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सरकार ने फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड्स, 2020 (टैक्सेबल) को 7.15 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ लांच करने की घोषणा की है। यह बांड एक जुलाई से सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी है। इन बांड्स पर ब्याज दर हर छह महीने में रीसेट की जाएगी। पहला रीसेट एक जनवरी 2021 को किया जाएगा।
आरबीआई ने हाल ही में 7.75 प्रतिशत ब्याज वाले बांड्स को बंद कर दिया था
संचयी (cumulative) आधार पर ब्याज का भुगतान करने का कोई विकल्प नहीं है। यानी मैच्योरिटी पर इसे प्राप्त करने के विकल्प के बजाय हर छह महीने में ब्याज दिया जाएगा। बता दें कि आरबीआई ने हाल ही में 7.75 प्रतिशत वाले बांड्स को वापस ले लिया था। इस पर काफी विरोध हुआ था। इसी के बदले में कम ब्याज के साथ इस बांड्स को लांच किया गया है। हालांकि 7.75 आरबीआई बांड सुनिश्चित ब्याज वाला बांड था। इसके अलावा उसमें मैच्योरिटी पर ब्याज का भुगतान होता था। बीच में भी ब्याज प्राप्त करने का विकल्प उसमें था।
आरबीआई के नए लांच किए गए फ्लोटिंग रेट बांड्स के बारे में यहां जानिए। कैसे कर सकते हैं निवेश।
व्यक्ति (जॉइंट होल्डिंग्स सहित) और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) इन बांड्स में निवेश कर सकते हैं। एनआरआई इन बांड्स में निवेश नहीं कर सकते।
बांड में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं होगी। न्यूनतम निवेश 1,000 रुपए से शुरू होता है। उसके बाद 1,000 रुपए के गुणकों निवेश किया जा सकता है।
बांड जारी करने की तारीख से सात साल की समाप्ति पर रीपेमेंट होगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए समय से पहले पैसे निकालने की अनुमति दी जाएगी। इस पर उसी तरह का टैक्स लगेगा, जैसे आरबीआई के पहले वाले बांड्स पर लगता था।
बांड पर ब्याज हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को छमाही आधार पर मिलेगी। एक जनवरी 2021 को 7.15 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। अगले आधे साल के लिए ब्याज दर (जो 1 जुलाई, 2021 को देय है) हर छह महीने में रीसेट होगी। कम्युलेटिव आधार पर ब्याज देने का कोई विकल्प नहीं है। इसका मतलब यह होगा कि एक बार बांड पर ब्याज मिलने के बाद इसकी मैच्योरिटी पर ब्याज देने की बजाय एक ही समय में निवेशक के बैंक खाते में पैसा जमा किया जाएगा।
इन बांड्स से मिलने वाले ब्याज पर आपकी आय पर लागू इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा। इसके अलावा इंटरेस्ट इनकम पर टीडीएस लागू होगा।
इन बांड्स में निवेश कैश (20,000 रुपए तक) /ड्राफ्ट/चेक या रिसीविंग ऑफिस को इलेक्ट्रॉनिक मोड के रूप में करना होगा। बांड लेजर अकाउंट के रूप में बांड के लिए आवेदन एसबीआई, सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं में प्राप्त होंगे। बांड केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किए जाएंगे।
बांड सेकंडरी मार्केट में ट्रेड के लिए नहीं हैं। बैंकों, वित्तीय संस्थानों, एनबीएफसी आदि से लोन के लिए कोलेटरल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। बांड में एक निवेशक किसी एक को नॉमिनी के रूप में आवेदन कर सकता है।
बांड धारक की मृत्यु के मामले में बीएलए के रूप में बांड कानूनी वारिस को ही मिलेगा।
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