जरूरत की खबरपुलिसवालों की तोंद गायब होगी, अल्टीमेटम मिला:खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं, डेली ये 5 एक्सरसाइज करें

12 दिन पहलेलेखक: विदुषी मिश्रा
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असम पुलिस इन दिनों काफी चर्चा में है। दरअसल असम पुलिस में काम करने वाले अनफिट कर्मियों को वेट कम कर फिट होने का अल्टीमेटम मिला है।

पुलिसकर्मियों का अगर वेट कम नहीं हुआ तो उनसे वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के लिए कहा जाएगा। इसके लिए अभी से 3 महीने बाद उनका BMI चेक होगा।

हरियाणा में भी मोटे यानी तोंद वाले पुलिसकर्मी नहीं दिखेंगे। हरियाणा पुलिस ने कैंपेन FAT TO FIT चलाया है।

आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि जल्द से जल्द यानी कम समय में तोंद कम करने के लिए करें, क्या नहीं …

एक्सपर्ट पैनल:

डॉ. मोहम्मद रजा, डायबिटीज, थायराइड और हाई बीपी स्पेशलिस्ट, भोपाल

डॉ. सोहनी बनर्जी, कंसल्टेंट न्यूट्रीशियनिस्ट, हावड़ा

सवाल: असम-हरियाणा में पुलिसवालों के लिए तोंद कम करने की बात कहां से आई?
जवाब:
कुछ साल पहले मीडिया में पुलिसकर्मियों के बढ़ते पेट पर एक रिपोर्ट आई थी।

अनफिट पुलिसवालों की संख्या बढ़ने की कुछ वजहें...

  • भर्ती के बाद कसरत करने की आदत छूट गई।
  • मोबाइल फोन और एडवांस टेक्नोलॉजी ने उनके कामकाज और भागदौड़ को कम कर दिया।
  • जिन पुलिसवालों को अल्कोहॉल पीने की आदत है। उससे भी हेल्थ पर असर पड़ा है।

असम-हरियाणा की इस पहल के तहत पुलिसकर्मियों के BMI का रिकॉर्ड रखा जाएगा। 15 अगस्त तक सभी पुलिसकर्मियों को 3 महीने का समय दिया गया है। यानी 15 अगस्त को पुलिसकर्मियों का BMI चेक होगा।

सवाल: आखिर क्या होता है ये BMI?
जवाब:
BMI का मतलब बॉडी मास इंडेक्स। इसमें व्यक्ति की हाइट के हिसाब से उसके वेट का अनुपात निकाला जाता है। BMI से तय होता है कि कोई व्यक्ति अपनी हाइट के हिसाब से फिट है या नहीं।

अब आसानी से चेक करें अपना BMI

बॉडी मास इंडेक्स का पता लगाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन कैलकुलेटर हैं।

ऑनलाइन: क्लिक करें- BMI कैलकुलेटर

ऑफलाइन: BMI = वेट / (हाइट मी.)2

या

BMI = वेट / (हाइट X हाइट)मी.

सवाल: बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI कितना होना चाहिए?
जवाब:
इसकी चार कंडीशन हैं…

BMI इंडेक्स - वेट

  • 18.5 से कम : अंडरवेट
  • 18.5 - 24.9 : नॉर्मल
  • 25 - 29.9 : ओवरवेट
  • 30 से ज्यादा : मोटापा

सवाल: तोंद किन वजहों से बढ़ती है?
जवाब:
कई वजहें हैं नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं।

ऊपर लगे क्रिएटिव को समझते हैं कि इससे कैसे फैट बढ़ता है…

फिजिकल एक्टिविटी की कमी: अगर आप दिनभर बैठे या लेटे रहते हैं। एक्सरसाइज यानी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं। तो आप जो खाते हैं, वह स्टोरेज के रूप में शरीर में जमा होता जाता है।

