भारत महिला हॉकी टीम का जूनियर वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया। भारतीय टीम को रविवार को खेले गए सेमीफाइनल में 3 बार की चैंपियन नीदरलैंड से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ब्रॉन्ज मेडल जीतना है। यह कारनामा भारत ने 2013 में किया था। नीदरलैंड के लिए टेसा बीट्स्मा (12वें मिनट), लूना फोकके (53वें मिनट) और जिप डिके (54वें मिनट) ने मैदानी गोल कर लगातार चौथी बार फाइनल में जगह पक्की की।
शुरू में भारत ने दबदबा बनाया, पर गोल नहीं कर सकी
भारतीय टीम ने शुरू में दबाव बनाने का प्रयास किया। मैच के शुरुआत में भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने वाली मुमताज खान ने कप्तान सलीमा टेटे के पास पर गोल करने का प्रयास किया, पर वह असफल हो गईं। उनका शॉट गोल पोस्ट से टकरा गया। शुरुआती क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने 3 पेनाल्टी कार्नर हासिल किए, लेकिन गोल में तब्दील नहीं कर पाईं।
बीट्स्मा ने नीदरलैंड के लिए किया पहला गोल
नीदरलैंड के लिए पहला गोल बीट्स्मा ने किया। उन्होंने मैच के 12 वें मिनट में गोल कर टीम को 1-0 से बढ़त दिलाई। हाफ टाइम के बाद तीसरे क्वार्टर में नीदरलैंड की टीम पूरी तरह से हावी हो गई। टीम के आक्रामक खेल ने भारतीय डिफेंस को दबाव में रखा। भारतीय टीम गोल करने का मौका ढूंढती रही, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। चौथे क्वार्टर में नूर ओमरानी के शानदार पास पर फोकके ने रिवर्स शॉट पर गोलकर नीदललैंड को 2-0 से आगे कर दिया। वहीं तुरंत बार जिप डिके ने गोल कर टीम को 3-0 से जीत दिलाई।
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