नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर चित्रा रामकृष्ण को CBI ने कल रात गिरफ्तार किया, जिसके बाद उन्हें पूर्व आनंद सुब्रमण्यम को पहचानने के सामने लाया गया तो उन्होंने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। CBI ने मार्केट में हेरफेर के एक मामले में गिरफ्तार चित्रा रामकृष्ण की 14 दिन की हिरासत की मांग करते हुए बताया कि हमें आरोपियों के बीच 2,500 ईमेल एक्सचेंज मिले हैं।
पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया गया
रामकृष्ण के वकील ने तर्क दिया कि उनसे 8 दिनों तक पूछताछ की गई थी और वह शनिवार और रविवार को CBI के सामने पेश हुईं। अदालत ने उनके गिरफ्तारी से बचने के सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है। CBI ने बताया कि वे पूछताछ में टाल-मटोल कर रही थीं, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार करना पड़ रहा है। रामकृष्ण पर एक रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने हिमालय में रहने वाले एक योगी के प्रभाव में निर्णय लेने का आरोप लगाया गया था।
चित्रा रामकृष्ण का अपॉइंटमेंट योगी से प्रभावित रहा
CBI सूत्रों ने हाल ही में कहा था कि NSE के फॉर्मर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम को "योगी" बताया गया था, जिन्होंने ईमेल के जरिए चित्रा रामकृष्ण के साथ बातचीत की थी। उनका कंट्रोवर्शियल अपॉइंटमेंट उन फैसलों में से एक थी जो रामकृष्ण ने किसी योगी के प्रभाव में लिए थे। CBI सूत्रों का कहना है कि उसने 2013 और 2016 के बीच अपनी मेल आईडी rchitra@icloud।com से rigyajursama@outlook।com पर NSE से जुड़ी गोपनीय जानकारी शेयर की थी।
दूसरी बड़ी गिरफ्तारी
यह इस मामले में दूसरी हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी है। इसके पहले पिछले महीने में NSE के पूर्व ग्रुप आपरेटिंग आफिसर और चित्रा रामकृष्ण के डिप्टी आनंद सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी हुई थी। उन्हें सीबीआई ने NSE मामले में चेन्नई से गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि इन 2 गिरफ्तारियों के बाद इस मामले में कुछ अहम खुलासे हो सकते हैं।
क्या है को-लोकेशन घोटाला
शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। घोटाले की रकम 5 साल में 50,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
साल 2013 में NSE चीफ बनी थीं चित्रा
चित्रा रामकृष्ण चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1985 में आईडीबीआई बैंक से की थी। उन्होंने कुछ समय के लिए सेबी में भी काम किया था। साल 1991 में NSE की स्थापना से ही वह मुख्य भूमिका में थीं। NSE के पहले CEO आरएच पाटिल की अगुआई में चित्रा उन 5 लोगों में शामिल थीं जिन्हें ‘हर्षद मेहता घोटाला’ के बाद एक ट्रांसपेरेंट स्टॉक एक्सचेंज बनाने के लिए चुना गया था। साल 2013 में रवि नारायण का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चित्रा को 5 साल के लिए NSE का चीफ बनाया गया था।
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