• Hindi News
  • Sports
  • FIFA World Cup 2022 One Love Band Controversy; Harry Kane, Virgil Van Dijk

फुटबॉल वर्ल्ड कप-समलैंगिकों के सपोर्ट में 8 टीमें:इंग्लिश कैप्टन बैंड पहनकर खेलेंगे, फीफा लगा सकती है बैन

दोहा4 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में सोमवार शाम को इंग्लैंड और ईरान के बीच मैच खेला जाएगा। हैरीकेन इसमें 'वन लव' बैंड पहनकर उतरेंगे।

पहले ही विवादों में घिर चुके फीफा वर्ल्ड कप में अब LGBT+ विवाद शुरू हो गया है। मैच के दौरान इंग्लैंड समेत 8 टीमों ने समलैंगिक संबंधों का सपोर्ट करने का फैसला किया है। इंग्लैंड के कप्तान हैरीकेन ने कहा, 'वो ईरान के खिलाफ अपने पहले मुकाबले में रेनबो बैंड पहनेंगे, जो कि LGBT+ कम्युनिटी का सिंबल है।'

इस पर FIFA ने कहा, 'अगर टीमें या खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो इसे नियम तोड़ना माना जाएगा। लिहाजा FIFA खिलाड़ियों पर बैन भी लगा सकता है।' आगे जानिए वर्ल्ड कप में LGBT+ विवाद, इससे पहले हमारे पोल में हिस्सा लीजिए...

सवाल-जवाब में सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला...

वर्ल्ड कप में LGBT+ विवाद कहां से शुरू हुआ?
इंग्लैंड के कप्तान हैरीकेन और उनकी पूरी टीम LGBT+ कम्युनिटी यानी समलैंगिक संबंधों के सपोर्ट में 'वन लव' बैंड पहनकर मैच में उतरेगी। इंग्लैंड का पहला मैच आज इस्लामिक देश ईरान से है, जहां समलैंगिक संबंध बैन हैं। फीफा वर्ल्ड कप दोहा में हो रहा है, वहां भी समलैंगिक संबंध बैन हैं। विवाद यहीं से शुरू हुआ है।

इंग्लिश कैप्टन हैरीकेन ने वन लव बैंड पर क्या बयान दिया?
हैरीकेन ने कहा, 'टीम, स्टाफ और ऑर्गेनाइजेशन के तौर पर हमने यह साफ कर दिया है कि हम वन लव आर्म बैंड पहनना चाहते हैं। फीफा से बातचीत चल रही है और वो हमें मैच से पहले फैसला बता देंगे। हमने अपनी ओर से इच्छा स्पष्ट कर दी है।'

हैरीकेन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में समलैंगिक संबंधों का समर्थन करते हुए कहा था कि इंग्लिश टीम वन लव आर्म बैंड पहनना चाहती है।
हैरीकेन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में समलैंगिक संबंधों का समर्थन करते हुए कहा था कि इंग्लिश टीम वन लव आर्म बैंड पहनना चाहती है।

FIFA हैरीकेन पर क्या एक्शन ले सकता है?
आज ईरान के खिलाफ होने वाले मैच में अगर हैरीकेन रेनबो बैंड पहनकर उतरते हैं तो उन्हें ग्राउंड पर आते ही रेफरी यलो कार्ड दिखा सकता है यानी चेतावनी दे सकता है। दूसरे मैच में भी हैरीकेन अगर ऐसा ही करते हैं तो उन्हें फिर यलो कार्ड दिखाया जा सकता है। इसके चलते वे तीसरे मैच में नहीं खेल पाएंगे। फीफा मैच से पहले ड्रेसिंग रूम में अपनी टीम भेजकर खिलाड़ियों से बैंड हटाने को कह सकता है। इसके अलावा जुर्माना या बैन भी लगाया जा सकता है।

कौन-कौन सी टीमें LGBT+ के सपोर्ट में हैं?
इंग्लैंड के अलावा वेल्श के गेरेथ बेल, जर्मनी के मैनुअल न्यूएर, नीदरलैंड के वर्जिल वान दिक भी रेनबो बैंड पहनने का मन बना चुके हैं। कुल 8 टीमें हैं जो समलैंगिक संबंधों के सपोर्ट में हैं। अभी तक इन्हीं टीमों और खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं।

क्या फीफा की चेतावनी का फर्क नहीं पड़ेगा?
इंग्लैंड की टीम जानना चाहती है कि बैंड पहनने पर क्या किया जाएगा, वो स्थिति स्पष्ट कर दी जाए। इसके बाद टीम और मैनेजमेंट मिलकर फैसला लेंगे। जर्मनी ने कहा कि अगर फाइन लगता है तो हम उसके लिए तैयार हैं। हालांकि टीम मैनेजमेंट इस बात को लेकर चिंतित है कि क्या उनके खिलाड़ी मैनुअल पर एक्शन लिया जा सकता है। वर्जिल वान ने कहा- मैं वन लव बैंड पहनूंगा। अगर मुझे इसके लिए यलो कार्ड दिखाया जाता है तो हम इस पर चर्चा करेंगे।

