सोशल मीडिया पर भेजी भद्दी फोटो, बस में अश्लील इशारे:डरें नहीं, कानून की मदद से भिजवा सकती हैं जेल

4 महीने पहलेलेखक: उत्कर्षा त्यागी
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पिछले ही हफ्ते की बात है कुश्ती में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया साथी रेसलर्स विनेश फोगाट के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। खिलाड़ियों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोच नेशनल कैंप के दौरान महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण करते हैं।

आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि यौन शोषण या सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ विक्टिम के पास क्या अधिकार होते हैं, वर्कप्लेस पर सेक्शुअल हैरेसमेंट होता है तो क्या कर सकते हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर क्या नियम हैं।

आज के हमारे एक्सपर्ट हैं…

  • वरालिका निगम, PhD स्कॉलर ऑफ लॉ, लखनऊ यूनिवर्सिटी
  • अशोक पांडे, एडवोकेट, जबलपुर हाईकोर्ट

सवाल: चैटिंग और सोशल मीडिया के जमाने में हेल्दी फ्लर्टिंग और हैरेसमेंट में अंतर कैसे पहचानें? जवाब: हेल्दी फ्लर्टिंग वह होती है जिसको करने वाला और जिसके साथ किया जा रहा है वो व्यक्ति, दोनों ही लोग कम्फर्टेबल हों। फ्लर्टिंग तब तक ठीक है जब दोनों लोग उसे एंजॉय कर रहे हों। फ्लर्टिंग दोनों तरफ से होती है। वहीं अगर आप किसी के साथ फ्लर्ट कर रहे हैं और वह इंसान असहज हो जाए। इसके बाद सामने वाला आपको फ्लर्ट करने से रोके और आप तब भी ना रुकें, यह हैरेसमेंट है। हैरेसमेंट एक इंसान दूसरे के साथ करता है।

सवाल: लड़के कैसे समझें कि अब वो लाइन क्रॉस कर रहे हैं?
जवाब:
जब कोई लड़की ‘ना’ या ‘नो’ कहे तो वहीं रुक जाएं, उससे आगे न बढ़ें। अगर आप मना करने के बावजूद कोई चीज करते हैं, तो आप लाइन क्रॉस कर रहे हैं। बार-बार मना करने पर भी आप कोई चीज कर रहे हैं, तो आप हैरेसमेंट कर रहे हैं।

सवाल: वर्कप्लेस पर किस वक्त हमें आवाज उठाने की जरूरत है?
जवाब:
जब हैरेसमेंट शुरू हो रहा है उसी वक्त आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि पहली बार में अगर आप नहीं बोलेंगी तो हैरेसमेंट बार-बार होगा। अपराधी हमेशा विक्टिम के डर का फायदा उठाता है।

सवाल: वर्कप्लेस पर सेक्शुअल हैरेसमेंट की रिपोर्ट कैसे कर सकते हैं?
जवाब:
वर्कप्लेस पर महिला का यदि सेक्शुअल हैरेसमेंट किया जाए या दूसरे तरीके से मैसेज और अश्लील फोटोग्राफ के जरिए महिला को परेशान किया जाए, तो इससे संबंधित कानून द सेक्शुअल हैरेसमेंट ऑफ वुमन एट वर्कप्लेस काम आता है। इसकी मदद से आप इंटरनल कमेटी, पुलिस या जिला कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

सवाल: वर्कप्लेस पर सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायत करने के लिए हम क्या-क्या सबूत जुटा सकते हैं?
जवाब:
वर्कप्लेस पर हुए सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायत करने के लिए जुटा सकते हैं ये सबूत…

  • कॉल रिकॉर्डिंग और कॉल डीटेल्स
  • वॉट्सऐप चैट्स
  • टेक्स्ट मैसेज
  • ऑफिस की CCTV फुटेज
  • ई-मेल

नोट: हालांकि सेक्शुअल हैरेसमेंट के मामलों में बर्डन ऑफ प्रूफ अपराधी के ऊपर होता है। उसे अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। मगर बेस्ट केस तब होता है जब आपके पास अपराधी के खिलाफ सबूत हो।

नीचे दिए क्रिएटिव से समझें देश में वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट को लेकर क्या नियम हैं…

सवाल: हैरेसमेंट की शिकायत पर कंपनी की इंटरनल कमेटी के फैसले से अगर मैं खुश नहीं हूं तो मेरे पास क्या ऑप्शन है?
जवाब:
हैरेसमेंट की शिकायत करने पर अगर आप कंपनी की इंटरनल कमेटी के फैसले से खुश नहीं हैं या वहां आपकी बात नहीं सुनी गई, तो आप महिला थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं।

सवाल: अगर कोई फोटो को मॉर्फ करके ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है तो क्या करूं?
जवाब:
ये एक गंभीर अपराध है। इसके लिए आप पुलिस में जाकर तुरंत एफआईआर दर्ज करा सकती हैं।

