हाल ही में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में एक हैरान कर देने वाला वाकया हुआ है। 12वीं क्लास के एक छात्र ने बार-बार बॉडी शेमिंग करने वाले अपने ही क्लासमेट को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस के अनुसार मरने वाला छात्र आरोपी छात्र को चिढ़ाया करता था। उसके साथ स्कूल के दूसरे छात्र भी उसके इंट्रोवर्ट बिहेवियर और चेहरे का मजाक उड़ाया करते थे।
इस मामले को देख रही राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सरन्या जयकुमार ने बताया कि बॉडी शेमिंग वाले लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन के शिकार होते हैं। इससे बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) होता है। कई बार बॉडी शेमिंग का शिकार होने वाले लोगों में गुस्सा और डिप्रेशन का लेवल काफी हद तक बढ़ जाता है, जिससे ये खतरनाक कदम भी उठा लेते हैं।
आज की जरूरत की खबर में जानते हैं इस डिसऑर्डर और उससे बचने के उपाय के बारे में दिल्ली की इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर की साइकोलॉजिस्ट, डॉ. शानू श्रीवास्तव से ...
सबसे पहले जानते हैं …
बॉडी शेमिंग क्या है?
बॉडी शेमिंग ऐसी प्रैक्टिस है, जिसके जरिए लोग किसी के बॉडी शेप, वेट, कलर या अपीयरेंस पर क्रिटिकल कमेंट करते हैं या फिर उसका मजाक उड़ाते हैं। आजकल ये समस्या बॉलीवुड से लेकर ऑफिस, कॉलेज के बच्चों तक में देखी जा रही है। इसकी वजह से ट्रोल होने वाले लोगों के मेंटल हेल्थ पर काफी गहरा असर होता है।
बॉडी शेमिंग को इस तरह करें हैंडल
सवाल : बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर ( BDD ) क्या है?
जवाब : ये एक ऐसी मेंटल हेल्थ कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति अपने बॉडी शेप, कलर, वेट, हाइट या अपीयरेंस से जुड़ी कमियों के बारे हमेशा सोचते रहता है। ऐसे लोग ज्यादा सोचने की वजह से स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इन्हें खुद को लेकर शर्मिंदगी महसूस होती है। यहां तक की ये लोग दूसरों से मिलने या सोशल गैदरिंग में जाने से भी कतराते हैं। बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर से ग्रस्त लोग बार-बार मिरर देखते हैं और सुंदर लगने के लिए कई घंटे बर्बाद करते हैं। साथ ही …
बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर को ऐसे पहचानें
बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर खुद को ऐसे बचाएं
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