बेटा खिड़की बंद कर लो…नहीं पापा, फिर में बाहर कैसे देख पाऊंगी। बेटा तुम अपने साथ कॉमिक लाई हो न। वो पढ़ लो। बाहर से कोई गिट्टी या पत्थर आकर तुम्हें लग सकती है। ओके पापा।
बचपन में स्लीपर क्लास में सफर करते वक्त ऐसी बातें अक्सर मेरे पापा कहते थे। क्या आपके मम्मी-पापा या आप अपने बच्चों को भी ट्रेन की खिड़की को लेकर ऐसी कोई सलाह देते हैं? अगर हां, तो बच्चों को मम्मी-पापा की बात मानकर खिड़की बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि पढ़ा हैं न आपने…
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पटरी पर पड़ा एक सब्बल (रॉड) नीलांचल एक्सप्रेस की खिड़की तोड़ते हुए यात्री की गर्दन में जा घुसा और सिर फाड़ते हुए निकल गया। यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार 110 किमी/घंटा थी। हादसे के बाद कम्पार्टमेंट में चीख-पुकार मच गई। कम्पार्टमेंट का फर्श खून से लाल हो गया। इस बीच अन्य यात्रियों ने चेन पुलिंग करके ट्रेन रोकी। GRP और RPF को बुलाया। शव को ट्रेन से बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
आज जरूरत की खबर में चर्चा करेंगे- रेलवे की वजह से होने वाले यात्रियों के नुकसान को लेकर।
हम खबर को 2 हिस्सों में बांट रहे हैं-
शुरुआत पहले हिस्से से करते हैं …
सवाल- क्या हम जैसे ही रेलवे स्टेशन के अंदर कदम रखते हैं, वैसे ही रेलवे की जिम्मेदारी यात्रियों को लेकर शुरू हो जाती है?
जवाब- बिल्कुल, लेकिन आपके सामान की नहीं, आपकी यानी यात्री की। अपने सामान की सेफ्टी के लिए यात्री खुद ही जिम्मेदार है।
सवाल- रेलवे परिसर या ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्री को फिजिकली कोई नुकसान पहुंचे तो क्या होगा?
जवाब- रेलवे एक्ट 1989 की धारा 124 के अनुसार किसी यात्री का एक्सीडेंट हो या उसकी अचानक मृत्यु हो जाए, तो उसे मुआवजा दिया जाएगा।
सवाल- किस-किस सिचुएशन में एक्सीडेंट या मौत होने पर यात्रियों को मुआवजा मिलता है?
जवाब- साल 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार-
सवाल- बहुत से लोग आत्महत्या करने के लिए रेलवे का सहारा लेते हैं जैसे- चलती ट्रेन के सामने खड़े हो जाना या ट्रेन में यात्रा के दौरान उससे कूद जाना। ऐसी सिचुएशन में भी मुआवजा मिलेगा?
जवाब- बिल्कुल नहीं। ऐसी सिचुएशन की जिम्मेदारी न ही रेलवे प्रशासन लेगा और न ही रेलवे की तरफ से कोई मुआवजा दिया जाएगा।
इसके अलावा अगर कोई यात्री…
तब भी उसे किसी भी तरीके का मुआवजा रेलवे की तरफ से नहीं दिया जाएगा। उल्टा यात्री आत्महत्या करने के दौरान बच जाता है, तो उस पर कानूनन केस रजिस्टर्ड होगा। याद रखें कि हमारे देश में आत्महत्या को अपराध माना गया है।
सवाल- क्या बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री की जिम्मेदारी भी रेलवे लेता है या नहीं?
जवाब- साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया था, जिसमें…
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा था कि…
सवाल- अगर रेलवे परिसर या ट्रेन में किसी की नेचुरल डेथ होती है जैसे- हार्ट अटैक। क्या तब भी यात्री और उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा?
जवाब- नहीं। ऐसी सिचुएशन में कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। क्योंकि नेचुरल डेथ रेलवे की गलती की वजह से नहीं हुई है।
सवाल- एक्सीडेंट या मौत होने पर मुआवजा कितना मिलेगा?
