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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2021 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। लोगों को इस बार के बजट से टैक्स छूट को लेकर कई उम्मीदें हैं। बजट में इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने की मांग हो रही है। इसके अलावा लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) की विशेष स्कीम को 2021-22 तक बढ़ाने की उम्मीद है।
खर्च को बढ़ावा देने के लिए विशेष LTC स्कीम जारी रह सकती है
कोरोना की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में लोग सफर नहीं कर सके। इसलिए सरकार ने विशेष LTC कैश वाउचर स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत, 12 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक कोई सामान या सर्विस खरीद कर भी लोग LTC का लाभ उठा सकते हैं। शर्त यह थी कि सामान पर कम से कम 12% GST दिया गया हो और पेमेंट डिजिटल तरीके से हुआ हो। प्रति व्यक्ति LTC फेयर की सीमा 36,000 रुपए है। लेकिन इसे लेने के लिए कर्मचारी को तीन गुना रकम खर्च करनी पड़ेगी। इस स्कीम को नए वित्त वर्ष में भी जारी रखा जा सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली टैक्स छूट 1 लाख रुपए हो सकती है
टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बैनिफिट को बढ़ा सकती है। कोरोनावायरस महामारी के कारण आम लोगों के चिकित्सा खर्च में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ऐसा कर सकती है। आयकर की धारा 80D के तहत अपने, पति या पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के 25 हजार रुपए तक के भुगतान के बदले टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा आश्रित माता-पिता के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर उसे 25 हजार से 50 हजार रुपए (यदि पैरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं) तक की छूट मिलती है। यानी कोई व्यक्ति अभी अधिकतम 75 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर ही टैक्स छूट हासिल कर सकता है। इसे एक लाख रुपए किया जा सकता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स को लेकर हो सकते हैं बदलाव
स्टॉक ब्रोकर्स ने वित्त मंत्री से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की मांग की है। अभी 1 लाख रुपए तक LTCG पर टैक्स नहीं लगता है। उसके बाद 10% की दर से टैक्स देना होता है। एसोसिएशन ऑफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने वित्त मंत्री से इसकी लिमिट बढ़ाने की मांग की है। 1 अप्रैल 2018 से पहले इस पर टैक्स नहीं देना होता था। बजट 2018-19 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को टैक्स के दायरे में लाया गया था। हालांकि घर बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाया जा सकता है। ऐसा उनके लिए होगा जिनके पास दो से अधिक घर हैं।
सरकार ला सकती है टैक्स फ्री बॉन्ड
आर्थिक रिकवरी और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राजस्व जुटाने और बचत को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ बचत योजनाओं या टैक्स फ्री बांड की घोषणा बजट में कर सकती है। इसके अलावा कैपिटल गेन टैक्स या STT में राहत मिलने की भी उम्मीद है।
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों पर GST कुछ महीनों के लिए हटाने की मांग
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों पर अभी 5% तक GST लगता है। रियल इस्टेट इंडस्ट्री की मांग है कि इसे कुछ महीनों के लिए 0% कर देना चाहिए। अभी अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर 1% और नॉन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर 5% टैक्स लगता है। इसके अलावा 2019-20 के बजट में 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच लिए गए होम लोन के ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्स छूट का ऐलान किया गया था। सेक्शन 80EEA के तहत टैक्स छूट के लिए प्रॉपर्टी की वैल्यू 45 लाख रुपए तक होनी चाहिए। यह छूट केवल पहली बार घर खरीदने वाला व्यक्ति ही ले सकता है। रियल एस्टेट सेक्टर को यह समय सीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली छूट को दोगुना करने की मांग
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने कहा है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट बढ़ाकर 3 लाख रुपए तक कर देना चाहिए। आ80C के तहत, आपकी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आप कुछ खास बचत योजनाओं या जीवन बीमा में किए गए निवेश, होम लोन के प्रिंसिपल के भुगतान पर सेक्शन 80C का लाभ ले सकते हैं।
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