जोहान्सबर्ग में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन पंत के एक कैच पर विवाद हो गया। लंच से ठीक पहले शार्दूल ने रैसी वान डेर डूसेन का विकेट लिया। वान डेर डूसेन का कैच विकेट के पीछे ऋषभ पंत ने पकड़ा और इस विकेट के साथ ही लंच भी हो गया।
ऑनफील्ड अंपायर का निर्णय कायम रहता
इसके बाद रीप्ले में दिखाया गया कि गेंद पंत के दस्तानों में पहुंचने से पहले ही जमीन पर टप्पा खा चुकी थी। हालांकि बल्लेबाज डूसेन ने इसके लिए अपील नहीं की और अंपायर को भी लगा कि कैच क्लीन है। बाद में बताया गया कि अंपायर्स ने लंच के दौरान रीप्ले देखा और पाया कि कैच न होने के सबूत अपर्याप्त हैं। डिसीजन थर्ड अंपायर के पास रेफर किए जाने पर भी ऑनफील्ड अंपायर का निर्णय ही कायम रहता। इसलिए अंपायर्स ने भारतीय टीम से यह नहीं पूछा कि क्या वे बल्लेबाज को फिर से बुलाना चाहते हैं।
तीसरे अंपायर के पास पहुंचे अफ्रीकी कप्तान एल्गर
रैसी के विकेट का वीडियो सा. अफ्रीकी टीम ने भी देखा, जिसके बाद टीम के कप्तान डीन एल्गर और टीम मैनेजर थर्ड अंपायर के पास पहुंचे। दोनों ने रैसी को गलत आउट देने के खिलाफ अपील भी की। इसके बाद तीसरे अंपायर ने कहा कि फुटेज देख साबित नहीं हो रहा है कि गेंद पंत के दस्तानों में जाने से पहले जमीन पर लगी है, इसलिए डूसेन के विकेट पर भारतीय कप्तान केएल राहुल से बात नहीं की जा सकती।
अगर तीसरे अंपायर को ऐसा लगता कि वान डेर डूसेन नॉट आउट है, तो वह केएल राहुल ने अपील वापस लेने की मांग कर सकते थे और अगर राहुल इसपर सहमत होते, तो रैसी को वापस बैटिंग के लिए बुलाया जा सकता था।
गावस्कर ने भी उठाए सवाल
कॉमेंटेटर का भी यही मानना था कि डूसेन नॉट आउट हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अगर बल्लेबाज को हल्का-सा भी शक हुआ तो वो रुके क्यों नहीं या उन्हें अपील करनी चाहिए थी। वान डेर डूसेन 17 गेंदों पर 1 रन बनाकर आउट हुए।
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