बारिश के मौसम में कार ड्राइविंग आम दिनों की तुलना में मुश्किल हो जाती है। हर जगह बारिश, कीचड़ जलभराव हो जाता है, जिसकी वजह से टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर भी स्किड होने लगते हैं। इतना ही नहीं बारिश के मौसम में टायर के पंक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो गाड़ी को फिसलने और पंक्चर होने से बचाया जा सकता है।
पहली- रोड की कंडीशन
बारिश में ज्यादातर सड़कें खराब हो जाती हैं। सड़क की उखड़ी हुई गिट्टी पर टायर की ग्रिप कमजोर हो जाती है। ऐसे में जब गाड़ी ज्यादा स्पीड में होती है और ब्रेक लगाते हैं तब वो स्किड कर जाती हैं। गाड़ी स्किड होने की वजह से कई बार हादसे भी हो जाते हैं। खेत से लगी सड़कों पर कीचड़ हो जाने से भी फिसलन के चान्स बढ़ जाते हैं। सड़क मोड़ पर रेत या बजरी से फिसलन होने लगती है।
दूसरी- गाड़ी के टायर की कंडीशन
किसी भी गाड़ी के टायर्स घिसे हुए नहीं होने चाहिए। टायर में 3mm के थ्रेड्स का होना जरूरी है क्योंकि रोड पर इनकी ग्रिप बेहतर होती है। अगर टायर्स में हवा का प्रेशर सही नहीं तो टायर्स के पंक्चर होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इतना ही नहीं गाड़ी के फिसलने के चांस भी बढ़ जाते हैं इसलिए टायर्स में हवा का प्रेशर एक दम सही होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि टायर्स में हवा उतनी ही होनी चाहिए जितनी कंपनी की तरफ से बताई जाती है।
तीसरी - ड्राइवर कंट्रोलिंग
बारिश के दिनों में सड़क पर कार की रफ्तार कितना हो, ये बात भी काफी अहम है। हाईवे पर 80kmph से ज्यादा की रफ्तार नहीं होनी चाहिए। गाडी की स्पीड धीरे रहने पर वह पूरी तरह कंट्रोल में रहती है और स्किड होने के खतरे से भी बची रहती है।
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