तिरंगे का अपमान करने पर 3 साल की जेल:गंदे, कटे-फटे झंडे को सम्मान से करें नष्ट, समझिए फोल्ड करने का सही तरीका

4 महीने पहले
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गणतंत्र दिवस के मौके पर सभी ने तिरंगे झंडे के साथ जश्न मनाया होगा। किसी ने घर की छत पर फहराया होगा तो कोई शान से तिरंगा सीने पर पहनकर घूमा होगा। बच्चों को छोटे-छोटे तिरंगे हाथ में लिए स्कूल जाते देखा ही होगा।
पर क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे झंडे को संभालकर और उतारकर रखने के भी कुछ नियम हैं। आज जरूरत की खबर में उसी की बात करते हैं।

सवाल: क्या घर में लगे तिरंगे को उतारकर रखने के लिए सरकार की ओर से कोई गाइडलाइंस जारी की गई हैं?
जवाब:
हां, बिल्कुल। घर में लगा तिरंगा झंडा उतारकर रखने के लिए संस्कृति मंत्रालय की ये है गाइडलाइन…

  • झंडे को धीरे-धीरे नीचे उतारें।
  • इसके बाद इसे हॉरिजोंटल (आड़ा) रखें।
  • अब केसरिया और हरे रंग की पट्टी को ऐसे मोड़ें कि बीच में सफेद रंग और अशोक चक्र आए।
  • इसके बाद सफेद पट्टी को ऐसे मोड़ें कि केसरिया और हरे रंग की धारियों के साथ सिर्फ अशोक चक्र दिखाई दे।
  • मुड़े हुए झंडे को सम्मान के साथ संभालकर रख दें।
  • ध्यान रहे कि किसी भी हालत में झंडा जमीन को छूना नहीं चाहिए।

सवाल: अगर झंडा गंदा हो गया है या कट-फट गया है, तो ऐसे में क्या करना चाहिए?
जवाब:
कोशिश करें कि झंडे को कोई नुकसान न हो। अगर कोई नुकसान पहुंच जाता है तो प्राइवेट तरीके से यानी एकांत में इसे नष्ट कर सकते हैं।

सवाल: अगर कोई तिरंगे का अपमान करता है, तो क्या इसे लेकर कोई सजा तय की गई है?
जवाब:
जी बिल्कुल। तिरंगे का अपमान करना पूरी तरह से गलत है। अगर कोई व्यक्ति तिरंगे झंडे को पब्लिकली जलाता है, गंदा करता है, कुचलता है या नियम के खिलाफ जाकर ध्वजारोहण करते हुए पाया जाता है, तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माने की सजा हो सकती है। यह भी हो सकता है कि उस व्यक्ति को जेल और जुर्माना दोनों की सजा दी जाए।

सवाल: बहुत से लोग तिरंगे झंडे को घर के दूसरे काम में इस्तेमाल करने का मन बना रहे होंगे, क्या ये सही है?
जवाब:
बिल्कुल भी नहीं। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार, आप किसी भी दूसरे उद्देश्य से तिरंगे झंडे का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जैसे…

  • पर्दे के तौर पर
  • टेबल या मेज को ढंकने के लिए
  • गाड़ी, ट्रेन या नाव में लपेटने के लिए
  • किसी बिल्डिंग में कवर के तौर पर

तिरंगे का इस्तेमाल ऊपर लिखी इन सभी चीजों के लिए किसी भी हालात में नहीं करना चाहिए।

सवाल: स्कूल जाने वाले बच्चे अक्सर प्लास्टिक या पेपर का तिरंगा लेते हुए दिखते हैं। क्या ये सब नियम उस पर भी लागू होते हैं?
जवाब:
सबसे पहली बात प्लास्टिक का तिरंगा बनाने की मनाही है। राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ कॉटन, सिल्क या खादी का ही हो सकता है। वहीं पेपर यानी कागज का तिरंगा ले रहे हैं या घर में बना रहे हैं तो उसे भी सम्मान के साथ रखना बहुत जरूरी है।
तिरंगे झंडे से जुड़े कुछ दूसरे नियम भी जान लीजिए…

  • कभी भी झंडे पर कोई दूसरी फोटो या पेंटिंग नहीं बनी होनी चाहिए।
  • फटा हुआ और मैला झंडा नहीं फहराया जा सकता है।
  • अगर झंडे का रंग फीका पड़ गया है तो इसे नहीं फहराना चाहिए।
  • झंडे को कभी भी झुका कर नहीं रखना चाहिए। जहां तिरंगा फहराया जा रहा है, वहां यह सबसे ऊपर होना चाहिए।
  • जिस जगह तिरंगा झंडा फहराया जा रहा है, वहां इसके साथ कोई दूसरा झंडा इससे ऊपर नहीं होना चाहिए।
  • जिस खंभे या बिल्डिंग पर झंडा लगा हो, उस पर किसी तरह का विज्ञापन नहीं होना चाहिए।

चलते-चलते
कौन से लोग और कब फहरा सकते हैं तिरंगा झंडा?

26 जनवरी 2002 के फ्लैग कोड के नियम 2.2 की मानें तो, कोई भी व्यक्ति, शैक्षणिक संस्था और प्राइवेट या सरकारी संस्था तिरंगा झंडा पूरे सम्मान के साथ किसी भी दिन या किसी भी अवसर पर फहरा सकते हैं।

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