अगर आप एक साथ खूब सारा खाते हैं तो भी आपका बैली फैट उतनी ही तेजी से बढ़ता है। आप उसे पचाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं। इसी वजह से फैट स्टोर होकर हैवी बैली फैट यानी तोंद का रूप ले लेता है।

नींद कम आना: मायो क्लिनिक के मुताबिक नींद पूरी न होने का कनेक्शन पेट के फैट से है। स्टडी में बताया गया है कि नींद पूरी न होने की वजह से कुल पेट के फैट में 9% की बढ़ोत्तरी और पेट की आंत के फैट में 11% की तक बढ़ोत्तरी की संभावना होती है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनका वेट ज्यादा होता है। नींद की कमी से शरीर में घ्रेलिन जोकि भूख से जुड़े हार्मोन के लेवल में बढ़ोत्तरी होती है और लेप्टिन के लेवल में कमी आती है, जो आपको ज्यादा भूख लगने के लिए जिम्मेदार है।

स्ट्रेस ज्यादा लेना: मोटापा और स्ट्रेस भी एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं। टेंशन स्ट्रेस को बढ़ाता है। साथ ही खाने की इच्छा पैदा करता है। इस वजह से आप ज्यादा खाना खाते हैं और पेट का फैट बढ़ता है।

स्मोकिंग और अल्कोहॉल : स्मोकिंग न सिर्फ रेस्पिरेटरी डिजीज और लंग्स कैंसर जैसी सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम को बढ़ाता है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध भी बढ़ जाता है। ये सिचुएशन फैट बढ़ने का कारण बन सकती है। अल्कोहल शुगर बढ़ाने का काम करती है। ऐसा इसलिए कि उसे हमारा शरीर शुगर के रूप में तोड़ता है और फिर फैट में बदल जाता है।

ज्यादा कैलोरी लेना: तोंद बढ़ने की सबसे बड़ी वजह ज्यादा क्वांटिटी में कैलोरी लेना है। अगर आप जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं तो इससे वेट और तोंद बढ़ने लगती है।

उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में फैट बर्न करने की क्षमता भी कम होती जाती है। जिसके चलते तोंद निकलने की प्रॉब्लम हो जाती है।

जेनेटिक प्रॉब्लम: कुछ लोगों में ये जेनेटिक होता है कि उनके शरीर के किसी खास हिस्से में फैट जमा होता है। पुरुषों में अक्सर यह फैट पेट के आसपास ही होता है। इसलिए अगर आपके बुजुर्गों में तोंद की प्रॉब्लम है तो जेनेटिक तौर पर आपमें भी तोंद निकलने की प्रॉब्लम हो सकती है।

हार्मोनल इंबैलेंस: हमारे शरीर में हार्मोन्स का लेवल भी तोंद की प्रॉब्लम क्रिएट कर सकता है। शरीर में एक लेप्टिन हार्मोन पाया जाता है। यह हार्मोन शरीर में खाना खाने के बाद पेट भरने का मैसेज देता है।

अगर आपके शरीर में लेप्टिन की कमी होती है तो आपको पेट भरा हुआ देर से फील होगा और आप ज्यादा खाना खाएंगे। इससे शरीर में फैट जमा होगा और तोंद निकलेगी।

सवाल: तोंद यानी पेट की चर्बी बढ़ने से कौन सी बीमारियां होती हैं?
जवाब:
इससे हेल्थ रिलेटेड 6 बीमारियों के होने का रिस्क रहता है।

  • दिल की बीमारी
  • कोलोरेक्टल कैंसर
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस
  • टाइप 2 डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • स्लीप एप्नी

सवाल: पेट की चर्बी कम करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
जवाब:
तोंद या पेट की चर्बी कम करने के लिए एक वेल प्लान्ड रूटीन का पालन करने की जरूरत है। नीचे लिखे पॉइंट्स को फॉलो करें।

1. अच्छी नींद: तोंद कम करने के लिए हर रात कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है। नींद की क्लालिटी उतनी ही जरूरी है जितना आपके सोने का टाइम ड्यूरेशन।

