पेटीएम से अब आप किसी भी दूसरे पेमेंट ऐप पर सीधे मोबाइल नंबर की मदद से ही पैसा भेज सकते हैं। यह सुविधा देने वाला पेटीएम पहला ऐप है। अभी तक ऐप से पेमेंट के चार ही ऑप्शन थे। पहला- क्यूआर कोड स्कैन करके, दूसरा- UPI आईडी से। तीसरा- एक ही प्लेटफॉर्म के दो यूजर के बीच फोन नंबर से और चौथा- बैंक अकाउंट डिटेल की मदद से। फोनपे और गूगलपे के बाद पेटीएम तीसरा सबसे बड़ा UPI पेमेंट ऐप है।
तेजी से बढ़ रहा UPI का चलन
UPI से होने वाले लेन-देन का दायरा लगातार बढ़ रहा है। UPI के जरिए अक्टूबर में कुल 730 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए। अक्टूबर में कुल 12.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक का UPI ट्रांजैक्शन हुआ। सितंबर में 11.16 लाख करोड़ रुपए के 678 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हुए थे।
UPI की लॉन्चिंग से क्रांति
2016 में UPI की लॉन्चिंग के साथ ही डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक क्रांति आ गई। UPI ने सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।
UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।
UPI से जुड़ी खास बातें
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