कतर फीफा वर्ल्ड कप में पांच सब्स्टीट्यूट और ज्यादा बड़ी टीमें नजर आएंगी। फुटबॉल के नियम बनाने वाली संस्था इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन बोर्ड ने वर्ल्ड कप से केवल पांच महीने पहले नियमों मे बदलाव किए हैं। अब मैच में टीमें अतिरिक्त विकल्प का इस्तेमाल कर सकेंगी। पहले कोच एक मैच में अधिकतम तीन सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल कर सकता था। अब पहली बार प्रति मैच पांच बदलाव कर सकेगा।
कोरोना को देखते हुए किया गया नियमों में बदलाव
कोरोना के कारण 2020 में खिलाड़ियों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ को देखते हुए सब्स्टीट्यूट की संख्या पहले ही अस्थाई तौर पर बढ़ाकर 3 से 5 कर दी गई थी, लेकिन अब इसे स्थाई कर दिया गया है। दुनियाभर की घरेलू लीग और चैंपियंस लीग में भी यह लागू हो जाएगा।
फीफा ने टूर्नामेंट के लिए रोस्टर (टीम) का भी विस्तार करने की घोषणा की। अब टीम में 23 की बजाय अधिकतम 26 खिलाड़ी हो सकेंगे। यह लगातार तीसरा वर्ल्ड कप है, जिसके पहले नियमों में बदलाव किया गया है। 2014 ब्राजील वर्ल्ड कप में गोल-लाइन टेक्नोलॉजी की शुरुआत हुई थी। वहीं, 2018 रूस वर्ल्ड कप में वीडियो-असिस्टेंट रिव्यू शुरू हुआ था।
टीमों ने इस बदलाव का किया स्वागत
इंग्लिश क्लब चेल्सी के कोच थॉमस टुचेल ने इस बदलाव को शानदार बताया। कतर में जून-जुलाई में काफी गर्मी होती है, इसलिए इस बार वर्ल्ड कप सर्दी के महीनों यानी नवंबर-दिसंबर में होगा। इसका अर्थ है कि वर्ल्ड कप क्लब फुटबॉल के सीजन के बीच में आयोजित होगा। इससे खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा क्योंकि खिलाड़ी क्लब टीमों के अलावा अपने-अपने देश की टीमों से भी खेलते हैं।
वैसे भी, 2020 में कोरोना के कारण कई मैच नहीं हो सके थे। जब दोबारा मैच शुरू हुए तो खिलाड़ियों को सीजन खत्म करने के लिए जल्दी-जल्दी मैच खेलने पड़े। तब से उनका शेड्यूल नॉनस्टॉप चल रहा है। इन बदलाव से यह फायदा होगा कि अगर टीम में कोई खिलाड़ी कोरोना संक्रमित हाेता है, तब कोच के पास अतिरिक्त विकल्प होगा। कोच खिलाड़ियों के वर्कलोड को मैनेज कर सकेगा।
चूंकि क्लब फुटबॉल का सीजन जुलाई-अगस्त से शुरू हो जाएगा। वर्ल्ड कप के पहले भी खिलाड़ियों को प्रैक्टिस मैच खेलने होते हैं। इससे उनके मैचों की संख्या बढ़ेगी। रोस्टर और सब्स्टीट्यूट बढ़ाने से कोच खिलाड़ियों को रोटेशन में उतारकर आराम भी दे पाएगा और उन्हें थकान से बचाकर फ्रेश रख सकेगा।
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