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भारतीयों से जुड़ा डेटा ब्रीच नया मामला सामने आया है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया ने बताया है कि दिल्ली-एनसीआर बेस्ड ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और वॉलेट, बाययूकॉइन (BuyUcoin) के लगभग 3.25 लाख यूजर्स का संवेदनशील डेटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। इसमें यूजर्स का नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर, एन्क्रिप्टेड पासवर्ड, यूजर वॉलेट डिटेल, ऑर्डर डिटेल, बैंक डिटेल, केवाईसी डिटेल (पैन कार्ड, पासपोर्ट नंबर) और डिपोजिट हिस्ट्री से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि, "यह बहुत ही गंभीर हैक है क्योंकि फाइनेंशियल, बैंकिंग और केवाईसी डिटेल डार्क वेब पर लीक हो गए हैं।"
यह हैकिंग ग्रुप शाइनीहंटर्स का काम
साइबर सिक्योरिटी फर्म केला रिसर्च एंड स्ट्रेटजी लिमिटेड के शोधकर्ताओं ने सबसे पहले चुराए गए डेटा की खोज की। उन्होंने कहा कि यह हैकिंग ग्रुप शाइनीहंटर्स का काम है। केला रिसर्च में इंटेलीजेंस एनालिस्ट विक्टोरिया किविलेविच ने बताया कि पिछली गर्मियों में, शाइनीहंटर्स को मुफ्त में लीक डेटा को प्रकाशित करते हुए देखा गया था।
कई बड़ी कंपनियों को शिकार बना चुका है शाइनीहंटर्स ग्रुप
हाल ही में शाइनीहंटर्स ने फ्री ऑनलाइन फोटो एडिटिंग साइट पिक्सलार से 1.90 करोड़ यूजर्स का डेटा चुराया था। राजहरिया ने बताया, ये वही हैकर हैं, जो बिगबास्केट और जसपे के डेटा लीक में शामिल थे। पिछले साल नवंबर में, ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर बिगबास्केट के 2 करोड़ से अधिक यूजर्स के डेटा हैक कर लिए गया था, जिसे लगभग 30 लाख रुपए में डार्क वेब पर बेचा जा रहा है था।
राजहरिया ने कहा, "अब वही हैकर बिगबास्केट डेटाबेस के लिए बिटकॉइन में $10,000 के बारे में पूछ रहा है। तीन कंपनियों के डेटाबेस भी बेच रहा है।"
इसी महीने डिजिटल पेमेंट गेटवे जसपे का डेटा चोरी हुआ था
इस महीने की शुरुआत में, बेंगलुरु बेस्ड डिजिटल पेमेंट गेटवे जसपे ने कहा था कि हैकर ने मास्क कार्ड डेटा और कार्ड फिंगरप्रिंट के साथ लगभग 3.5 करोड़ रिकॉर्ड को हैक किया था। राजहरिया ने यह भी खुलासा किया कि तीन भारतीय कंपनियों - क्लिकइंडिया, चेकबुक और वेडमीगुड को भी इन्हीं हैकर्स ने हैक किया था। उन्होंने बताया था कि क्लिकइंडिया के लगभग 80 लाख यूजर्म, चेकबुक के 10 लाख यूजर्स और वेडमीगुड के 13 लाख यूजर्स का डेटा लीक हुआ था।
बाययूकॉइन ने दी सफाई- यूजर्स का डेटा पूरी तरह सुरक्षित
बाययूकॉइन ने अपनी सफाई में कहा कि उसे पिछले साल डेटा ब्रीच की जानकारी मिली थी। लेकिन वह सिर्फ 200 लोगों का डेटा था। उसमें भी कोई संवेदनशील डेटा नहीं था। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसी भी यूजर को नुकसान नहीं हुआ था।
बाययूकॉइन जुलाई 2016 में शुरू हुआ था। यह क्रिप्टो वॉलेट और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है। यहां बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल जैसे डिजिटल असेट्स की ट्रेडिंग होती है। कंपनी का दावा है कि उसके 3.5 लाख से अधिक ग्राहक हैं।
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