त्योहार पूजा-पाठ के साथ हमारी समृद्ध परंपराओं की अभिव्यक्ति भी हैं। भास्कर ने 12 राज्यों के 27 शहरों की महिला पाठकों के सुझावों के अनुरूप 'पर्व के पकवान' की एक सीरीज शुरू की।
इसमें देश के अलग-अलग राज्यों के जाने-माने शेफ ने आपके लिए पारंपरिक रेसिपी बनाईं। त्योहार के अवसर पर परिवार के लिए नया स्वाद और खुशियों की महक शामिल करने के लिए हम कुछ रेसिपी का पैकेज एक साथ आपके लिए लाएं हैं।
पर्व के पकवान सीरीज कुछ और रेसिपी पढ़ें:
1.घर पर बनाएं भगवान जगन्नाथ का भोग दालमा, पंचफोरन का लगेगा तड़का; सीखें तरीका
खान-पान विशेषज्ञ पुष्पेश पंत कहते हैं- वास्तव में इस भोग की संख्या छप्पन से कई गुना अधिक है क्योंकि यह ऋतु चक्र तथा पर्व उत्सवों के अनुसार बदलता रहता है। सात्विक और पौष्टिक व्यंजनों का स्वरूप लगभग एक हजार साल से बदला नहीं। इसी संदर्भ में दालमा विशेष रूप से उल्लेखनीय है। (पढ़िए पूरी खबर)
2. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:कौनी धानौर पायोख,असम में बनने वाली खीर है
खान-पान विशेषज्ञ पुष्पेश पंत कहते हैं- देश के पूर्वोत्तर भाग में असम राज्य के भोजन की अलग पहचान है। विशेष पर्व उत्सवों पर पकाई जाने वाली कौनी धानौर पायोख इसका अच्छा उदाहरण है। भले ही इसके नाम के साथ धान जुड़ा है, लेकिन इसे अनाज नहीं समझा जाता। (पढ़िए पूरी खबर)
3. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:राजस्थान की मावा कचौड़ी खाने के लिए वहां जाने की जरूरत नहीं, रेसिपी यहां सीखें
राजस्थान की मावा कचौड़ी पर्व और शुभ अवसरों पर बनाई जाती है। यह कचौड़ी तीखी और नमकीन नहीं बल्कि मीठी होती है। अब जयपुर की फूड कंसल्टेंट रतिका भार्गव से इसे बनाना सीखते हैं..(पढ़िए पूरी खबर)
4. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:शुफ्ता बनाना सीखें, कश्मीरी पंडित इस मिठाई को शादी और दिवाली पर बनाते हैं
शुफ्ता। यह कश्मीर की पारंपरिक मिठाई है। खान-पान विशेषज्ञ पुष्पेश पंत कहते हैं कि कश्मीर में श्री खीर भवानी प्रसिद्ध मंदिर है जहां भोग में खीर का ही विधान है। कश्मीरी पंडित नवरात्रि, शादी और दिवाली जैसे पर्वों में शुफ्ता बनाते हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
5. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:चटपटी और हेल्दी है शकरकंदी सीक कबाब, इसे बनाएं
आज इस पर्व के पकवान सीरीज की रेसिपी है शकरकंदी सीक कबाब। इसे बना रहे हैं दिवस वढेरा। ये दिल्ली के होटल इरोज में एग्जीक्यूटिव शेफ हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
6. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:बर्गर की तरह दिखता है क्रीम कॉइन, खाने पर इसमें बेसन का सौंधापन मिलेगा और दही की खटास भी
व्यंजनों की सूची में अब फ्यूजन फूड भी शामिल हो रहे हैं। ऐसे कई देसी व्यंजन हैं जिन्हें विदेशी रंग-ढंग दिया जा रहा है। उन्हीं प्रयोगों में शामिल है बेसन का क्रीम कॉइन ये दिखने में बर्गर जैसा है लेकिन स्वाद देसी है। (पढ़िए पूरी खबर)
7. पर्व के पकवान:दिल्ली की गलियों में मिलने वाले राम लड्डू घर पर बनाएं; मूली के बिना इसका स्वाद अधूरा है
दिल्ली की गलियों में मिलने वाले स्ट्रीट फूड में राम लड्डू चाट भी काफी प्रसिद्ध है। यह एक ऐसा लड्डू है जो मीठा नहीं बल्कि नमकीन और चटपटा है। दो-तीन दालों से तैयार किए गए इन पकौड़ों पर जब मूली, हरी चटनी और नींबू डालकर खाएंगे तो यकीन मानिए..(पढ़िए पूरी खबर)
8. समोसे के भरावन से बना है समोसारिटो, छोले से बढ़ेगा स्वाद
मैक्सिको के राजमा, काबुली चने, आलू और तीखी मिर्च का स्वाद भारतीयों की जुबान पर भी सदियों से चढ़ा हआ है। बरिटो का स्वदेसीकरण करने के लिए और इसे उत्सव-पर्व का विशेष आहार बनाने के लिए इसमें चिरपरिचित समोसे के कुछ तत्व शामिल किए गए हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
