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कॉमनवेल्थ में सबसे कम उम्र की भारतीय जीती:14 साल की अनाहत ने स्कवॉश में 6 साल बड़ी जैडा रॉस को हराया

बर्मिंघम8 महीने पहले
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दिल्ली की रहने वाली 14 साल की अनाहत सिंह ने खेलों की दुनिया में कमाल कर दिया है। आमतौर पर इस उम्र के बच्चे स्कूल बैग और वीडियो गेम्स में उलझे रहते हैं, लेकिन अनाहत ने इस छोटी सी उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स तक का सफर तय किया है।

वे बर्मिंघम में चल रहे इन गेम्स की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। अनाहत ने शुक्रवार को स्क्वॉश में अपना राउंड ऑफ 64 का मैच जीता है। यह सीनियर कैटेगरी में उनके करियर की पहली जीत है। ओपनिंग मैच में उन्होंने अपने से 6 साल बड़ी सेंट विंसेंट की जैडा रॉस को 11-5 11-2 11-0 से हराया।

जीत के बाद बोलीं- मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था
जीत के बाद अनाहत ने कहा, 'हकीकत में यह बहुत रोमांचक और मजेदार है। यह मेरा पहला सीनियर टूर्नामेंट है, इसलिए मुझे नहीं पता था कि क्या उम्मीद करनी है, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, मेरे अंदर भरोसा बढ़ता गया। मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था। मेरे परिवार के बहुत सारे लोग यहां हैं और वे सभी जोरदार तरीके से मुझे चीयर कर रहे थे।'

कोच बोले- उनमें कोर्ट की अच्छी समझ
यादगार जीत के बाद कोच क्रिस वॉकर ने कहा, 'उसके पास समस्या को सुलझाने का बहुत अच्छा कौशल है। वह बहुत स्मार्ट है। उसे कोर्ट की अच्छी समझ है और रैकेट का अच्छा उपयोग करती है। 14 साल की उम्र में, आप बस उस प्रतिभा को विकसित करने में मदद करना चाहते हैं। मैंने उसके साथ काम करते हुए जो थोड़ा समय दिया है, वह बहुत ही मजेदार रहा है। यह भविष्य के लिए बहुत रोमांचक है। वह एक प्यारी लड़की है।'

कोच ने आगे कहा कि अनाहत इस सब अटेंशन के प्रति शानदार रवैया रखती है। वह बस जर्नी का आनंद ले रही है। उसने तीसरा गेम 11-0 से जीता, उसके हारने का कोई मौका नहीं था। वह पूरी संजीदगी से खेलती है। जब वह खेल रही है, तो उसके खेल में परिपक्वता नजर आती है। ​​​​​​अनाहत को अंडर -15 स्तर पर उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम में चुना गया था, जिसमें इस साल एशियाई जूनियर स्क्वॉश और जर्मन ओपन में जीत भी शामिल है।'

अनाहत ने शुरुआती तीनों गेम जीते।
अनाहत ने शुरुआती तीनों गेम जीते।

छोटी बहनों की शुभकामनाएं...
अनाहत की छोटी बहनों ने उन्हें एक दिन पहले उन्हें शुभकामनाएं भेजी थीं। आप भी सुनिए इन बच्चियों ने क्या कहा था...

बहन के साथ स्क्वॉश खेलने जाती थी
फिलहाल 9वीं क्लास की स्टूडेंट अनाहत जब 6 साल की थीं तो अपनी बहन के साथ स्क्वॉश खेलने जाती थीं, लेकिन तब उन्हें बैडमिंटन में करियर बनाना था। बहन के साथ खेलते-खेलते अनाहत को कब स्क्वॉश से लगाव हो गया, इसका उन्हें पता ही नहीं चला। 2 साल बाद 8 वर्ष की उम्र से अनाहत ने खेल को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।

अनाहत 8 साल की उम्र से स्क्वॉश खेल रही हैं।
अनाहत 8 साल की उम्र से स्क्वॉश खेल रही हैं।

6 साल के करियर में जीत चुकी हैं 46 नेशनल मेडल
अनाहत ने 6 साल के करियर में 46 नेशनल सर्किट टूर्नामेंट, 2 नेशनल सर्किट खिताब, दो नेशनल चैंपियनशिप टाइटल जीते हैं। उन्होंने 8 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। इनमें ब्रिटिश जूनियर स्क्वॉश ओपन (2019) और यूएस जूनियर स्क्वॉश ओपन (2021) उनके मेजर टाइटल रहे हैं।

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