जवाब- जिस व्यक्ति की मौत या एक्सीडेंट हुआ है, उसकी अर्निंग यानी कमाई कितनी थी, उसके आधार पर मुआवजा मिलेगा। हालांकि यात्री और उसका परिवार अपने हिसाब से मुआवजे की रकम तय कर सकते हैं और ट्रिब्यूनल के सामने दावा पेश कर सकते हैं। मुआवजा कितना देना है और कितना नहीं, इसका लास्ट डिसीजन ट्रिब्यूनल ही करता है।
अब बात करते हैं खबर के दूसरे हिस्से की-
सवाल- रेलवे परिसर में किसी यात्री का सामान चोरी हो जाए, तो क्या होगा?
जवाब- इसके लिए मुआवजा मिल सकता है लेकिन एक कंडीशन है। वो यह कि अगर सामान आपके हाथ में है और वो चोरी होता है, तो उसका मुआवजा नहीं मिलेगा। रेलवे ने अगर आपको सामान रखने की कोई जगह दी है और वहां से सामान चोरी होता है, तो आपको मुआवजा मिलेगा। जैसे- ट्रेन में, वेटिंग हॉल में या लिफ्ट में।
सवाल- तो फिर प्लेटफार्म से भी सामान चोरी होगा, तब मुआवजा मिलेगा?
जवाब- ऐसा नहीं है कि आप प्लेटफार्म पर सामान छोड़कर चले जाएं और चोरी हो, तब आप कह दें कि मुझे मुआवजा दिया जाए। जान लें कि ऐसे सिचुएशन में नहीं मिलेगा। इसके अलावा ये भी प्रूफ नहीं हो पाता है कि आप प्लेटफार्म में सामान लेकर भी आए भी हैं या नहीं। अगर ट्रेन में सामान चोरी होता है, तो रेलवे को मानना ही पड़ेगा कि आप सामान लेकर यात्रा कर रहे थे। क्योंकि वो जगह आपको रेलवे ने दी है।
सीधी सी बात ये है कि प्लेटफार्म से सामान चोरी होने पर मुआवजा मिलने की उम्मीद एकदम कम रहती है।
सवाल- चलती ट्रेन में सामान चोरी हो जाए तो क्या करें?
जवाब- कई बार पैसेंजर को उनका सामान वापस भी मिल जाता है। इसलिए चलती ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो पैसेंजर ट्रेन के टीटी, कंडक्टर, कोच अटेनडेंट, गार्ड या GRP एस्कॉर्ट को इस बात की जानकारी दें। वो आपकी चोरी हुए या गुम हुए सामान की शिकायत करने में मदद करेंगे।
चलती ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो ऐसे करें शिकायत
नोट- इन 3 स्टेप्स को फॉलो करने के बाद आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी
सवाल- ट्रेन में सामान चोरी हो जाए, तो FIR के लिए पैसेंजर को अपनी यात्रा ब्रेककर किसी स्टेशन में उतारना जरूरी है?
जवाब- नहीं। ऐसा करना जरूरी नहीं है। आप चलती ट्रेन में भी FIR दर्ज करा सकते हैं, लेकिन अगर सिचुएशन ज्यादा खराब हो और पैसेंजर की गवाही की जरूरत हो, तब आपको किसी स्टोशन में उतरकर GRP थाने में गवाही देनी पड़ सकती है।
सवाल- आजकल हर काम ऑनलाइन होने लगा है, क्या हम ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं?
जवाब- जी बिल्कुल, पैसेंजर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं। रेल मदद ऐप में आप आसानी से कम्प्लेन कर सकते हैं। इसे जीरो FIR माना जाएगा और इस पर तुरंत जांच शुरू हो जाएगी।
सवाल- क्या रेल मदद ऐप पर सिर्फ सामान चोरी होने की शिकायत ही दर्ज कराई जा सकती है या कोई और भी?
जवाब- किसी भी तरह की आप शिकायत रेल मदद ऐप पर कर सकते हैं। जैसे- बाथरूम साफ नहीं है, किसी तरह की चोरी या फिर छेड़छाड़ की घटना। इसके अलावा आप कोई सुझाव भी दे सकते हैं।
रेल मदद ऐप पर जाने के लिए यहां क्लिक करें
चलते-चलते
ट्रैवलिंग के दौरान सामान चोरी होने की संभावना कम रहे, इसके लिए इन बातों का ख्याल रखें-
रेलवे के इन आंकड़ों पर एक नजर डाल लीजिए
(आज की स्टोरी के एक्सपर्ट हैं- एडवोकेट योगेश भटनागर, लीगल एक्सपर्ट)
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