माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स का रोटी बनाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देखा तो होगा आपने। उनके साथ अमेरिकी शेफ एटन बर्नथ भी हैं। शेफ एटन बर्नथ बिल गेट्स को रोटियां बनाना सिखा रहे हैं। गेट्स चम्मच से आटा गूंथते हैं और फिर रोटिंया बेलते हैं। शेफ की रोटी तो गोल बनती है लेकिन गेट्स की थोड़ी लंबी। गोल और नरम रोटी बनाना भारत में किसी परंपरा से कम नहीं। तभी तो आज भी कई लोग शादी के लिए रिश्ते की बात शुरू होते ही लड़कियों से पूछते हैं… ‘क्यों बेटा रोटी बनानी आती है न।’
बहू भले ही साइंटिस्ट क्यों न हो, भारतीय ससुराल में एक न एक व्यक्ति को रोटी बनाने की चिंता हो ही जाती है। अगर रोटी बनानी आ रही है तब यह ताना मिलता है कि मुलायम नहीं है, गोल नहीं बनी, थोड़ी सी जल गई है।
जरूरत की खबर में नरम रोटी बनाने की ट्रिक्स की बात करेंगे। रोटी पर घी लगाकर खाना हेल्दी है कि नहीं ये भी जानेंगे, डॉ निधी पांडे, डायटीशियन, भोपाल और शेफ निशा मधुलिका से।
आज के जमाने में रोटी बनाना सिर्फ लड़कियों का काम नहीं इसलिए इस खबर को लड़के भी जरूर पढ़ें।
सवाल: गेहूं के आटे से बनी एक रोटी में कितनी कैलोरीज होती हैं?
जवाब: गेहूं के आटे से बनी एक मीडियम साइज की रोटी में करीब 70 कैलोरीज होती हैं।
सवाल: ऐसा सुना है कि रोटी पर घी लगाकर खाना नुकसानदेह होता है। यह बात कितनी सही है?
जवाब: नहीं, यह गलत धारणा है। रोटी पर घी लगाकर खाना नुकसानदेह नहीं है। बशर्तें, घी शुद्ध होना चाहिए या फिर घर पर बना होना चाहिए। आजकल मार्केट में बहुत से मिलावट वाले घी मिलते हैं जिनसे बचने की जरूरत है।
बच्चों को भी घी, गुड़, रोटी दे सकते हैं। यह परांठे से बहुत बेहतर है क्योंकि जब घी से परांठा सेंकते हैं तो धुआं उठता है। इस तरह घी ट्रांस फैट में जल जाता है जो हमें नुकसान पहुंचाता है।
सवाल: क्या यह सही है कि रोटी बनाने वाले आटे से चोकर अलग नहीं करना चाहिए?
जवाब: जिन्हें मल्टीग्रेन रोटी खानी होती हैं, उन्हें आटे से चोकर अलग नहीं करना चाहिए। गेहूं का आटा बहुत बारीक पिसा नहीं होना चाहिए। उसमें चोकर मिला रहने दे सकते हैं। चोकर में फाइबर होता है जो डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा होता है। वहीं अगर कीड़े का डर है तो चोकर अलग कर सकते हैं।
सवाल: रोटी कितनी तरह की होती है और कौन सी रोटी खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है?
जवाब: गेहूं, बाजरा, जौ, मक्का, रागी, चावल, कोदो-कुटकी, कुट्टू या मल्टीग्रेन रोटी हो सकती है। गेहूं की रोटी से लोगों ने इसलिए परहेज करना शुरू कर दिया क्योंकि उसमें ग्लूटेन होता है। पिछले कुछ सालों में गेहूं की न्यूट्रीशनल वैल्यू कम होती जा रही है।
जो भी रोटी गर्म-गर्म आप खा सकते हैं वो स्वास्थ्य के लिए अच्छी है।
सवाल: क्या रात का आटा सुबह इस्तेमाल करने से कोई नुकसान है?
जवाब: हां, रात का या बासी आटे की रोटी नहीं खानी चाहिए। ज्यादातर लोग गेहूं का ही आटा इस्तेमाल करते हैं। इससे डाइजेशन में परेशानी, कब्जियत, गैस, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है। कब्जियत का सीधा संबंध दिमाग और आंखों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। ऐसे में अगर आपको लंबे समय तक कब्जियत है तो आंखों और दिमाग पर भी असर पड़ सकता है।
सवाल: रात के आटे से बनी रोटियां सुबह खट्टी लगने लगती हैं। क्या इसके लिए कोई उपाय है?
जवाब: सुबह अगर बासी आटा इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपनाएं ये टिप्स…
अगर आटा खट्टा हो गया है तो ऐसे करें यूज…
गूंथे हुए आटे को ऐसे करें स्टोर तो नहीं होगा खराब…
सवाल: आटा गूंथने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें या ठंडे पानी का?
जवाब: आटे को गूंथने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल बेस्ट होता है। इससे रोटियां सॉफ्ट और फ्लफी बनती हैं।
सवाल: मेरी रोटियां पकने के कुछ देर बाद ही कड़क हो जाती हैं। क्या करूं?
जवाब: इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो रोटी नहीं होगी कड़क…
सवाल: मेरा मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटियां हमेशा कड़क ही बनती हैं। क्या इन्हें मुलायम करने का कोई उपाय है?
