सर्दी का मौसम आते ही खाने-पीने का तरीका बदल जाता है। कई ऐसी चीजें हैं जो आपके रोज के खाने में शामिल हो जाती हैं जो हेल्थ के लिए जरूरी भी है।
ठंड बढ़ने से सर्दी-खांसी की समस्या होती है। इम्यून कमजोर हो जाता है। शरीर को गर्म रखने के लिए और चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए शहद, अंडे जैसी कई चीजें हम खाने लगते हैं। बाजार में यह चीजें नकली भी मिलती हैं। इसलिए खरीदते वक्त सावधानी जरूरी है।
आज जरूरत की खबर में हम शहद, गुड़, अदरक और असली अंडे की पहचान का प्रोसेस बताएंगे। सर्दी में हेल्थ का ख्याल कैसे रखें इस पर भी बात करेंगे।
शहद
शहद से जुड़े फैक्ट्स को पढ़ें
सवाल-सर्दी में शहद रेगुलर खाने से क्या फायदा होगा?
जवाब-
गुड़
सर्दी में जिसे देखो गुड़ खाने की सलाह देता है। इसकी कई वजहें हैं…इसकी तासीर गर्म होती है। शरीर की गर्माहट को बनाए रखता है और इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
गुड़ के फैक्ट्स जानते हैं
गुड़ खाने के फायदे क्या हैं?
अदरक
ठंड का मजा अदरक वाली चाय के साथ आप भी लेते हैं न। कभी चेक किया जिस अदरक को आप अपनी चाय में डाल रहे हैं वह असली है भी कि नहीं। अब कुछ लोग यह कहेंगे बिना वजह डरा रहे हों, मिट्टी से निकलने वाली चीज में क्या असली-नकली।
अदरक खाने से ये फायदे होंगे
अंडा
सर्दी में अंडे खाने के कई फायदे हैं। ठंड के मौसम में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इम्यूनिटी मजबूत करने में अंडा मदद करेगा। बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता। दिल के लिए अच्छा माना गया है। विटामिन डी की कमी को दूर करता है, इससे हड्डियां मजबूत बनेंगी।
क्या आप जानते हैं कि बाजार में नकली अंडे मिल रहे हैं। न्यूट्रीनिस्ट रीमा हिंगोरानी कहती हैं– मार्केट में आजकल आर्टिफिशियल या सिंथेटिक अंडे बिक रहे हैं, जो आपको हेल्दी नहीं बल्कि बीमार कर सकते हैं। इनसे आपको प्रोटीन नहीं मिलता बल्कि आपका मेटाबॉलिज्म खराब होता है।
आपको अंडा खरीदने के बाद थोड़ा ध्यान देना होगा। जैसे-
नकली अंडा बनता कैसे है
सोडियम अल्जिनेट को गर्म पानी में मिलाकर जलेटिन, ऐलम और बेन्जोइक मिलाया जाता है। इस मिश्रण से नकली अंडा तैयार किया जाता है।
अंडे के पीले और सफेद दोनों को बनाने में यही मिश्रण इस्तेमाल होता है। पीले हिस्से के लिए बस मिश्रण में थोड़ा पीला रंग मिला दिया जाता है। अंडे का छिलका बनाने के लिए कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है।
असली-नकली की पहचान के बाद अब हम बात करते सर्दी और सही खानपान की।
सवाल- सर्दी में भूख ज्यादा क्यों लगती है?
जवाब- इस मौसम में शरीर का बेसल मेटाबॉलिक रेट, यानी बीएमआर अच्छा होता है। साथ ही शरीर के अन्य अंदरुनी अंग पूरी क्षमता से काम करते हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में भूख बढ़ती है। ऐसे में सही अनुपात में ‘पौष्टिक भोजन और उस अनुपात में वर्जिश’ से सेहत बना सकते हैं।
सवाल- सर्दी के मौसम में खानपान कैसा होना चाहिए?
जवाब-
सवाल- लंच और डिनर सर्दी के मौसम में कैसा होना चाहिए?