2. खूब पानी पिएं: पानी शरीर में फैट को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है। दिन भर में लगातार थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने से आपको पेट भरा हुआ सा फील होता है। इससे कम भूख लगती है।

ज्यादातर सभी ज्यूस या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में चीनी होती है। जो कैलोरी कंजप्शन को बढ़ाती है। इसलिए हर दिन 3-5 लीटर पानी जरूर पिएं।

सुबह 1-2 ग्लास गुनगुना पानी पीने से वेट और पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।

नोट: खाना खाने के बाद पानी न पिएं।

3. रेगुलर एक्सरसाइज करें: डेली एक्सरसाइज करने से वेट कंट्रोल करने में मदद मिलती है। एक्सरसाइज करने से पहले अपने पर्सनल फिटनेस ट्रेनर से एडवाइज लें।

4. कैलोरी का ख्याल रखें: कैलोरी कंजप्शन किसी भी तरह से शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। डेली बेसिस पर कंजप्शन और खर्च की जाने वाली कैलोरी का ध्यान रखें।

कैलोरी की कमी कैलोरी बर्न करने का बेस्ट तरीका है। 500 कैलोरी की कमी से एक हफ्ते में 0.4 किलो या 1 पौंड वजन कम हो सकता है। इसके लिए आप मोबाइल ऐप हेल्दीफायमी ऐप से कैलोरी ट्रैक सकते हैं।

5. नाश्ता जरूर करें: सुबह के नाश्ते को इग्नोर न करें। यह आपके दिन की शुरुआत करने के लिए एनर्जी लेवल को बैलेंस करता है। ब्रेकफास्ट स्किप करने से मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा जाता है। जिससे फैट बर्न करने का प्रोसेस धीमा हो जाता है।

सवाल: तोंद या लटकते हुए पेट को कैसे कम करें?
जवाब:
लटकते हुए पेट को कम करने के लिए क्रिएटिव से समझते हैं

लटकता पेट कम करने के ल‍िए 3 कसरत

कुछ आसान कसरत ज‍िन्‍हें आप आसानी से कभी भी कर सकते हैं। इन कसरत को करने के ल‍िए सुबह का समय अच्‍छा होता है लेक‍िन आप शाम में भी इन्‍हें कर सकते हैं-

मायोक्लिनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चलने से वेट कम हो सकता है बशर्ते कि आपको सही टेक्नीक पता हो। यह इस बात पर भी डिपेंड करता है कि आप कितनी देर तक और कितनी तेज चलते हैं।

आप डेली टहलते हैं, तो इससे कैलोरी बर्न होती है। वॉकिंग वजन कम करने के लिए आसान तरीका है।

सवाल: बेली फैट कम करने के लिए सुबह कितनी देर वॉक करना चाहिए?
जवाब:
अगर आप हर रोज 30 मिनट भी ब्रिस्क वॉक यानी तेज चलते हुए वॉक करते हैं, तो इससे लगभग 150 से भी अधिक कैलोरी बर्न हो सकती है। आप जितना अधिक और तेज से टहलेंगे, उतनी ही ज्यादा कैलोरी बर्न होगी।

ध्यान दें- अपनी फिजिकल एबिलिटी के हिसाब से ही टहलना या फिर दौड़ना चाहिए। क्योंकि किसी भी चीज को ज्यादा करने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

इससे मसल्स में दर्द, चोट, बर्नआउट का रिस्क भी बढ़ सकता है। अगर आप पहली बार टहलना शुरू कर रहे हैं, तो शुरुआत में हल्की तीव्रता से और कम चलें। धीरे-धीरे स्पीड, इंटेंसिटी और दूरी यानी डिस्टेंस को बढ़ाएं।

