थाईलैंड के उभरते सितारे कुनलावुत वितिदसर्न ने रविवार को वर्ल्ड के नंबर 1 रैंकिंग प्लेयर विक्टर एक्सेलसेन को हराकर इंडिया ओपन का खिताब जीता। वहीं विमेंस सिंगल्स में साउथ कोरिया की 20 वर्षीय एन से-यंग ने पिछले हफ्ते मलेशिया ओपन फाइनल में अपनी हार का बदला लेते हुए नई दिल्ली में जापान की दुनिया की नंबर एक अकाने यामागुची को हराया।
6 बार में विक्टर के खिलाफ पहला फाइनल जीते वितिदसर्न
21 साल के कुनलावुत वितिदसर्न छह प्रयासों में पहली बार वर्ल्ड के नंबर वन खिलाड़ी को हराकर मेंस सिंगल्स में जीत हासिल की। उन्होंने रविवार को फाइनल में 22-20, 10-21, 21-12 से तीन सेट में जीत की।
पिछली हार से सीखा जीतना - वितिदसर्न
वर्ल्ड रैंकिंग में आंठवे नंबर के प्लेयर कुनलावुत वितिदसर्न ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के एंथनी सिनिसुका गिंटिंग को हराया। वहीं फाइनल में उन्होंने एक्सलसेन को हर हर पॉइंट के लिए लॉन्ग गेम्स में हराया। विटिडसन ने मैच के बाद कहा कि, विक्टर के खिलाफ अपनी पिछली हार से मैंने सीखा कि विक्टर को में हर पॉइंट के लिए लम्बे गेम खेल कर उलझा सकता हूं और मैंने ऐसा ही किया।
विमेंस सिंगल्स के फाइनल में एन से यंग ने अकाने यामागुची को हराया
वीमेंस सिंगल्स में साउथ कोरिया की एन से यंग ने जापान की अकाने यामागुची को तीन सेट के मैच में हराया। पहला सेट यामागुची ने 15-21 से आसानी से जीत लिया। दूसरे सेट में एन से यंग ने वापसी की और 21-16 से दूसरा सेट जीता। आखिरी सेट में एन से यंग ने शानदार गेम खेला और 21-12 से जीत हासिल की।
पेट में तकलीफ के कारण दो फाइनल में मिला वॉकओवर
चीन के विमेंस डबल्स और मिक्स्ड डबल्स ने बीमारी के कारण युगल फाइनल में वाॅकओवर दिया। इस कारण जापान की वर्ल्ड नंबर 3 जोड़ी युता वतनबे और अरिसा हिगाशिनो ने इंडिया ओपन में मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता।
विमेंस डबल्स में भी कुछ ऐसी ही कहानी रही, चीन के किंगचेन और जिया यिफान की जोड़ी ने भी पने फाइनल में वाकओवर दे दिया क्योंकि किंगचेन भी डायरिया से पीड़ित थीं। नतीजतन, जापान की जोड़ी नामी मात्सुयामा-चिहारू शिदा ने खिताब जीता।
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