9. पनीर टिक्का लजानिया:इसका स्वाद दादी-नानी को भी पसंद आएगा; इस त्योहार घर पर जरूर ट्राई करें
इटली का एक प्रसिद्ध व्यंजन है लजानिया। इस शब्द का अर्थ है एक बड़ी-सी पतीली। एक पतीली में आटे या मैदे की चौकोर रोटियां बेल उनके ऊपर सामिष या निरामिष सामग्री रख एक के ऊपर एक परतें बिछाकर इसे पकाया जाता है। (पढ़िए पूरी खबर)
10. पर्व के पकवान:बिहार में त्योहार के अवसर पर बनता है दालपीठा,बुंदेलखंड में इसे फरा कहते हैं
फरा / दालपीठा बिहार और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में त्योहार के अवसर पर बनाए जाते हैं। वैसे थोड़े-से फर्क के साथ इस तरह के पीठे उड़ीसा में भी खाए जाते हैं। चूंकि इन्हें तला नहीं जाता और मोदक की तरह भाप में पकाया जाता है इसलिए ये स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
11. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:आज बनाना सीखते हैं उक्कराई; तमिलनाडु के मंदिरों में नैवेद्य के रूप में अर्पित की जाती है
तमिलनाडु में अलग-अलग पर्वों पर विशेष मिठाइयां बनाई जाती हैं। इन्हीं मिठाइयों में से एक है दाल और गुड़ से तैयार की गई उक्कराई। इसे सिरी, विलु, कत्तूर, अनदाल मंदिर में दीपावली के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है। (पढ़िए पूरी खबर)
12. सांगरी का कबाब कभी खाया है आपने:राजमा मिक्स कर बनता है ये; वेजिटेरियन के लिए अच्छा ऑप्शन है
खानपान के इतिहासकारों का मानना है कि राजमा जिसे अंग्रेज़ी में रैड किडनी बीन्स कहते हैं, मैक्सिको से पुर्तगाली भारत लाए। परंतु प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में राजमास का उल्लेख मिलता है अर्थात राजमा बड़े दाने वाला मास परिवार का ही सदस्य है। (पढ़िए पूरी खबर)
13. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:हिमाचल प्रदेश में स्पेशल मौकों पर बनती हैं रोटी सिड्डू, इसे भाप में पकाया जाता है
हिमाचल में खास मौकों पर एक विशेष रोटी पकाई जाती है जिसका नाम है सिड्डू। इसका आकार थोड़ा चपटा गोलाकार होता है।ऐसा ही एक व्यंजन चीनी लोग भी बनाते हैं जिसे वे बाओ कहते हैं। सिड्डू को आप किसी भी आटे से बनाकर भाप में पका सकते हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
14. ठंडाई मूस के साथ खाएं मालपुआ:आज पर्व के पकवान में इसे बनाना सीखते हैं
आमतौर पर पुआ रबड़ी के साथ परोसते हैं, लेकिन नई पीढ़ी की पसंद के अनुसार, इस पारंपरिक व्यंजन को नए परिधान पहनाए जा रहे हैं। सौंफ से सुवासित ठंडाई मूस रबड़ी की मलाइयत को बरकरार रखती है, तो खट्टी-मीठी बेरी की चित्ताकर्षक रंगीन छटा बिखेरती मिठास को भी संतुलित करती है। (पढ़िए पूरी खबर)
15. आलू पोटाला रसा:पूर्वी भारत के लोग त्योहार पर बनाते हैं ये; इसकी ग्रेवी होती है पतली
परवल की सब्जी बंगालियों, पूर्वांचल और ओडिशा के निवासियों को विशेष प्रिय है। इसे पोटल नाम से भी पुकारा जाता है। इसका सूखा भाजा तो बनता ही है पर उत्सव-पर्व के भोजों में आलू पोटल का रसा खास व्यंजन है। (पढ़िए पूरी खबर)
16. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:पातिशाप्ता पीठा बनाना सीखें, ये मीठा होता है; नाश्ते में परोसा जाता है
असम, बंगाल, ओडिशा के आपस में जुड़े विस्तृत अंचल में अनेक प्रकार के पीठे बनाए जाते हैं, जिनमें कुछ नमकीन और अधिकांश मीठे होते हैं। विदेशों में जो पतले नाजुक ‘क्रेप’ मशहूर हैं, बेहतरीन पीठे उनका मुकाबला करते हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
17. पर्व के पकवान:एक समय शाकाहारी मेहमानों के लिए बना करता था टमाटर का दुलमा
