टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्लेन मैक्सवेल ने चौका लगाकर टीम को जीत दिलाई। जीत के बाद जैसे ही यह पल आया मैक्सवेल सहित कई खिलाड़ी काफी इमोशनल हो गए।मैक्सवेल तो कप्तान एरोन फिंच के गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगे। वहीं, मार्कस स्टोइनिस और मिचेल मार्श भी भावुक हो गए। जीत के बाद मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी जमकर झूम रहे थे।
दरअसल, 14 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया ने ये फाइनल 8 विकेट से अपने नाम किया। इस जीत में डेविड वॉर्नर ने शानदार 53 रन की पारी खेली तो वहीं, दूसरी ओर मिशेल मार्श ने 50 गेंद पर नाबाद 77 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही
टारगेट का पीछा करते हुए AUS की शुरुआत खराब रही और तीसरे ओवर में ट्रेंट बोल्ट ने एरोन फिंच (5) का विकेट चटकाया। दूसरे विकेट के लिए डेविड वार्नर और मिचेल मार्श ने 59 गेंदों पर 92 रन जोड़कर टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। इस साझेदारी को बोल्ट ने वार्नर (53) को आउट कर तोड़ा। तीसरे विकेट के लिए ग्लेन मैक्सवेल और मिचेल मार्श ने 39 गेंदों पर 66 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलियाई टीम को चैंपियन बना दिया।
विलियम्सन ने खेली कप्तानी पारी
टॉस हारकर पहले खेलते हुए NZ ने वर्ल्ड कप के फाइनल में अब तक का सबसे बड़ा (172/4) स्कोर बनाया। NZ की शुरुआत सधी हुई रही। पहले विकेट के लिए डेरिल मिचेल और मार्टिन गुप्टिल ने 23 गेंदों पर 28 रन जोड़े। इस पार्टनरशिप को जोश हेजलवुड ने मिचेल (11) का विकेट लेकर तोड़ा। पहले विकेट के बाद कीवी पारी सुस्त नजर आई और 34 गेंदों के बाद टीम की ओर से पहला चौका देखने को मिला। एडम जम्पा ने मार्टिन गुप्टिल (28) का विकेट लेकर दूसरा विकेट चटकाया। दो विकेट खोने के बाद केन विलियम्सन ने रफ्तार पकड़ी और मैक्सवेल की गेंदों पर लगातार दो छक्के लगाते हुए 31 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। 10 ओवर तक NZ का स्कोर 57/1 था। केन विलियम्सन (85) टॉप स्कोरर रहे, जबकि AUS के जोश हेजलवुड के खाते में 3 विकेट आए।
ऑस्ट्रेलिया ने सही साबित किया फैक्ट
टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल से पहले एक रोचक फैक्ट सामने निकलकर आया था। दरअसल, 2007 से 2016 के बीच कुल 6 टी-20 वर्ल्ड खेले गए हैं। 2007 के टूर्नामेंट को छोड़ दिया जाए, तो अभी 2009 से 2016 के बीच जिस भी टीम ने टी-20 WC जीता, उसका नॉकआउट मैचों से पहले भारत के साथ सामना नहीं हुआ था। मतलब साफ है कि अभी तक टूर्नामेंट के इतिहास में वो टीम विजेता बनी जिसका सामना सेमीफाइनल या फाइनल से पहले टीम इंडिया के साथ नहीं हुआ था। ऑस्ट्रेलिया ने इस फैक्ट को सही साबित कर दिखाया। उनका भी इस टूर्नामेंट में भारत के साथ कोई मुकाबला नहीं हुआ था।
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