मुंबई के यशस्वी जायसवाल ने IPL के बाद रणजी में भी अपना फार्म बरकरार रखा है। 22 साल के इस युवा क्रिकेटर ने बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल की दोनों पारियों में सैकड़ा जमाया है।
हालांकि, वे फाइनल में मध्यप्रदेश के खिलाफ अपनी पारी को शतक में तब्दील नहीं कर सके। उन्हें 78 के निजी स्कोर पर मप्र के तेज गेंदबाज अनुभव अग्रवाल ने यश दुबे के हाथ कैच कराया। इस तरह यशस्वी जायसवाल रणजी में लगातार चौथा शतक जमाने से चूक गए।
मुंबई के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने कहा है, 'मैं इसे लेकर थोड़ा दुखी हूं, लेकिन यह क्रिकेट है। आपको अच्छे और बुरे दोनों का अनुभव करना होता है। मैंने अब तक यही सीखा है। क्रिकेट में, चीजें उस तरह नहीं होती जैसे आप चाहते हो।'
IPL में राजस्थान के लिए अच्छी पारियां खेलीं
यशस्वी को IPL-15 के शुरुआती मुकाबलों से बाहर किया गया था, लेकिन जायसवाल ने प्लेइंग में वापसी करते हुए शानदार पारियां खेली। इस पर यशस्वी ने कहा, 'IPL में भी ऐसा ही हुआ था। मुझे तीन मैच खेलने को मिले, फिर बाहर हो गया और फिर सात मैच के बाद वापसी की, लेकिन इस सब के बीच में मेरे दिमाग में यह चीज स्पष्ट है कि मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी और हमेशा अनुशासित रहना होगा।'
खराब दौर में सिर्फ कड़ी मेहनत का फल मिलता है
जायसवाल ने कहा कि खराब दौर के दौरान सिर्फ कड़ी मेहनत का फल मिलता है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'मुझे दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा है। फाइनल अलग है, क्योंकि आपकी मानसिकता अलग होती है। सच कहूं तो मुझे इस दबाव का सामना करने में खुशी होती है, मैं इसका लुत्फ उठाता हूं। मैं जब भी क्रीज पर उतरूंगा तो अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करता हूं।'
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