टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का एक दिन पहले रविवार (4 सितंबर) को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कार एक्सीडेंट में निधन हो गया। 54 साल के साइरस मिस्त्री 62 लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली मर्सिडीज GLC 200D SUV में सवार थे, जिसे सेफ्टी के मामले में अच्छा माना जाता है। यह कार महाराष्ट्र में पालघर के पास रोड डिवाइडर से टकराई थी।
इस कार एक्सिडेंट में मिस्त्री के अलावा उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की मौत हो गई, जबकि कार ड्राइव कर रही महिला डॉक्टर अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस के मुताबिक साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले पीछे की सीट पर बैठे थे और दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था।
ऐसे में यहां हम आपको यहां मर्सिडीज बेंज SUV GLC 220D के सेफ्टी फीचर्स और कार के सफर में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बता रहे हैं:
मर्सिडीज GLC की 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग
मर्सिडीज बेंज GLC को यूरो NCAP ने हाईएस्ट 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है। 1950 cc इंजन वाली इस कार में 7 एयरबैग, क्रॉसविंड असिस्ट, पार्किंग असिस्ट, अटेंशन असिस्ट, अडैप्टिव ब्रेक लाइट्स, टायर-प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, हिल डिसेंट कंट्रोल और मर्सिडीज का प्री-सेफ ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन सिस्टम दिया गया है।
इस कार को पहली बार 2016 ऑटो एक्सपो में इंडिया में पेश किया और 2 जून 2016 को इसे लॉन्च किया गया था। कार की एक्स शोरूम कीमत 62 लाख रुपए से शुरू है और ये 87 लाख रुपए तक जाती है। इसके मॉडल में GLC 200 प्रोगेसिव, GLC 220d 4MATIC प्रोगेसिव, GLC 300 4MATIC कूप, GLC 300d 4MATIC कूप और AMG GLC 43 4MATIC कूप शामिल है।
कार खरीदते समय सेफ्टी फीचर्स जरूर देखें
कार खरीदते वक्त क्रैश टेस्ट रेटिंग के साथ दूसरे सेफ्टी फीचर्स भी जरूर देखें। इनमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन, रियर कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटो डोर लॉक/अनलॉक, वियरेबल लॉक/अनलॉक, डेटाइम रनिंग लाइट्स, रियर डिफॉगर और वाइपर, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स, डे/नाइट मिरर और फॉग लैम्प शामिल हैं।
कैसे होता है NCAP क्रैश टेस्ट ?
ग्लोबल कार सेफ्टी एजेंसी NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। अलग-अलग पैमाने पर क्रैश टेस्ट के बाद कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। इस टेस्ट के लिए कार में डमी का इस्तेमाल किया जाता है। इस डमी को इंसान की तरह तैयार किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है।
इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है। क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं? डमी कितनी डैमेज हुई? कार के सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया? इन सब के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
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