फीफा वर्ल्ड कप की शुरुआत 20 नवंबर से हो चुकी है। इस बार इसकी मेजबानी कतर कर रहा है। जब से टूर्नामेंट शुरू हुआ है तब से ही एक के बाद एक हाई वोल्टेज ड्रामा इस टूर्नामेंट में होता नजर आ रहा है। इन सब के बीच अब कतर में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार, प्रशासन की अनदेखी और चोरी जैसे मामले सामने आ रहे हैं। यहां तक की कुछ पत्रकारों को पुलिस द्वारा डीटेन भी कर लिया गया।
सिक्योरिटी स्टाफ की धमकी
अलग-अलग देशों के पत्रकार फीफा वर्ल्ड कप की कवरेज के लिए कतर पहुंचे हैं। कतर प्रशासन की ढीले और लापरवाह रवैये और खराब सुरक्षा व्यवस्था के चलते पत्रकारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रिपोर्टिंग के दौरान डेनमार्क के एक टीवी क्रू को कतर के सिक्योरिटी स्टाफ ने रोका और उनके कैमरे तोड़ने की धमकी दी।
ऐसा करने की वजह पूछने पर स्टाफ ने बताया कि उन्हें लगा यहां शूटिंग की परमिशन नहीं है। इस घटना के बाद इस क्रू को लीड कर रहे रास्मस टेंटहोल्ड ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘आपने पूरी दुनिया को यहां बुलाया है, हम यहां शूटिंग क्यों नहीं कर सकते? ये एक पब्लिक प्लेस है।’
इस वाकये के बाद रास्मस ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘कतर इंटरनेशनल मीडिया ऑफिस और कतर सुप्रीम कमिटी ने हमसे माफी मांगी है। ये तब हुआ जब हम कतर का लाइव कवरेज कर रहे थे। लेकिन क्या बाकी मीडिया के साथ भी यही व्यवहार किया जाएगा?’
पुलिस का चौंकाने वाला रवैया
दूसरी घटना अर्जेंटीना की रिपोर्टर के साथ हुई। टूर्नामेंट के पहले दिन लाइव शो के दौरान डोमिनिक मेट्जगर का हैंडबैग से कई सामान चोरी हो गए। पुलिस का रवैया भी उनके प्रति ठीक नहीं रहा। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि हाई-टेक कैमरा की मदद से चोर को पकड़ लेंगे। उसके बाद पुलिस डोमिनिक से ही पूछने लगी कि आप किस तरह का न्याय चाहती हैं?हमें उस चोर को क्या सजा देनी चाहिए? क्या आप चाहती हैं कि चोर को 5 साल की जेल हो? क्या आप चाहती हैं कि उसे देश से निकाल दिया जाए? पुलिस के इस व्यवहार ने डोमिनिक को चौंका दिया।
LGBT कम्युनिटी का सपोर्ट करना पड़ा भारी
तीसरी घटना USA के पत्रकार ग्रांट वाहल के साथ हुई। ग्रांट ने रेनबो शर्ट पहनी हुई थी। जब वो स्टेडियम में जाने लगे तो उन्हें डीटेन कर लिया गया। क्योंकि वो LGBT कम्युनिटी को सपोर्ट कर रहे थे। ग्रांट ने बताया कि उन्हें स्टेडियम में अंदर जाने से रोक लिया गया और शर्ट उतारने के लिए कहा गया। जब उन्होंने इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर लिखना चाहा तो उनका फोन भी छीन लिया गया।
ग्रांट ने बताया कि बाद में एक सिक्योरिटी कमांडर ने उनसे माफी मांगी और उन्हें स्टेडियम में जाने की इजाजत दे दी।
फीफा वर्ल्ड कप पर दुनियाभर की नजर होती है। ऐसे में इस तरह की घटनाओं से फीफा की साख कम हो सकती है। इसलिए ऐसी घटनाओं पर फीफा की ओर से तुरंत एक्शन लिया जाता है।
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