लॉर्ड्स. विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड लीग मैचों के दौरान सेमीफाइनल पहुंचने के लिए भी संघर्ष कर रही थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी लीग मैच में टीम के ओपनर जॉनी बेयरस्टो ने शतकीय पारी खेलकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कराई। बेयरेस्टो का करियर भी संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने 8 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया, उस वक्त उनकी मां जैनेट भी कैंसर से पीड़ित थीं। एक इंटरव्यू में बेयरस्टो ने कहा था- मुश्किलों ने ही हमारे परिवार को मजबूत बना दिया। बेयरस्टो के परिवार में उनकी मां के अलावा बहन बेकी और भाई एंड्र्यू हैं।
वर्ल्ड कप में बेयरस्टो ने 532 रन बनाए, 2 शतक लगाए
इंग्लैंड की टीम को प्वाइंट टेबल में टॉप 4 में जगह बनाने के लिए आखिरी लीग मैच जीतना जरूरी था। मुकाबला न्यूजीलैंड से था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 305 रन बनाए। बेयरेस्टो ने 106 रन की पारी खेली। उनकी टीम ने ये मुकाबला 119 रन से जीता और सेमीफाइनल में जगह पक्की की। बेयरेस्टो ने टीम के लिए 53 की औसत से 532 रन बनाए और 2 शतक लगाए।
कर्ज की वजह से पिता ने जान दी थी
1998 में बेयरस्टो के पिता ने कर्ज और अवसाद के चलते खुदकुशी कर ली थी। द गार्डियन को दिए इंटरव्यू में बेयरस्टो ने बताया था- हमें पिता घर पर इस हालत में मिले थे और मैं 8 साल का था। तब भी जानना मुश्किल नहीं था कि क्या हुआ। हां, तब हम यह भी जानते थे कि मां को कैंसर है, क्योंकि कीमोथैरेपी की वजह से उनके बाल जा चुके थे। मां की पीड़ा बहुत ज्यादा थी, लेकिन जिस तरह से उन्होंने हमें संभाला, वह गैरमामूली था। पिता की मौत के अगले ही दिन मां का जन्मदिन था। इस दिन उन्होंने मुझे और मेरी बहन को को स्कूल भेजा। उन्होंने कहा था कि हमें हालात से निपटना है। हमारे परिवार को मुश्किलों ने मजबूत बना दिया। हमारा परिवार खास है।
बेयरस्टो और उनके पिता इंग्लैंड और यॉर्कशायर के लिए खेले
इंग्लैंड की तरफ से 2012 में बेयरेस्टो ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। इसके बाद उन्हें पहला शतक लगाने में 36 पारियां लगीं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में खेले गए टेस्ट में उन्होंने शतक लगाया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता डेवि़ड बेयरस्टो को याद किया। डेविड यॉर्कशायर और इंग्लैंड के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेले थे। बेयरस्टो भी इन दोनों टीमों के लिए यही भूमिका निभा रहे हैं।
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