जवाब: अच्छी मल्टीग्रेन रोटियां बनाने के लिए अच्छी तरह से आटा गूंथना बहुत जरूरी है।
इस तरह गूंथे मल्टीग्रेन आटा ताकि रोटियां सॉफ्ट बनें…
ऐसे बनाएं मल्टीग्रेन आटे से रोटियां…
सवाल: क्या रोटी, परांठे और पूरी के लिए अलग-अलग तरीके से आटा गूंथा जाता है?
जवाब: हां बिल्कुल। रोटी, परांठे और पूरी के लिए आटा अलग-अलग तरीके से गूंथा जाता है। परांठे का आटा रोटी के आटे के मुकाबले नर्म होता है। इसमें पानी का थोड़ा ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। परांठे का आटा कम से कम आधा घंटा पहले गूंथकर रख दें।
वहीं पूरी का आटा रोटी के आटे के मुकाबले सख्त गूंथा जाता है। इसमें चीनी की कुछ बूंदे डालने से पूरियां सफेद बूनेंगी। अगर स्टफ पूरी बनाना चाहते हैं तो आटा थोड़ा मुलायम रख सकते हैं।
सवाल: ऐसा क्या करूं कि मेरी हर रोटी फूली हुई बनें?
जवाब: रोटी को फूली-फूली बनाने के लिए गूंथने के बाद उसे 20 से 30 मिनट रखा रहने दें। आटे को गीले कपड़े या टॉवल से ढककर रखें। इसके अलावा गूंथने के बाद आटे पर जरा सा तेल या घी लगा दें।
सवाल: मेरा बच्चा रोटी नहीं खाता है। क्या कोई ऐसा तरीका है कि घर पर ही रोटी को थोड़ा दिलचस्प बना सकूं?
जवाब: यह एक कॉमन प्रॉब्लम है। छोटे बच्चे रोटियां नहीं खाते। मगर आप घर पर ही कुछ ट्रिक्स और टिप्स से रोटियों को दिलटस्प बना सकते हैं…
सवाल: तंदूरी रोटी और रूमाली रोटी के लिए आटा कैसे गूंथा जाता है?
जवाब: तंदूरी रोटी का आटा तैयार करने के लिए ये टिप्स करें फॉलो…
रूमाली रोटी का आटा ऐसे करें तैयार
चलते-चलते
रोटी पर झगड़े की पढ़ें 2 सच्ची कहानी
पति 20 सेंटीमीटर की रोटी बनाने पर करता था मजबूर, स्केल से नापता था
पुणे में रहने वाली एक महिला ने अपने पति पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है।
महिला का आरोप है कि उनके पति ने न सिर्फ 20 सेंटीमीटर की रोटी बनाने के लिए मजबूर किया बल्कि वो स्केल से उसे नापते भी था। रोटी का साइज कम या ज्यादा होने पर उन्हें सजा भुगतनी पड़ती थी। उन्हें हर रोज के काम एक्सेल शीट में दर्ज करने पड़ते थे।
चूल्हे पर रोटी बनाना न आया तो पति-पत्नी का झगड़ा पहुंचा थाना और कोर्ट
शहर की लड़की को मिट्टी के चूल्हे पर रोटी बनाना नहीं आया। इसे लेकर पति और पत्नी के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस और कोर्ट तक पहुंच गया। पति चाहता है कि पत्नी पहले चूल्हे पर रोटी बनाना सीख जाए। पत्नी गैस के चूल्हे पर ही रोटी बना लेती है। इस बात पति रोज झगड़ा करता था। मामला थाने और कोर्ट पहुंचा।
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1. 20 लाख भारतीय पति या पत्नी को दे रहे धोखा:बोरियत और नए पार्टनर के साथ फिजिकल होने की चाहत इसकी वजह
फ्रांस की एक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग ऐप है ग्लीडन। इसे इस्तेमाल करने वाले भारतीयों की संख्या 2 मिलियन यानी 20 लाख पहुंच चुकी है। ग्लीडन को दुनियाभर में 10 मिलियन लोग इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में इस डेटिंग की रिपोर्ट में दावा किया गया कि उनकी ऐप पर 20 फीसदी लोग भारतीय हैं। जो शादीशुदा होते हुए नए पार्टनर की तलाश में हमसे जुड़े हैं। रिसर्च में यह भी कहा गया कि कोविड के बाद यूजर्स की संख्या में 11 फीसदी की बढ़त हुई थी। (पढ़िए पूरी खबर)
2. बजट-2023 में मोटा अनाज:मोदी और सीतारमण के लिए क्यों है यह सुपरफूड; मास्टरशेफ रणबीर बरार से सीखें इसकी रेसिपी
बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने मिलेट्स यानी मोटे अनाज को श्रीअन्न नाम दिया। उसके उत्पादन को बढ़ाने की बात कही। इसके लिए श्रीअन्न योजना शुरू करने का फैसला लिया। साथ ही इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स की स्थापना का ऐलान किया, जो उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा और किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए ट्रेंड भी करेगा। (पढ़िए पूरी खबर)
3. बजट-2023 को करें डिकोड:कंसोलिडेटेड फंड, रेवेन्यू एक्सपेंडिचर, फिस्कल सरप्लस जैसे शब्दों का मतलब जानें; बजट समझना होगा आसान
सरकार सालभर में कहां से कितना कमाएगी और कहां कितना खर्च करेगी, इसी का हिसाब-किताब होता है बजट में। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश करेंगी। बजट के दौरान कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल भी होता है जिन्हें समझ पाना कठिन होता है। (पढ़िए पूरी खबर)
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