
टीम मैनेजमेंट के इस भरोसे को मिलर ने अपने प्रदर्शन से साकार किया। अपने IPL करियर का सबसे बेहतरीन खेल दिखाते हुए किलर-मिलर ने टूर्नामेंट के 16 मैचों में 68 से ऊपर के औसत से 481 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 142.73 का रहा और उनके बल्ले से दो तेज तर्रार अर्धशतक भी निकले। 16 मैचों में 9 मौकों पर मिलर नॉट-आउट बल्लेबाज के रूप में पवेलियन लौटे।
टूर्नामेंट के पहले क्वालिफायर में जब गुजरात को जीत के लिए आखिरी ओवर में 16 रन चाहिए थे तो मिलर ने 3 गेंदों में लगातार 3 छक्के लगाकर मैच जिता दिया।
राहुल तेवतिया: मैच की आखिरी दो गेंदों पर दो छक्के लगाकर जिताया मैच
9 करोड़ रुपए में खरीदे गए राहुल तेवतिया गुजरात के लिए एक से ज्यादा मौकों पर मैच विनर के रूप में उभरे। उनके आंकड़े भले ही कमजोर दिखते हों, पर लीग मैचों में उनका इम्पैक्ट काफी नजर आया। पंजाब के खिलाफ मैच की आखिरी दो गेंदों पर जब गुजरात को 12 रनों की आवश्यकता थी, तो तेवतिया ने दो छक्के लगाकर टीम को जीत दिला दी। इसके बाद एक अन्य मैच में राशिद खान के साथ 24 गेंदों में 59 रन जोड़कर तेवतिया ने फिर ऐसा ही कारनामा किया।
टूर्नामेंट के 16 मुकाबलों में राहुल तेवतिया ने 217 रन बनाए। उनका औसत 31 का और स्ट्राइक रेट 147.62 का रहा। अपनी तेज पारियों से तेवतिया ने एक से ज्यादा मौकों पर गुजरात को आखिरी ओवर में जीत दिलाई और आसानी से टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राशिद खान: गेंदबाज हैं, पर 200 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से बनाए रन
विश्व के टॉप T20 गेंदबाजों में शुमार अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान एक पहले से स्थापित मैच विनर खिलाड़ी हैं और उन्होंने ये इस सीजन में भी साबित किया। गुजरात ने उन्हें ऑक्शन से पहले 15 करोड़ रुपए में ड्राफ्ट में लिया और टीम को पूरे सीजन इसका फायदा मिला। राशिद सिर्फ एक गेंदबाज की जगह एक ऑल-राउंडर का प्रदर्शन करते नजर आए।
सीजन के 16 मैचों में राशिद खान ने अपने जाने-माने रहस्यपूर्ण तरीके से गेंदबाजी की और 19 विकेट चटकाए। रन देने के मामले में उन्होंने काफी कंजूसी की और उनका इकॉनोमी 6.60 का रहा। राशिद ने बल्लेबाजी में भी 200 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। कई मौकों पर उन्होंने आखिरी ओवरों में बाउंड्रीज मारकर टीम के स्कोर में काफी योगदान दिया। पूरे टूर्नामेंट में उन्हे 44 गेंदे खेलने को मिलीं, जिसमें उन्होंने 91 रन जड़ दिए। हैदराबाद के खिलाफ तो राशिद ने 11 गेंदों में 31 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
हार्दिक पंड्या की गैरमौजूदगी में राशिद ने टीम की कप्तानी भी अच्छे से संभाली, जिसने मैनेजमेंट को भविष्य के लिए एक अच्छा विकल्प दे दिया है।
मोहम्मद शमी: सीजन की पहली गेंद पर किया केएल राहुल को क्लीन बोल्ड, पावरप्ले में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
सीजन में अपनी पहली गेंद पर केएल राहुल को बोल्ड कर गुजरात के लिए शगुन का नारियल मोहम्मद शमी ने ही फोड़ा। मोहम्मद शमी की धारदार गेंदबाजी और उनके अनुभव ने सीजन के हर मैच में गुजरात को शुरुआत से ही गेम में बनाए रखा। पावरप्ले और डेथ ओवर्स में गेंदबाजी की जिम्मेदारी को बखूबी संभालते हुए मोहम्मद शमी ने सीजन के 16 मैचों में 20 विकेट चटकाए। पारी के सबसे मुश्किल छोरों पर गेंदबाजी करते हुए भी शमी का इकॉनोमी रेट सिर्फ 8 का रहा। शमी को टाइटंस ने ऑक्शन में 6.25 करोड़ रुपए में खरीदा था।
पावरप्ले में गेंदबाजी करते हुए तो शमी ने सीजन में सबसे ज्यादा 11 विकेट चटकाए और इस दौरान उनका इकॉनोमी 7 से भी कम था। ये शमी की घातक गेंदबाजी ही थी कि गुजरात समय-समय पर विपक्षी बल्लेबाजों के महत्वपूर्ण विकेट निकाल सकी।
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