सवाल: कई बार सेक्शुअल हैरेसमेंट के मामलों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है। ऐसे में क्या कर सकते हैं?
जवाब:
पुलिस अगर अपराध को गंभीरता से ना लें, तो इस स्थिति में 156 (3) सीआरपीसी के तहत शिकायत सीधे मजिस्ट्रेट से की जा सकती है। इसके बाद मजिस्ट्रेट पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेश कर सकते हैं। धारा 200 सीआरपीसी के तहत आप सीधे कोर्ट में भी मामला दर्ज करा सकती हैं।

सवाल: क्या सेक्सटिंग को लेकर देश में कोई नियम है?
जवाब:
यह कपल का राइट टू प्राइवेसी है। कपल का पर्सनल इंटरेस्ट और चॉइस है कि वह क्या करना चाहते हैं। पार्टनर के पास ये अधिकार नहीं है कि वो आपके पर्सनल मैसेज, चैट्स या वीडियो को किसी और के साथ साझा करें या इंटरनेट पर वायरल करे। अगर ऐसा किया जाता है, तो यह कानूनन अपराध है। यह इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के साथ इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 354, 354A, 354B , 354C और 354D के तहत अपराध है।

सिचुएशन 1
ऑफिस में किसी ने मुझे जो मैसेज भेजा उसमें कुछ डबल मीनिंग या भद्दा नहीं था। मगर मुझे अनकम्फर्टेबल लगा। ऑफिस की दूसरी लड़कियों से बात की तो उस इंसान को लेकर उनका भी अनुभव वैसा ही था। एचआर से शिकायत की तो उसने इस पर ध्यान नहीं दिया। ऐसी स्थिति में क्या मैं इंतजार करूं कि कुछ गलत हो?
जवाब:
ऐसी स्थिति में आप दो चीजें कर सकती हैं- या तो आप पहले उस इंसान से जाकर बात कीजिए। उसे बताएं कि जो भी वो कर रहा है वो ठीक नहीं है। इसके बाद भी अगर वो वही चीज दोहराता है, आपको रियल लाइफ या सोशल मीडिया पर फॉलो कर रहा है या मैसेज कर रहा है, तो आप पुलिस के पास जा सकती हैं। पीछा करने या स्टॉकिंग के लिए और साइबर स्टॉकिंग के लिए देश में कानून है जिसके तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी।

सिचुएशन 2
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ट्रैवल करते हुए अगर

  • कोई मुझे अपने फोन से रिकॉर्ड करने लगे,
  • मेरी बगल वाली सीट पर बैठा आदमी फोन में पोर्न देखने लगे और मेरी तरफ फोन कर दे, या
  • चलती बस में लड़की के बगल में बैठा आदमी प्राइवेट पार्ट दिखाने लगे,

तो क्या कर सकते हैं?
जवाब:
इसमें दो चीजें की जा सकती हैं…

  • लीगल एक्शन
  • सोशल एक्शन

इस तरह की सिचुएशन में लीगल एक्शन सेकेंडरी है क्योंकि वहां पर जो अपराधी है उसके बारे में आप कुछ भी नहीं जानते और न ही उतना टाइम होता है। इसलिए सोशल एक्शन जरूरी है।

  • पहले आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मौजूद दूसरे लोगों को मदद के लिए अप्रोच करें।
  • बिना डरें अपराधी पर चिल्लाएं।
  • मेट्रो में हैं तो वहां सीआईएसएफ के ऑफिसर होते हैं, उन्हें अप्रोच कर सकते हैं।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सीसीटीवी नहीं होता, इसलिए अपराधी की पहचान के लिए अपने फोन में उसकी रिकॉर्डिंग ले सकते हैं।
  • लीगल एक्शन का टाइम नहीं होता।
  • बाद में डीटेल ढूंढकर केस फाइल कर सकते हैं।
  • मेट्रो स्टेशन या बस स्टॉप की सीसीटीवी फुटेज निकलवाकर एफआईआर दर्ज कराएं। इससे अपराधी को पहचानने में आसानी होगी।

चलते-चलते
रिवेंज पोर्न क्या है और इसके लिए क्या कानून है?

रिलेशनशिप के दौरान कई कपल्स एक-दूसरे को अपने निजी पलों की फोटो भेजते हैं। कई बार वो साथ में निजी पलों की फोटो खींचते हैं और वीडियो बनाते हैं। ब्रेकअप होने के बाद जब दोनों में से कोई एक उन निजी तस्वीरों और वीडियो का गलत इस्तेमाल करे और अपने पार्टनर को ब्लैकमेल करे, तो इसे रिवेंज पोर्न कहा जाता है।

सोशल मीडिया या अन्य माध्यम द्वारा कोई भी अश्लील मैसेज, फोटोग्राफ या वीडियो को शेयर करना या किसी और को भेजना आईपीसी की धारा 292 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर 2 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।

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महाराष्ट्र में डिमांड ज्यादा सप्लाई कम
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