अवध और बंगाल में भी भरवां सब्जियों को दुलमा नाम दिया जाता है जिसका मूल ग्रीक भाषा का दुलमानंतिस शब्द है। यूनानवासियों के साथ भारत के बहुत प्राचीन संबंध हैं और यह सुझाना तर्कसंगत है कि टमाटर से पहले भी भरवां सब्जियों के व्यंजन बनाए जाते थे। (पढ़िए पूरी खबर)
18. दैनिक भास्कर के पर्व के पकवान में आज सीखते हैं शादियों में बनने वाली मखाने की सब्जी
जब मावे के साथ मखाना मिला दिया जाए तो शाकाहारियों के लिए सोने पर सुहागा जैसा स्वादिष्ट सहयोग बन जाता है। मजेदार बात यह है कि मावे की तरह मखाना भी सब्जी नहीं वरन मेवों की श्रेणी में रखा जाता है। (पढ़िए पूरी खबर)
19. मखाने की खीर:हेल्दी है यह, उपवास में खाएं
मखानों को सूखा भूनकर (तेल के बिना) मिक्सर में मोटा पीस लें। इतना मोटा पीसें कि इसमें टुकड़े नज़र आएं। दूध उबालकर इसमें शक्कर और इलायची पाउडर मिलाएं। (पढ़िए पूरी खबर)
20. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:गोवर्धन पूजा के माैके पर आप भी ट्राई करें अन्नकूट की सब्जी
इतिहासबोध के अनुसार ब्रज वासियों से कुपित होकर एक बार भगवान इन्द्र ने भयंकर मूसलाधार बारिश आरंभ कर दी। त्राहि-त्राहि करते ग्वाले और गोपियां श्रीकृष्ण की शरण में पहुंचे। इस पूरे दौर में ब्रज वासियों ने उन्हीं सब्जियों का भोजन किया जो इस पर्वत पर उगती थीं। यह सब्जी आभार प्रदर्शन के लिए अन्नकूट की पूजा के अवसर पर बनाई जाती है। (पढ़िए पूरी खबर)
21. बंगाल की रेसिपी कोराईशुतिर कचौड़ी:आलू दम के साथ चटकारे लेकर खाएंगे घरवाले
दुर्गा पूजा के समय पर यह हर घर में जरूर बनता है। इसकी स्टफिंग को एकदम हल्का मसालेदार बनाया जाता है। ताकि हरे मटर का स्वाद आ सके। इसके स्वाद में चार चांद लगाने का काम करता है आलू दम। (पढ़िए पूरी खबर)
22. गोवा में भी फेमस है भरलेली केली:कोंकणी इसे कहते हैं सात्विक फलाहारी, खूब आता है स्वाद जब केले में होती है नारियल की स्टफिंग
त्योहार के शुभ दिन भारत के पश्चिमी तटवर्ती अंचल में रहने वाले गोवा तथा कोंकण निवासियों का यह व्यंजन सात्विक फलाहारी है। यहां रहने वाले सारस्वत समुदाय के लोग स्वयं को उसी परिवार का मानते हैं जो लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के किनारे बसते थे। (पढ़िए पूरी खबर)
23. कुट्टू का गोलगप्पा, सूप के साथ परोसें:पर्व के मौसम में मेहमान आ जाएं तो बनाएं ये पंपकिन सूप और कुट्टू गोलगप्पा।
इसे बनाने का तरीका सीखा रहे हैं स्ट्रीट स्टोरीज रेस्तरां, झारखंड के शेफ निशांत चौबे। (पढ़िए पूरी खबर)
24. गुजरात की फराली तरकारी:सब्जियों का संगम है ये, चावल और पापड़ के साथ बढ़ेगा इसका स्वाद; इसे बनाने पर मिलेगा इनाम
गुजरात में फराली तरकारी काफी मशहूर है। इसे नवरात्र के वक्त खासतौर से बनाया जाता है। इसके अलावा दीवाली के वक्त यानी कार्तिक के महीने में भी ज्यादातर लोग इसे बनाना पसंद करते हैं। हेल्थ के नजरिए से देखा जाए, तो ये हेल्दी डिश है।(पढ़िए पूरी खबर)
25. केरल का मशहूर अवियल:इसके बिना अधूरा है ओणम, खाने में भी यह हेल्दी; इस रेसिपी को बनाने पर आपको मिलेगा इनाम
केरल की पारंपरिक डिश अवियल है। इसके बिना ओणम (त्योहार) अधूरा होता है। यानी अवियल को ओणम पर जरूर बनाया जाता है। यह एक ऐसी रेसिपी है जिसे बहुत ही कम समय में तैयार किया जा सकता है।(पढ़िए पूरी खबर)
26. दैनिक भास्कर पर्व के पकवान:रसाबली में छेने की बनी छोटी-छोटी बड़िया मीठे दूध में डुबोई जाती हैं
रसाबली एक अनोखी मिठाई है जो कुछ-कुछ छेना पायस और रसमलाई की याद दिलाती है। वास्तव में यह इनसे बिल्कुल भिन्न और अनोखी पहचान रखती है।छेने की बनी छोटी-छोटी बड़िया मीठे दूध में डुबोई जाती हैं जो उसका रस धीरे-धीरे सोखती हैं और अपने भीतर सहेजकर रखती हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
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