दिल्ली. सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर एक सैनिक ऐसा भी है जो मौत के 48 साल बाद भी सरहद की रक्षा कर रहा है। आपको सुनने में ये थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन लोगों का ऐसा ही मानना है और दूर-दूर से लोग यहां बाबा हरभजन सिंह मंदिर में पूजा करने आते हैं। यही नहीं इस सैनिक ने मरने के बाद भी अपनी नौकरी जारी रखी है। फिलहाल, ये सैनिक अब रिटायर हो चुका है। 13 हजार फीट पर है मंदिर...
सिक्किम की राजधानी गंगटोक में जेलेप्ला दर्रे और नाथुला दर्रे के बीच बना बाबा हरभजन सिंह मंदिर लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में बाबा हरभजन सिंह की एक फोटो और उनका सामान रखा हुआ है।
ऐसे हुई थी बाबा हरभजन सिंह की मौत
बताया जाता है कि 4 अक्टूबर 1968 में सिक्किम के नाथुला पास में गहरी खाई में गिरने से सैनिक हरभजन सिंह की मृत्यु हो गई थी। लोगों का ऐसा मानना है कि तब से लेकर आज तक इस सैनिक की आत्मा यहां सरहदों की रक्षा करती है।
चीनी सैनिक भी खाते हैं खौफ
सरहद पर बाबा हरभजन सिंह की मौजदगी पर देश के सैनिकों को पूरा विश्वास है, साथ ही चीन के सैनिक भी इस बात को मानते हैं और डरते हैं कि बाबा बॉर्डर की रखवाली पर मुस्तैद हैं, क्योंकि उन्होंने भी बाबा हरभजन सिंह को मरने के बाद घोड़े पर सवार होकर बॉर्डर पर गश्त करते हुए देखा है।
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