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प्रपोजल:सरकार ने नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर ईवी चर्जिंग स्टेशन लगाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए, इन रूट पर सबसे पहले लगेंगे ऐसे स्टेशन

नई दिल्ली2 वर्ष पहले
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भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए संगठनों को आर्थिक मदद देकर EV चार्जिंग स्टेशंस तैयार करना चाहती है - Dainik Bhaskar
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए संगठनों को आर्थिक मदद देकर EV चार्जिंग स्टेशंस तैयार करना चाहती है
  • सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए कंपनियों से प्रपोजल लेने का काम शुरू कर दिया है
  • सरकार ईवी इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए संगठनों को आर्थिक मदद देकर स्टेशन तैयार करना चाहती है

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड को नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने लगातार काम कर रही है। अब सरकार ने देश के प्रमुख राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए कंपनियों से प्रपोजल लेने का काम शुरू कर दिया है। सरकार के इस कदम से देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करना है, ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल से लंबा सफर करने वाले लोग आसानी से उसे कहीं भी चार्ज कर सकें।

डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्री की तरफ से ईवी चार्जिंग स्टेशन के निर्माण और उनके संचालन के लिए सरकारी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (राज्य/केंद्रीय), राज्य के स्वामित्व वाले डिस्कॉम, तेल सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक और निजी संस्थाओं से प्रस्तावों को आमंत्रित करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) मांगा गया है।

इन राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए
मुंबई, पुणे, अहमदाबाद-वडोदरा, दिल्ली-आगरा, बेंगलुरु-मैसूर, बेंगलुरु-चेन्नई, सूरत-मुंबई, आगरा-लखनऊ, ईस्टर्न पेरिफेरल्स और हैदराबाद-ओआरआर एक्सप्रेस-वे पर ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण और संचालन के लिए इच्छुक संस्थाओं से प्रस्ताव मांगे गए हैं। राजमार्गों के लिए दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-कोलकाता, आगरा-नागपुर, मेरठ से गंगोत्री धाम, मुंबई-दिल्ली, मुंबई-पणजी, मुंबई-नागपुर, मुंबई-बेंगलुरु और कोलकाता सहित भुवनेश्वर के लिए भी प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।

FAME इंडिया स्कीम के चरण-II के तहत, भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए संगठनों को आर्थिक मदद देकर EV चार्जिंग स्टेशंस तैयार करना चाहती है। दरअसल ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए बगैर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। जिस तरह से देश में फ्यूल कारों के लिए पेट्रोल और डीजल पंप बनाए गए हैं ठीक उसी तरह से जगह-जगह पर ईवी चार्जिंग स्टेशंस भी तैयार करने पड़ेंगे, जिससे देश भर में बढ़ते हुए प्रदूषण पर के स्तर पर लहाम लगाने में मदद मिलेगी।

फाडा ने बताया था 6 महीने में बेस लेवल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा
दैनिक भास्कर ने जब फाडा प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी से बातचीत की थी तब उन्होंने कहा था कि इसे लेकर हमारी सरकार और मैन्युफैक्चरर्स दोनों से चर्चा चल रही है। जितने भी अपने मेट्रो और बड़े टाउन के डीलर्स हैं वहां पर टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपने चार्जिंग स्टेशन बना दिए हैं। हम लोग इस बात पर पुश कर रहे हैं जिन लोकेशन पर बड़े पेट्रोल पंप हैं वहां पर भी सरकार चार्जिंग स्टेशन बना दे। ऐसे में मिनिमम 6 महीने से सालभर में इंफ्रास्ट्रक्चर बेस लेवल पर पहुंच जाएगा।

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