भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर में खेला गया पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। भारतीय मूल के दो बल्लेबाजों रचिन रवींद्र और एजाज पटेल ने आखिरी विकेट की नाबाद पार्टनरशिप में 52 गेंदें खेल कर भारत को जीत से दूर रखने में कामयाबी हासिल की। दिग्गज कमेंटेटर सुशील दोषी ने अपने पॉडकास्ट में कहा कि ऐसे मुकाबले टेस्ट क्रिकेट के लिए बेहतरीन विज्ञापन होते हैं। आखिरी गेंद तक लोगों को पता नहीं था कि मैच का नतीजा क्या होगा। दोषी ने कहा कि मैच भले ही ड्रॉ हो गया, लेकिन टेस्ट क्रिकेट जीत गया।
पिच पांचों दिन एक समान खेली
दोषी के मुताबिक कानपुर की पिच खराब नहीं थी। उन्होंने कहा कि आपको दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मिजाज की पिचों पर खेलना होता है। ऑस्ट्रेलिया में बाउंस मिलती है तो इंग्लैंड में स्विंग। भारत में स्पिन और लो बाउंस का चैलेंज होता है। कानपुर टेस्ट में पिच पांचों दिन एक समान खेली और दोनों टीमों के पास जीत के मौके थे। लिहाजा पिच को खराब नहीं कह सकते हैं। आप अगर खुद को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम कहलाना चाहते हैं तो आपको हर तरह के कंडीशन में अच्छा खेल दिखाना होगा।
पुछल्ले कीवी बल्लेबाजों ने किया परेशान
दिग्गज कमेंटेटर ने कहा कि मैच की चौथी पारी में भारतीय विलियम सोमरविले, रचिन रवींद्र और एजाज पटेल जैसे पुछल्ले बल्लेबाजों ने भारत को बहुत परेशान किया। पहली पारी में नंबर-10 पर बल्लेबाजी करने वाले सोमरविले दूसरी पारी में नाइट वॉचमैन के रूप में उतरे थे। उन्होंने 110 गेंदों का सामना किया। इसके बाद रचिन ने 91 और एजाज ने 23 गेंदें खेलीं।
तेज गेंदबाजी में बदलाव की जरूरत
सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच मुंबई में 3 दिसंबर से शुरू होना है। दोषी का मानना है कि उस टेस्ट में भी भारत का स्पिन आक्रमण वही रहेगा, जो पहले टेस्ट में था, लेकिन तेज गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव की जरूरत है। जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया है, लेकिन बेहतर होगा कि उन्हें वापस बुलाया जाए। अगर बुमराह उपलब्ध नहीं होते हैं तो किसी और विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए।
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