उत्तर भारत में H3N2 वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। ICMR के मुताबिक, कुछ महीनों में कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन H3N2 के मामले में बढ़ोतरी हुई है।
सर्विलांस डेटा बताता है कि 15 दिसंबर के बाद से H3N2 के मामले बढ़े हैं।
ICMR ने भी बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पेरिटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित आधे से ज्यादा लोगों में H3N2 वायरस मिला है। यह सब तो हो गई ज्ञान की बात।
पते की बात यह है कि अगर आपने भी होली जमकर भीड़भाड़ में खेली हैं, आपकी इम्यूनिटी वीक हैं ,पहले से ही अस्थमा और हार्ट के मरीज हैं तो आज जरूरत की खबर में जानिए कि H3N2 वायरस होने का आप पर रिस्क है और इससे बचने के उपाय क्या हैं…
एक्सपर्ट- डॉ. राजीवा गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसीन, सी के बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली ,गुरुग्राम और मैक्स हेल्थकेयर एंड सीनियर डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के डॉ. संदीप बुधिरजा
सवाल: H3N2 वायरस क्या है?
जवाब: H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी।
सवाल: H3N2 वायरस होने पर बुखार कितने दिनों में उतर जाता है?
जवाब: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का मानना है कि इन्फेक्शन के लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहे सकते हैं। H3N2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है। लेकिन खांसी तीन हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।
सवाल: क्या सिर्फ कुछ लक्षणों को देखकर पता करना संभव है कि आपको H3N2 इंफ्लूएंजा हुआ है?
जवाब: नहीं, सिर्फ लक्षणों को देखकर कंफर्म नहीं किया जाता। ब्लड सैंपल और दूसरे कुछ टेस्ट लैब में किए जाते हैं, जो बता देते हैं कि आपको H3N2 हुआ है या कोई दूसरी बीमारी है।
सवाल: कब समझ लेना चाहिए कि मामला सीरियस हो गया है मरीज को अस्पताल लेकर जाने की जरूरत है?
जवाब: ज्यादातर मामलों में इंफ्लूएजा मेडिकल केयर और ओवर द काउंटर दवा खाकर ही ठीक हो जाता है। सिरदर्द और बुखार की दवा दुकानदार से लेकर खाने से नुकसान नहीं है। वहीं अगर आप एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर की सलाह से खाते हैं तब खतरा ज्यादा है। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी बन सकता है। लेकिन यह मरीज को देखकर उसकी सही जांच करने के बाद भी बताया जा सकता है।
अगर नीचे लिखे लक्षण दिखें तो बिना देर किए अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं...
सर्दी-खांसी को ये लोग हल्के में न लें, H3N2 का हो सकता है रिस्क
सवाल: इसका मतलब जिस तरह हम कोविड के फेज में मास्क पहनकर रह रहे थे वैसे ही मास्क पहनकर रहने की जरूरत है?
जवाब: जब भी मौसम बदलता है इन्फ्लूएंजा होने की आशंका बढ़ जाती है। हम सब ने मास्क लगाना बंद कर दिया है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बेखौफ घूम रहे हैं।
होली की शॉपिंग भी बिना मास्क के की होगी। ऐसे में जो लोग पहले से बीमार हैं या वो लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है वो निश्चित तौर से बीमार होंगे। उन्हें अब ज्यादा अलर्ट रहेने की जरूरत है। ये लाेग मास्क के बिना बाहर नहीं जाएं। जो लोग हेल्दी हैं वो भी मास्क के बिना घर के बाहर न जाएं।
सवाल: होली पर जाहिर सी बात है लोगों ने प्रिकॉशन नहीं ली होगी, यह बताएं कि H3N2 के केस कितने बढ़ेंगे?
जवाब: बिल्कुल सही कर रही हैं आप। त्योहार पर लोग लापरवाही करते ही हैं, खासकर जब होली, दीपावली का मौका हो। कल्चरल वैल्यूज के सामने बीमारी इग्नोर करते हैं भारतीय। लोग सोसाइटी, क्लब, होटल में होली खेलने जाते हैं, पार्टियां करते हैं। ऐसे में H3N2 वायरस फैलेगा ही।
फिलहाल केस बढ़ रहे हैं इसलिए आज से ही ये प्रिकॉशन लें, कॉमनसेंस का इस्तेमाल करें..
H3N2 वायरस से बचने के लिए करें ये 6 उपाय
सवाल: H3N2 वायरस का इलाज क्या है?
जवाब:
चलते-चलते
आईसीएमआर के मुताबिक, पिछले महीनों में H3N2 वायरस की चपेट में आए और अस्पताल में भर्ती मरीजों में 92% मरीजों में बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलना, 16% को घरघराहट की समस्या थी। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि 16% रोगियों को निमोनिया था और 6% को दौरे पड़ते थे। वायरस के कारण होने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से पीड़ित लगभग 10% रोगियों को ऑक्सीजन और 7% को ICU देखभाल की जरूरत होती है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.