सवाल: आजकल स्टेप्स गिनने वाली वॉच और कई ऐप आ गई हैं, लोगों अपने स्टेप्स पर गौर करते हैं। तो हर दिन कितने स्टेप्स चलना चाहिए?
जवाब:
अगर आप चाहते हैं कि आपका वेट कंट्रोल रहे और जल्द- जल्द से कम हो जाए, तो हर रोज लगभग 10 हजार स्टेप्स चलें।

लेकिन शुरुआत 2000 स्टेप्स से ही करें। फिर धीरे-धीरे स्टेप्स को बढ़ाते जाएं।

नोट: अगर आपको वजन कम करने में ज्यादा परेशानी आ रही है तो एक्सपर्ट से एडवाइज जरूर लें।

सवाल: बैली फैट कम करने के लिए क्या पीना चाहिए?
जवाब:
वेट लॉस ड्र‍िंक पी सकते हैं। इन ड्रिंक्स को रूटीन में शामिल कर सकते हैं-

सेब के स‍िरका: इस गुनगुने पानी में म‍िलाकर पी सकते हैं। इसमें पोटैश‍ियम, अमीनो एस‍िड और एंटीऑक्‍सीडेंट्स होते हैं। इससे वेट कम करने में मदद म‍िलती है।

ग्रीन टी: ग्रीन टी न्यूट्रीएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जो फैट बर्न करने का काम करती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (EGCG) होता है, जो मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। ये भूख कम करने में भी मदद करता है।

ब्लैक टी: ब्लैक टी वेट घटाने के लिए अच्छा ड्रिंक है। इसमें कैफीन की भी हाई क्वांटिटी होती है। जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी भी मिलती है, जो कैलोरी बर्न करने में हेल्प करता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स भी ज्यादा होते हैं।

सवाल: पेट कम करने के लिए डाइट प्लान कैसा रखें?
जवाब:
ऐसे करें डाइट प्लान-

1. शुगर कम करें

शुगर में फ्रक्टोज होता है जो पेट के चारों और फैट बढ़ाता है। कोल्ड ड्रिंक, आर्टिफिशियल फ्लेवर्ड जूस और स्वीट बेवरेज से मोटापे का रिस्क 60% तक बढ़ जाता है।

2. डाइट में प्रोटीन क्वांटिटी बढ़ाएं

सोयाबीन, टोफू, नट्स जैसे फूड्स में प्रोटीन होता है। इन्हें खाने से जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती और कैलोरी इनटेक कम होता है। पेट के चारों ओर फैट नहीं जमा होता।

3. डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स की क्वांटिटी कम करें

व्हाइट शुगर, व्हाइट ब्रेड, पास्ता, मैदा जैसे आइटम फैट बढ़ाते हैं। इन्हें कम खाने से पेट का फैट घटाने में काफी मदद मिलती है। हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।

4. हेल्दी ब्रेकफास्ट जरूर करें

ब्रेकफास्ट अवॉइड करने से भूख ज्यादा लगती है और वेट बढ़ता है। ओटमील, दलिया और हाई प्रोटीन वाला ब्रेकफास्ट पेट का फैट घटाने में हेल्पफुल है।

5. फाइबर वाले फूड्स लें

फलियां, साबुत अनाज, मटर, पत्ता गोभी, राजमा जैसी चीजों में फाइबर ज्यादा होता है। इनसे डाइजेशन भी ठीक रहता है और पेट में फैट नहीं जमा होता है।

सवाल: बहुत लोग जैसे ही वेट कम होता है, वापस से टहलना, डेली रूटीन को फॉलो करना छोड़ देते हैं, क्या ये सही है?
जवाब:
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों का वजन कम होते ही, वे सारी फिजिकल एक्टिविटी करना बंद कर देते हैं। ये गलत है।

वेट कम करने के बाद एक्सरसाइज करना और भी जरूरी हो जाता है। वॉकिंग, रनिंग या किसी भी तरह की फिजिकिल एक्टिविटी के साथ हेल्दी डाइट प्रोपर लें।