याहू फाइनेंस की ओर से करवाए गए सर्वे में फेसबुक को दुनिया की सबसे खराब कंपनी बताया गया है। सर्वे का मकसद बड़ी कंपनियों के बारे में यूजर्स की राय जानना होता है। सबसे अच्छी और सबसे खराब कंपनियों की रैंकिंग और लिस्ट याहू की ओर से शेयर की जाती है। फेसबुक ने इस साल अपना नाम बदलकर मेटा कर दिया है और मल्टीवर्स जैसे नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
माइक्रोसॉफ्ट को माना गया बेस्ट कंपनी
सर्वे में शामिल लोगों ने माइक्रोसॉफ्ट को इस साल की बेस्ट कंपनी का खिताब दिया। वहीं, फेसबुक या फिर मेटा को सबसे खराब कंपनी मानते हुए फीडबैक दिया गया है। इसे दूसरी सबसे खराब कंपनी बनी चाइनीज ई-कॉमर्स फर्म अलीबाबा के मुकाबले, 50% ज्यादा वोट्स मिले। ओपन एंडेड सर्वे को याहू फाइनेंस के होमपेज पर 4 दिसंबर और 5 दिसंबर को सर्वे मंकी की ओर से किया गया और 1,500 से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स ने इसमें हिस्सा लिया।
मेटा को सबसे खराब कंपनी क्यों माना गया?
इंटरनेट यूजर्स की ओर से फेसबुक या मेटा को साल की सबसे खराब कंपनी मानने के पीछे कई वजहें रहीं। सेंसरशिप को लेकर ढेरों यूजर्स कंपनी से नाखुश हैं, जिनका मानना है कि फेसबुक पर 'फ्री स्पीच' का ऑप्शन उन्हें नहीं दिया जाता। यूजर्स का मानना है कि प्लेटफॉर्म को यूजर्स को उनके विचार रखने और अपनी पसंद, नापसंद शेयर करने की पूरी स्वतंत्रता देनी चाहिए। वहीं, दूसरे यूजर्स ने इस प्लेटफॉर्म को भड़काने वाले विचार फैलाने के लिए जिम्मेदार मानता है।
मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालने का आरोप
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर सर्वे में शामिल इंटरनेट यूजर्स ने अलग-अलग तरह की राय दी। कंपनी पर 'दुनियाभर में लोकतंत्र' को कमतर आंकने का आरोप लगा और इसे यूजर्स में निगेटिव बदलाव लाने के लिए जिम्मेदार माना गया। मेटा की ओनरशिप वाली इंस्टाग्राम ऐप पर कम उम्र वाले यूजर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने के आरोप लगे हैं। कंपनी ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया ऐप्स लाने की कोशिश की, जिसे निगेटिव माना गया।
मुद्दे से भटकाने के लिए किया नाम में बदलाव
सर्वे में एक यूजर ने लिखा कि फेसबुक को गलतियां मानने और माफी मांगने की जरूरत है, इसकी ओर से हुए नुकसान को ठीक करने के लिए कंपनी को लाभ का एक हिस्सा डोनेट करना चाहिए। कुछ ने मेटा रीब्रैंडिंग को मुद्दा घुमाने से जुड़ा स्टंट माना तो वहीं बाकियों ने इसे सोशल मीडिया से जुड़ी संभावनाओं और नए मॉडल की ओर कदम की तरह स्वीकार किया। मेटा ब्रैंडिंग को लेकर सर्वे में शामिल होने वालों का रवैया मिला-जुला रहा।
फेसबुक पर विश्वास नहीं करते यूजर्स
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक का इतिहास यूजर्स के डाटा की सुरक्षा को लेकर अच्छा नहीं रहा है, यही वजह है कि यूजर्स इस पर भरोसा नहीं करना चाहते। मेटा के रेवेन्यू मॉडल का एक बड़ा हिस्सा यूजर्स के डाटा से जुड़ा है। CEO मार्क जुकरबर्ग खुद मानते हैं कि कंपनी यूजर्स के डाटा की मदद से उन्हें विज्ञापन दिखाती है और ऐसा करना जरूरी है। कंपनी लगातार बेहतर प्राइवेसी का दावा कर रही है और नए फीचर्स ला रही है।
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