भोपाल के MP Nagar Zone-2 में बहुत से कोचिंग क्लासेस हैं, जहां पर कई बच्चे कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी करने के लिए कोचिंग जॉइन करते हैं। हमें कामिनी नाम की एक महिला मिलीं, जिनकी बेटी कुछ सालों से मोबाइल और लैपटॉप पर ज्यादा पढ़ाई करती है। हाल ही में उसे ड्राई आई की समस्या हुई, जिसकी वजह से उसे पढ़ाई करने में काफी दिक्कत हो रही है। डॉक्टर से उसका इलाज जारी है।
दौड़ती-भागती और पॉल्यूशन भरी लाइफस्टाइल में आंखों में सूखापन (ड्राई आईज) एक आम समस्या बन गई है। बड़ों के साथ-साथ कम उम्र के बच्चों को भी ये परेशानी हो रही है।
चलिए बच्चों में होने वाली ड्राई आई की समस्या को लेकर जरूरी सवाल के जवाब जानते हैं।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं- Sharp Sight Eye Hospitals के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कामरान अकील।
सवाल- ड्राई आई का मतलब क्या होता है?
जवाब- हमारी आंखों में टियर फिल्म यानी आंसुओं की परत होती है, जो आंखों में नमी बनाने और उनके सुरक्षा कवच के तौर पर काम करती है। इसमें गड़बड़ी आने से ड्राई आई की समस्या होती है। जैसे- पर्याप्त मात्रा में आंसू न बन पाना, आंसू जल्दी सूख जाना या उनकी क्वालिटी खराब हो जाना।
AIIMS के आई स्पेशलिस्ट डॉ राजेश सिन्हा के मुताबिक, जब हम मोबाइल या लैपटॉप का ज्यादा यूज करते हैं और एक टक उसमें नजर गड़ाए रहते हैं। तब आंखों पर काफी जोर पड़ता है। जिसकी वजह से आंखों का पानी, जो आंसू के तौर पर बाहर आता है। वह सूखने लगता है। आंखों के रेटिना पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है और ड्राई आई की समस्या होती है।
रिपोर्ट क्या कहती है, ये भी जान लीजिए
माता-पिता इन बातों का जरूर रखें ख्याल
आंखों से रिलेटेड प्रॉब्लम के बारे में बच्चे ठीक से नहीं बता पाते हैं। ड्राई आई जैसी अगर उन्हें कोई समस्या है, तो वो अक्सर आंखें मलते रहते हैं। ऐसी सिचुएशन में माता-पिता को बच्चों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें किसी भी हालात में इग्नोर न करें। बच्चों के कुछ लक्षण से आप पहचान सकते हैं कि उन्हें ड्राई आई की समस्या है या नहीं। इसके लिए नीचे दिए ग्राफिक्स को पढ़ें
जरूरी बात- अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC के अनुसार, कम्प्यूटर या मोबाइल स्क्रीन में देखने पर आंखें 66% तक कम झपकती हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो, पिछले दो साल से यानी 2020-2021 में लॉकडाउन की वजह से देश में बच्चे दिनभर में औसतन 4 घंटे स्क्रीन पर बिता रहे हैं।
सवाल- लक्षण देखने के बाद बच्चे को ड्राई आई की समस्या है या नहीं, इसके लिए कौन से टेस्ट करवाएं?
जवाब- बच्चा ड्राई आई से जूझ रहा है या नहीं, स्क्रिमर टेस्ट से पता लगाया जाता है। डॉक्टर कागज की ब्लॉटिंग स्ट्रिप्स को पलक के नीचे रखते हैं। 5 मिनट बाद सोखे गए आंसू के आधार पर ड्राई आई का पता चलता है।
अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। उसका इलाज कराएं। हालांकि इलाज के साथ-साथ कुछ सावधानियां या घरेलू उपाय करने से बच्चा जल्दी ठीक हो सकता है।
ड्राई आई की समस्या हो गई है, तब ये घरेलू उपाय अपनाएं
अगर बच्चे की आंखों में ज्यादा समस्या है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। घरेलू उपाय न अपनाएं।
सवाल- बच्चा जिद्दी है और मोबाइल या कम्प्यूटर जैसे गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है, तो क्या करें?
जवाब- इन 7 बातों का ख्याल रखें-
चलते-चलते
अपनी या बच्चों की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में इन चीजों को शामिल कर सकते हैं
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