घर की सफाई, शॉपिंग और दिवाली सेलिब्रेशन हो गया, मेहमान भी चले गए। तो क्या अब हमें कोई चिंता नहीं? भ्रम मत पालिए, क्योंकि जितने पटाखें आपने या आपके पड़ोसियों ने फोड़े हैं, उसका असर जल्द ही दिखेगा। हवा का रुख बदलेगा। क्योंकि पॉल्यूशन दस्तक देने वाला है।
इसके अलावा पटाखे फोड़ने का दौर अभी रुकेगा नहीं बल्कि छठ पूजा, देशभर में होने वाली शादियों, क्रिसमस और न्यू ईयर तक चलेगा।
आज जरूरत की खबर में हम दिवाली के बाद होने वाले पॉल्यूशन पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि आपको क्या करना है और क्या नहीं
आज की स्टोरी के एक्सपर्ट हैं- डॉ. आयुष गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, डॉ अरुणेश कुमार, सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, पारस हॉस्पिटल, डॉ. अशोक सेठ, अध्यक्ष, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट
अगर 1% भी लग रहा कि हम आपको जबरन डरा रहे हैं, तो इन आंकड़ों पर नजर डाल लीजिए-
लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार...
वायु प्रदूषण का देश की अर्थव्यवस्था पर असर
लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार...
इन तीनों तरीके के पॉल्यूशन में लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी वायु प्रदूषण यानी एयर पॉल्यूशन की वजह से आती है। आपने ऊपर लिखे आंकड़े भी पढ़े होंगे।
सवाल- वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा बचने की जरूरत किन लोगों को है?
जवाब- दिवाली के बाद पटाखों के जलने की वजह से एयर क्वालिटी काफी खराब हो जाती है। साथ ही मौसम ठंडा होने लगता है। हवा में नमी बढ़ जाने की वजह से धूल काफी देर तक हवा में मौजूद रहती है। हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया की पेट में पल रहे बच्चे के लंग्स और दिमाग में भी हवा में मौजूद टॉक्सिक पार्टिकल्स पाए गए हैं। अस्थमा के मरीजों, दिल के मरीजों या प्रेग्नेंट महिलाओं को एयर पॉल्युशन से खासतौर पर बचना चाहिए।
सवाल- दिवाली के बाद वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- इसके लिए नीचे दिए क्रिएटिव को पढ़े और दूसरों को शेयर भी करें-
सवाल- क्या दिवाली के बाद सिर्फ वायु प्रदूषण होता है या फिर कुछ और भी प्रदूषण होते हैं?
जवाब- दिवाली के बाद 3 तरह के पॉल्यूशन दस्तक देते हैं-
एक नजर एयर क्वालिटी इंडेक्स पर डाल लीजिए
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली यानी SAFAR के अनुसार, 22 अक्टूबर शाम को पूरी दिल्ली में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी यानी 266 दर्ज की गई थी। जिसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि दिवाली पर या इसके बाद एयर क्वालिटी और खराब होने की संभावना है।
एयर क्वालिटी यानी वायु की गुणवत्ता को लेकर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. अशोक सेठ ने क्या कहा जान लीजिए-
वायु प्रदूषण को केवल फेफड़ों की समस्याओं से जोड़ कर देखा जाता है क्योंकि इससे अस्थमा के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है, लेकिन वायु प्रदूषण से हार्ट को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए हमें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
सवाल- वायु प्रदूषण से फेफड़े, अस्थमा या एलर्जी की समस्या तो सुना था, ये हार्ट को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
जवाब- डॉ. सेठ के अनुसार, जब हम प्रदूषण के कण यानी 2.5 पार्टिकुलेट मैटर को देखते हैं, तो पता चलता है कि प्रदूषण में हानिकारक पदार्थ हैं, जो फेफड़ों से रक्त वाहिकाओं में ट्रांसफर होते हैं। इसके अलावा इनमें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड जैसे गैसीय मीट्रिक भी होते हैं। ये भी हानिकारक पदार्थ ही होते हैं, जो हार्ट आर्टरी में सूजन पैदा करते हैं। जिससे ब्लड का थक्का भी बनता है। इन दोनों वजहों से हार्ट अटैक हो सकता है।
सवाल- बहुत से लोगों को पहले से हार्ट की बीमारी है, वो वायु प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए क्या करें?
जवाब- ऐसे पेशेंट्स को…
सवाल- क्या घर के अंदर भी हवा प्रदूषित हो सकती है, जिससे आपकी तबीयत बिगड़ने की संभावना है?
जवाब- बिल्कुल, घर के अंदर ही नहीं आपके ऑफिस में भी प्रदूषित हवा हो सकती है, जो आपकी तबीयत खराब होने का कारण बन सकती है।
सवाल- शहर में हवा प्रदूषित हो जाए और सांस लेने में दिक्कत आने लगे, जैसा दिल्ली में अक्सर होता है। तो इस समस्या को कम करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जवाब - सुबह 10 बजे से लेकर दिन में 3 बजे तक अपने जरूरी काम निपटा कर वापस घर आने की कोशिश करें।
चलते-चलते
ये आंकड़ें भी देख लीजिए-
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