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नॉलेज:इंश्योरेंस लेने से पहले जरूर देखें कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो, ये दिलाएगा आपको सही बीमा पॉलिसी

नई दिल्ली3 वर्ष पहले
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कभी भी वैसी कंपनी से पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90 फीसदी से कम हो - Dainik Bhaskar
कभी भी वैसी कंपनी से पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90 फीसदी से कम हो
  • इससे पता चलता है कि कंपनी के अंडर-राइटिंग नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं
  • कंपनी का 3 से 5 साल का क्लेम सेटलमेंट रेशियो देखना चाहिए

अगर आप लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जिस कंपनी से पॉलिसी ले रहे हैं उसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो जरूर देख लें। सेटलमेंट रेशियो का ज्यादा होना बहुत जरूरी होता है। ज्यादा सेटलमेंट रेशियो का मतलब है कि बीमा कंपनी ने ज्यादा क्लेम का निपटारा किया है। इससे पता चलता है कि कंपनी के अंडर-राइटिंग रूल्स ज्यादा सख्त नहीं हैं। जीवन बीमा कंपनियां अपनी सालाना रिपोर्ट में क्लेम सेटलमेंट रेशियो के आंकड़े देती हैं। हम आपको क्लेम सैटलमेंट रेशियो के बारे में बता रहे हैं।

क्या है क्लेम सैटलमेंट रेशियो?
क्लेम सेटलमेंट रेशियो से एक वित्त वर्ष के दौरान एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा सेटल या दिए गए टोटल डेथ क्लेम का पता चलता है। इसका कैलकुलेशन, किए गए टोटल क्लेम में सेटल किए गए टोटल क्लेम से भाग देकर किया जाता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के पास 1000 डेथ क्लेम किए गए हैं, और उनमें से उस कंपनी ने 924 क्लेम का सेटलमेंट किया है, तो उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो 92.4 फीसदी और क्लेम रिजेक्शन रेट 7.6 फीसदी होगा।

सही सैटलमेंट रेशियो होना जरूरी
ऐसी इंश्योरेंस कंपनी चुनें, जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो सबसे अच्छा ‍है। क्लेम सेटलमेंट रेशियो की जांच करें। बीमा नियामक हर साल क्लेम सेटलमेंट रेशियो डेटा जारी करता है ताकि सही इंश्योरेंस कंपनी का चयन करने में मदद मिल सके। हमेशा 90 फीसदी से अधिक रेशियो वाली बीमा कंपनी को चुनें। क्लेम सेटलमेंट का सही पता लगाने के लिए 3 से 5 साल का क्लेम सेटलमेंट रेशियो देखना चाहिए।

पॉलिसी लेते समय सही सूचना देना जरूरी
बीमा कंपनियों का कहना है कि पॉलिसी धारकों के द्वारा गलत सूचना देने के कारण क्लेम सेटलमेंट लेने में समस्या आती है। गलत सूचना की बड़ी वजह होती है ज्‍यादातर लोग पॉलिसी बीमा एजेंट से खरीदते हैं। बीमा एजेंट पॉलिसी के पेपरों में गलती सूचना अंकित कर देते हैं। हमेशा पॉलिसी धारक को खुद से अपनी पॉलिसी के पेपरों को भरना चाहिए। अगर, पॉलिसी लेने के समय सही सूचना अंकित होते किया जाए तो क्लेम सेटलमेंट लेने में आसानी होती है।

इरडा की वेबसाइट पर देख सकते हैं क्लेम सैटलमेंट रेशियो
पॉलिसी लेने से पहले इरडा के वेबसाइट पर जा कर उस बीमा कंपनी के विषय में जानकारी इक्ट्ठा करनी चाहिए। कभी भी वैसी कंपनी से पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90 फीसदी से कम हो। बीमा कंपनियां का सिर्फ क्लेम सेटलमेंट से ही नहीं पेडिंग क्लेम रेशियो देखना चाहिए। बीमा कंपनियों के विषय में इससे भी जानकारी मिलती है।

टॉप लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां( वित्त वर्ष 2018-19 और 2017-18 में क्लेम सेटलमेंट रेशियो के आधार पर)

कंपनी2018-192017-18
टाटा एआईए लाइफ99.07%98.00%
एचडीएफसी लाइफ99.04%97.80%
मैक्स लाइफ98.74%98.26%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ98.58%97.88%
एलआईसी97.79%98.04%
रिलायंस निप्पॉन लाइफ97.71%95.17%
कोटक लाइफ97.40%93.72%
भारती एक्सा लाइफ97.28%96.85%
आदित्य बिड़ला सनलाइफ97.15%96.38%