चंडीगढ़ | एक समृद्ध और सम्मानजनक परिवार होने की वजह से अंग्रेजों ने अदालत की ज्यूरी में जयशंकर प्रसाद को मेंबर बनाया, लेकिन वह जानते थे कि डिसिजन ज्यूरी नहीं करती बल्कि अंग्रेजों के डिसिजन पहले ही तय होते हैं। लेकिन इनकार करना संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने बहरे होने का बहाना बनाया और बाकायदा इसके लिए एक डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट भी सौंपा। महान लेखक जयशंकर प्रसाद के जीवन से जुड़े ऐसे ही दिलचस्प किस्सों से वाकिफ हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ हिंदी के स्टूडेंट्स। डिपार्टमेंट ने लेखक जयशंकर प्रसाद की जयंती का आयोजन किया। जिसमें उनके जीवन और कार्यों पर बनी एक लघु फिल्म दिखाई गई।