अभिनव बिंद्रा के पिता ने उन्हें चैंपियन बनाने के लिए घर में शूटिंग रेंज बनवा दी थी। उन्होंने अभिनव को ओलिंपिक गोल्ड जिताने के लिए उनकी तैयारियों में 2 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे। बेटी को चैंपियन बनाने की ललक दिखाई है अहमदाबाद के गौरव जुमानी ने।
एक शोरूम के मालिक जुमानी ने अपनी बेटी हनी को चैंपियन बनाने के लिए करीब 15 लाख रुपए खर्च कर टेनिस कोर्ट बनवाया है। वे उसे स्पेशल कोच से ट्रेनिंग भी करा रहे हैं। गौरव अपनी बेटी को सबसे छोटी उम्र की ग्रैंड स्लैम चैंपियन बनाना चाहते हैं।
3 इंटरनेशनल मेडल जीत चुकी हैं हनी
11 साल की हनी अब तक 3 इंटरनेशनल मेडल जीत चुकी है। उसके नाम राज्य स्तर पर 27 और राष्ट्रीय स्तर पर एक मेडल भी हैं। गौरव ने कहा, ‘जब बेटी 2 साल की थी, तब मैंने उसे खेलों में आगे ले जाने का फैसला किया।बेटी के टेनिस में आगे बढ़ने का अच्छा मौका था।' इस खेल में भारत में ग्रैंड स्लैम तक पहुंचने वाले बहुत कम खिलाड़ी हैं, मैं अपनी बेटी को खिताब जीतने के साथ-साथ उसे वहां पहुंचाने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं।
मैंने 5 साल की उम्र में अपनी बेटी के लिए एक एकेडमी की तलाश शुरू कर दी थी। जब वह 6 साल की हुई, तो एक टेनिस कोच ने उसे ट्रेनिंग देना शुरू किया, जिनसे उसने 3 साल तक ट्रेनिंग ली। लॉकडाउन के बाद उसने ट्रेनिंग फिर से शुरू की और प्रतियोगिताओं में जीतना शुरू कर दिया।’
कोच की सलाह पर बनवाया कोर्ट
एक कोच ने गौरव को सलाह दी कि वे अपना खुद का कोर्ट तैयार करें और अपनी बेटी को एक निजी कोच से प्रशिक्षित करें। इसके चलते गौरव 15 लाख की लागत से कोर्ट तैयार कराया। इसके बाद हनी ने कतर एशियन टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। यह हनी का पहला इंटरनेशनल इवेंट था, जिसमें वे सिंगल्स-डबल्स दोनों के सेमीफाइनल में पहुंच गई थी। कतर में एक अन्य टूर्नामेंट में डबल्स चैंपियन बनी। जॉर्डन में सिंगल्स के फाइनल में रनरअप और डबल्स में विजेता बनी।
गौरव ने कहा, ‘मैं बेटी को नंबर-1 बनाना चाहता हूं। इसके लिए उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर खेलते रहने के लिए करीब 2 करोड़ रु. से ज्यादा की जरूरत है।’ गौरव कहते हैं, ‘हनी की फिटनेस को बनाए रखने के लिए हम उन्हें 90-90 सेकंड के छोटे ब्रेक के साथ 3 घंटे तक लगातार अभ्यास करवाते हैं। इसके अलावा हम रोजाना 3 हजार स्किपिंग करते हैं, ताकि उसके पैर की मूवमेंट बेहतर हो। हनी दिन में 6 घंटे टेनिस खेलती है।’
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