यलो कार्ड कितना इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करेगा?
आमतौर पर यलो कार्ड चेतावनी के तौर पर दिया जाता है। एक ही मुकाबले में 2 यलो कार्ड पर खिलाड़ी को मैदान छोड़ना पड़ सकता है। रेड कार्ड मिलने पर खिलाड़ी को तुरंत मैदान छोड़ना पड़ता है। इस कार्ड से खिलाड़ी पर बैन भी लग सकता है।

  • अगर किसी खिलाड़ी को 19 हफ्ते के अंदर 5 यलो कार्ड मिलते हैं तो उस पर एक मैच का बैन लगता है।
  • 32 हफ्तों में दस यलो कार्ड होने पर खिलाड़ी को दो मुकाबले के लिए बैन किया जाता है।
  • 38 सप्ताह में 15 यलो कार्ड होने पर 3 मैचों का बैन लगता है।
  • एक सीजन में 20 यलो कार्ड मिलने पर रेगुलेटरी कमीशन खिलाड़ी को जैसा ठीक समझे, वैसा दंड दे सकता है।

यलो कार्ड तब दिया जाता है, जब कोई खिलाड़ी अनुचित व्यवहार करे। अपने व्यवहार या बातों से वो रेफरी की बात न मान रहा हो। बार-बार नियम तोड़ रहा हो। खेल शुरू करने में देरी कर रहा हो। कॉर्नर और फ्री किक के दौरान तय दूरी नहीं रख रहा हो। मैच रेफरी की इजाजत के बिना फील्ड से बाहर-अंदर आ-जा रहा हो। पहला यलो कार्ड चेतावनी होता है और दूसरा यलो कार्ड रेड में बदल जाता है।

इस फीफा वर्ल्ड कप से जुड़े और विवाद कौन से हैं?

1. कतर पर मेजबानी खरीदने के आरोप, FIFA अधिकारी निलंबित
यह वर्ल्ड कप शुरुआत से ही विवादों में रहा। साल 2010 में जब कतर को मेजबानी दी गई। तब FIFA की कार्यकारी समिति के 2 सदस्यों ने अपने वोट बेंचने की पेशकश की थी। हालांकि वोटिंग से पहले दोनों को हटा दिया गया था। एक साल बाद संडे टाइम्स ने खुलासा किया था कि समिति के दो अन्य सदस्यों ने पंद्रह लाख डॉलर में अपने वोट बेंचे थे। हालांकि उन सदस्यों ने आरोपों को खारिज किया था।

2. FBI ने कहा- FIFA में रिश्वत, अवैध भुगतान, फायदा पहुंचाना काम करने का तरीका
साल 2015 में अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने 5 साल की जांच के बाद कहा था- FIFA में रिश्वत, अवैध भुगतान और फायदा पहुंचाना काम करने का तरीका बन गया था। हालांकि FBI ने कतर के विश्व कप की मेजबानी हासिल करने का खास जिक्र नहीं किया, लेकिन यह फैसला लेने वाली कार्यसमिति के 22 सदस्यों में से 11 को या तो निलंबित कर दिया गया या उन पर ज़ुर्माना लगाया गया या फिर मुकदमा चला। इनमें से 2 दोषी साबित हुए, लेकिन कतर की मेजबानी के मामले में नहीं।

3. ओपनिंग से ठीक पहले शराब पर पाबंदी
मेजबान कतर ने वर्ल्ड कप से ठीक पहले लिकर की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। जबकि टूर्नामेंट के स्पॉन्सर्स में एक बियर बनाने वाली कंपनी भी है। इसे लेकर मैच के दौरान नारेबाजी हुई।

4. पहले ही मैच में फिक्सिंग के आरोप, पर कतर हारा
वर्ल्ड कप के पहले ही मुकाबले में फिक्सिंग के आरोप लगे। एक रिपोर्ट में दावा किया गया, 'कतर ने अपने प्रतिद्वंद्वी इक्वाडोर के खिलाड़ियों को जानबूझकर मैच हारने के लिए रिश्वत दी है और कतर पहला मैच 1-0 से जीतेगा और गोल दूसरे हाफ में आएगा।' हालांकि कतर पहला मैच 2-0 से हार गया।

5. ओपनिंग सेरेमनी होस्ट पर आरोप
फुटबॉल वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी होस्ट करने के लिए मॉर्गन फ्रीमैन को बुलाया गया था। उन पर महिला शोषण के आरोप हैं।

6. फैंस की बेरुखी
ओपनिंग सेरेमनी में ज्यादातर सीटें खाली पड़ी रहीं। आमतौर पर FIFA वर्ल्ड कप की ओपनिंग देखने के लिए दुनिया भर से फैंस आते हैं।