वर्ल्ड नंबर 16 त्रेसा जॉली और गायत्री गोपीचंद पुलेला की जोड़ी लगातार दूसरे साल ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप के महिला युगल के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है। 20 साल की गायत्री और 19 साल की त्रेसा ने 16 मार्च यानी गुरुवार को बर्मिंघम में पूर्व विश्व नंबर 1 और पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन जापान की युकी फुकुशिमा और सयाका हिरोटा को सीधे गेम में हराया।
भारत की युवा युगल जोड़ी ने बर्मिंघम में दूसरे दौर के मैच में फुकुशिमा और हिरोटा की जापानी जोड़ी को 21-14, 24-22 से मात दी। 50 मिनट तक चले इस मुकाबले में भारतीय जोड़ी शुरुआती से ही हावी रही। त्रेसा और गायत्री की जोड़ी ने पिछले साल सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, जहां उसे चीन के झांग शक्सियन और जेन यू से हारकर बाहर होना पड़ा था।
मेंस डबल्स में सात्विक-चिराग की जोड़ी हारी
वहीं चैंपियनशिप के पहले दौर में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की स्टार भारतीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। इस स्टार जोड़ी को चीन के लियांग वेई केंग और वांग चांग ने 21-10, 17-21, 19-21 से हराया। पिछले साल दोनों क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। इस साल दोनों के लिए शुरुआत ठीक नहीं रही। इंडिया ओपन में सात्विक रनिकरेड्डी को हिप में चोट आ गई थी। जिस वजह से पेयर बाहर हो गया। इसके बाद दोनों ने इंडोनेशिया मास्टर्स में भाग नहीं लिया।
पहले दौर में 7वीं सीड जोड़ी किटीथाराकुल और प्रजोंगजाई को हराया
वहीं चैपिंयनशिप के पहले दौर में भी भारतीय महिला जोड़ी ने बड़ा उलटफेर किया था। पहले दौर में जॉली और गायत्री ने 7वीं सीड जोड़ी जोंगकोलफान किटीथाराकुल और राविंडा प्रजोंगजाई को शिकस्त दी थी। उन्होंने किटीथाराकुल और प्रजोंगजाई को 21-18, 21-14 से हराया था।
भारत को 22 साल से खिताब का इंतजार
भारत की ओर से देखे तो इस टूर्नामेंट में अब तक 2 बार ही भारतीय खिलाड़ी जीते है। भारत को 22 साल से खिताब की आस है। आखिरी बार इस खिताब को फुलेला गोपीचंद ने 2001 में जीता था। गोपीचंद से पहले इसे प्रकाश पादुकोण ने साल 1980 में पहली बार जीता था। हालांकि पीवी सिंधु साल 2015 और लक्ष्य सेन साल 2022 में टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंच चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके।
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