जगाधरी के गांव भगवानगढ़ में डेंगू की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों ने घेर लिया। टीम वहां से जाने लगी तो उन्हें वहीं पर रोक लिया गया। करीब चार घंटे तक टीम वहीं पर बंधक सी बनी रही। बाद में उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर टीम को वहां से जाने दिया। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को लिखित में दिया कि यहां डेंगू से संबंधित हर व्यक्ति की जांच की जाएगी। फॉगिंग भी होगी। गांव के अनिल कुमार, पवन कुमार, सुरेंद्र सिंह, वेद भगवानगढ़, विकास, प्रदीप शर्मा, जसवंत सिंह का आरोप था कि दो महीने से लोग बीमारियों
से जूझ रहे हैं। दर्जनों लोग बुखार व संदिग्ध डेंगू की चपेट में हैं। किसी का यमुनानगर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है तो किसी को चंडीगढ़ में। तीन दिन पहले एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। उसके प्लेटलेट्स 20 हजार रह गए थे। न तो यहां पर फॉगिंग कराई गई और न ही कोई टीम जांच के लिए आई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि गांव में डेंगू फैला हुआ है।
डॉक्टरों ने जांच शिविर और फॉगिंग का लिखित में आश्वासन दिया तो टीम गांव से निकली | गांव में डाॅक्टर अनूप गोयल और डाॅ. राजेश कुमार पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को गांव में समय-समय पर जांच शिविर लगाने, जरूरत के अनुसार फॉगिंग करवाने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। करीब चार घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने जाने दिया।
यमुनानगर | गांव भगवानगढ़ में टीम को घेरे खड़े ग्रामीण।
डेंगू केस के मामले में सरकारी रिकॉर्ड में 50 का आंकड़ा पार हो चुका है
सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू का आंकड़ा 50 तक पहुंच गया है। इन दिनों ठंड का मौसम है, इसके बाद भी डेंगू नहीं रुक रहा। दिवाली के बाद 20 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। जबकि दिवाली के बाद डेंगू के मच्छर मर जाते थे। इस बार साढौरा विधायक भी डेंगू की चपेट में आई हैं। सरकारी रिकॉर्ड में एक की भी मौत डेंगू से नहीं हुई।