सुजुकी मोटर कॉर्प भारत के लिए एक मिड-साइज एसयूवी डेवलप कर रही है। इसकी सीधा मुकाबला दक्षिण कोरिया की कंपनी हुंडई की एसयूवी से देखने को मिलेगा, जो इस समय तेजी से बढ़ते एसयूवी सेगमेंट पर हावी है। सूत्रों के मुताबिक, नए वाहन का कोड नाम ‘YFG’ है जो सुजुकी के पॉपुलर ग्लोबल एसयूवी ब्रांड, ग्रैंड विटारा पर बेस्ड है।
कर्नाटक स्थित टोयोटा प्लांट में हो सकता है प्रोडक्शन
सुजुकी की इस एसयूवी का प्रोडक्शन 2022 से कर्नाटक में टोयोटा मोटर कॉर्प के प्लांट में शुरू होने की संभावना है। दोनों जापानी कंपनियों के बीच साझेदारी के तहत भारत में टोयोटा द्वारा बनाए जाने वाला यह पहला सुजुकी प्रोडक्ट बन जाएगा।
सुजुकी-टोयोटा दोनों ब्रांड के तहत बेची जाएगी
नई एसयूवी को सुजुकी और टोयोटा दोनों ब्रांड नामों के तहत बेचा जाएगा। एसयूवी के एक मजबूत गैसोलीन हाइब्रिड पावरट्रेन के साथ आने की संभावना है, ताकि दोनों कंपनियों सख्त कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी नॉर्म्स के दूसरे चरण को क्वालिफाई कर सकें।
इस समय सेगमेंट पर हुंडई-किआ का दबदबा
एसयूवी के जरिए बाजार हिस्सेदारी बढ़ाएगी सुजुकी
सुजुकी नई एसयूवी को खोई हुई बाजार हिस्सेदारी को वापस हासिल करने के लिए तैयार है। मिंट ने 17 दिसंबर को बताया कि मारुति सुजुकी कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बलेनो हैचबैक पर बेस्ड एक कॉम्पैक्ट एसयूवी डेवलप कर रही है। एसयूवी सेगमेंट पिछले दो सालों में घरेलू बाजार में सबसे बड़े वॉल्यूम ड्राइवर के रूप में उभरा है। सुजुकी ने 2018 में घोषणा की कि उसकी कॉम्पैक्ट एसयूवी विटारा ब्रेजा टोयोटा के प्लांट में बनने वाला पहला प्रोडक्ट होगा। हालांकि, कंपनी ने दिसंबर में कहा था कि टोयोटा के प्लांट के बजाय एक और मॉडल बनाया जाएगा।
हैचबैक-सेडान की तुलना में एसयूवी अधिक लाभदायक
पिछले साल भारत के एसयूवी बाजार में हुंडई और किआ की कुल हिस्सेदारी 44% है, जबकि मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी 14% रही। एसयूवी को हैचबैक और छोटी सेडान की तुलना में अधिक लाभदायक माना जाता है।
पिछले साल सबसे ज्यादा 29% रही एसयूवी की हिस्सेदारी
ऑटोपुंडिट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 अन्य सेगमेंट की तुलना में सबसे कम 6 फीसदी की गिरावट एसयूवी सेगमेंट में रही। दिसंबर 2020 में 7,06,936 एसयूवी बिकी जबकि 2019 इसी अवधि के दौरान 7,54,903 एसयूवी बिकी थीं। यानी अन्य वाहनों की तुलना में एसयूवी की मांग में तेजी रही। वहीं एसयूवी की कुल हिस्सेदारी 29 फीसदी रही, जो 2019 की तुलना में 3 फीसदी ज्यादा है। 2019 में यह आंकड़ा 26 फीसदी था। साइज वाइज देखा जाए तो ओवलऑल एसयूवी में स्मॉल का 76 फीसदी, मिडसाइज की 20 फीसदी और फुल साइज की 5 फीसदी हिस्सेदारी रही।
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