कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज्यादातर बच्चों की देखभाल और इलाज घर पर ही किया जा सकता है। मंत्रालय ने बच्चों में कोरोना के लक्षण होने या कोरोना पॉजिटिव होने पर उनकी देखभाल के लिए गाइडलाइन जारी की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा है कि " कोरोना से संक्रमित ज्यादातर बच्चे बिना लक्षण (asymptomatic) वाले या बेहद कम हल्के लक्षण वाले (mildly symptomatic) होते हैं।”
Asymptomatic यानी बिना लक्षण वाले बच्चों की देखभाल
कुछ बच्चों में मल्टी-सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (MIS-C)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना पॉजिटिव कुछ बच्चों में मल्टी-सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (MIS-C) नाम का नया सिंड्रोम भी देखा गया। ऐसे मामलो में बच्चों को लगातार 38 डिग्री सेल्सियस यानी 100.4 ड्रिग्री फेरनहाइट से ज्यादा बुखार बना रहता है।
MIS-C में इमरजेंसी डॉक्टरी मदद की जरूरत कब पड़ती है?
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