भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एअाईएफएफ) का फोकस देश में खेल के विकास और भारतीय टीम की रैंकिंग सुधारने पर है। इसके लिए फेडरेशन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. शाजी प्रभाकरन ने बताया कि 2026 अंडर-16 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को क्वालिफाई कराना हमारी पहली चुनौती है। इसके अलावा देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 में फुटबॉल के विभिन्न राज्यों में 20 हजार क्लब तैयार करना और एशियन देशों में भारत को टॉप फोर में लाना हमारा विजन है। हम ग्रास रूट लेवल पर ज्यादा से ज्यादा फुटबॉल कराना चाहते हैं, जिससे बड़े टूर्नामेंट में नतीजे हमारे पक्ष में आएं और हमारी वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार हो। उन्होंने कहा, ‘हमने एक प्लान बनाया है। हम विभिन्न राज्यों के संघ से लगातार संपर्क में रहेंगे। कहां पर आयोजन हो रहे हैं या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।
उन्हें आवश्यकतानुसार फंड दिया जाएगा। खेल मंत्रालय के साथ-साथ साई भी हमारे इस विजन में साथ काम कर रहा है।’ प्रभाकरण ने बताया, ‘आईएसएल से पहले भी भारत में कई प्रोफेशनल लीग चल रही थीं, लेकिन आईएसएल को मिल रही सफलता इस बात का संकेत है कि देश में फुटबॉल की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। हम लक्ष्य न सिर्फ 20 हजार क्लब खड़े करने का है, बल्कि इसी तर्ज पर पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा कोच भी तैयार करेंगे। इसके लिए राज्यों में छोटे-छोटे सेमिनार और कोर्स आयोजित करेंगे।
हम 2026 को लक्ष्य बनाकर वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए कुछ खिलाड़ियों को चुन लिया है और जिन पर काम करना शुरू कर दिया है। हमें सिर्फ मेजबान के रूप में क्वालिफाई नहीं करना है, बल्कि खेलकर अपनी जगह बनानी है। 2026 तक भारत को एशिया के टॉप-10 देशों की सूची में लाना हमारी प्राथमिकता है।’
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