जवाब- लंच में दो तरह की हरी सब्जियों को शामिल करें। दाल को पोषक बनाने के लिए एक साथ तुअर, मूंग, मसूर की दालें मिलाकर बनाएं। खाने में ज्वार या बाजरे की रोटी भी खाएं। इसके अलावा खाने में ताजा दही, सलाद, चटनी लें। रात का खाना हल्का और पौष्टिक होना चाहिए। 8-9 बजे तक रात का खाना खा लें। रात का हैवी खाना न खाएं। रात में गुनगुना दूध भी लेना चाहिए।
सवाल- सर्दी के मौसम में फल और सब्जी की कमी नहीं रहती, इसे कैसे हम खाने में शामिल कर सकते हैं?
जवाब- सलाद सबसे अच्छा ऑप्शन है। सलाद में अनार, गाजर, मूली, चुकंदर का सेवन करें और ऊपर से नींबू निचोड़ लें। यह विटामिन-सी का अच्छा सोर्स है। जिन्हें कब्ज की प्राॅब्लम रहती है, उन्हें अमरूद को खाने में शामिल करना चाहिए।
दोपहर के खाने के बाद डेली एक अमरूद खाएं। इसके अलावा भोजन से पहले अमरूद खाने से वजन नियंत्रित रहता है। पालक, गाजर, मूली, मेथी के परांठे की जगह रोटियां बनाकर खाएं।
सवाल-सर्दी में लोग अक्सर ज्यादा खा तो लेते हैं, पचा नहीं पाते, ऐसा न हो तो इसके लिए क्या करें?
जवाब- दरअसल लोग तला-भुना, हेवी खाना इस मौसम में खा तो लेते हैं, लेकिन उसे पचाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करते हैं। हम सबको अपनी डाइट के हिसाब से मेहनत भी करनी चाहिए। ऐसा करने से शरीर में एक्स्ट्रा चर्बी जमा नहीं होगी। इसलिए अपनी उम्र और बीमारी के हिसाब से योग, एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक जरूर करें।
अब कुछ कानून की बात कर लेते हैं
जानते हैं कि नकली खाने की चीजों की शिकायत कहां और कैसे करें, इस मामले में कानून क्या कहता है
सवाल- मिलावटी चीजों के खिलाफ कहां शिकायत कर सकते हैं?
एडवोकेट सचिन नायक- मिलावटी चीजों की शिकायत आप फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के कानून के तहत कर सकते हैं। याद रखें कि इसके लिए आप डायरेक्ट मैजिस्ट्रेट के पास नहीं जा सकते है।
पनीर के उदाहरण से ही इसे समझते हैं। अगर पनीर मिलावटी है, तो उसका सैंपल लेकर आपको फूड सेफ्टी अथॉरिटी के पास जाना होगा। वहां एक लिखित शिकायत दर्ज करानी होगी कि जो पर्टिकुलर प्रोडक्ट हम रख रहे हैं, उसमें मिलावट है। अथॉरिटी लैब भेजकर उसकी जांच करवाएगी, जैसे ही रिपोर्ट आपके फेवर में आएगी, वारंट जारी हो जाएगा।
सवाल- क्या हर शहर में फूड सेफ्टी के अधिकारी होते हैं?
एडवोकेट सचिन नायक- हां, हर शहर में एक फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर मौजूद हैं। उनका काम इंस्पेक्शन और जांच दोनों है।
देश के सभी राज्यों के फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
सवाल- मिलावट करने वालों के लिए कानून में क्या सजा है?
एडवोकेट सचिन नायक- खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों पर जुर्माने का प्रावधान है। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर किसी ने मिलावटी खाने की कोई चीज खा ली है, तो उसके लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी होगा। इसके बाद दोषी को 6 महीने से 3 साल की जेल होगी। अगर मिलावटी चीज किसी ने नहीं खाई है, तो बेलेबल वारंट दोषी के खिलाफ जारी होगा।
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