भारत में बहुत से आम लोगों की रोजी-रोटी का साधन गाय है। अगर दो-चार गाय शाम को समय से घर न आए, तो लोग उन्हें ढूंढने निकल जाते हैं, लेकिन राजस्थान में तकरीबन 75 हजार गाय-बछड़े लम्पी वायरस से मर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से तो 43 हजार हैं।
मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी लम्पी वायरस गायों में फैल रहा है। इसकी वजह से दूध-दही की कमी हो रही है। इन सब के बीच सवाल उठता है कि क्या लम्पी वायरस से संक्रमित गाय के दूध में भी संक्रमण होता है, जो इंसानों के शरीर में जाकर उन्हें भी बीमार कर सकता है?
चलिए जानते हैं ऐसा है या नहीं...
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं- कर्नाटक के चीफ वेटरनरी ऑफिसर डॉ प्रदीप कुमार एन के, उदयपुर के चीफ वेटरनरी ऑफिसर डॉ ओम साहू, माइक्रोबायोलॉजी और इंफेक्शन कंट्रोल डिपार्टमेंट की कंसल्टेंट हेड डॉ. गीताली भगवती और वेटरनरी डॉक्टर डॉ. एलएम जोशी
सवाल- लम्पी वायरस क्या है, जिसकी वजह से गायों की मौत हो रही है?
जवाब- ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (GAVI) के अनुसार, लम्पी वायरस गाय और भैस में होने वाली बीमारी है। यह एक तरह की स्किन डिजीज है, जो वायरस के कारण होता है। इसे Capripoxvirus के नाम से भी जाना जाता है।
डॉ. गीताली भगवती, कंसल्टेंट हेड, माइक्रोबायोलॉजी और इंफेक्शन कंट्रोल डिपार्टमेंट की बात पर भी ध्यान दीजिए-
ग्लोबल वॉर्मिंग और ग्लोबलाइजेशन के कारण वायरस अपना बिहेवियर चेंज कर सकता है। हो सकता है आगे चलकर ये वायरस इंसानों में फैल जाए। इसलिए आपको अलर्ट और केयरफुल रहने की जरूरत है।
अगर आप लम्पी वायरस संक्रमित गाय-भैंस से दूध निकाल रहे हैं, तो अपने बचाव के लिए ये उपाय करें-
सवाल- आम इंसान को ये नहीं पता होता है कि, जो दूध वो पी रहे हैं, वो संक्रमित है या नहीं। ऐसे में बीमार न पड़ने के लिए वो क्या उपाय कर सकते हैं?
जवाब- पशु चिकित्सक डॉ. एलएम जोशी के अनुसार, दूध को कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह उबालना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद बैक्टीरिया काफी हद तक खत्म हो सकें। वहीं कर्नाटक के चीफ वेटनरी ऑफिसर डॉ प्रदीप कुमार एन बताते हैं कि किसी भी हालत में कच्चा दूध न पिएं, न ही बच्चों को पिलाएं।
सवाल- गाय और भैंस का दूध संक्रमित कैसे हो जाता है?
जवाब- डॉ प्रदीप कुमार एन के अनुसार, गाय और भैंस ब्रूसेला और साल्मोनेला बीमारी की वजह से संक्रमित हो जाते हैं। यानी जिन पशुओं को ये बीमारियां होंगी, उनका दूध भी संक्रमित हो जाएगा।
सवाल- गाय-भैंस का संक्रमित दूध पीने से इंसानों को कौन सी बीमारियां यानी जूनोटिक रोग हो सकते हैं?
जवाब- ये छह बीमारियां हो सकती हैं…
डा. एलएम जोशी कहते हैं कि अगर किसी दूध देने वाले पशु को टीबी की बीमारी है, तो उसका वायरस दूध में आ सकता है। जिसे पीने के बाद इंसान भी बीमार पड़ सकता है। इसके साथ ही थन से दूध निकालने से पहले गाय या भैंस ने गंदे पानी में नहाया है, तो उस गंदगी के बैक्टीरिया भी दूध में आ सकते हैं।
सवाल- दूध उबालने से काफी हद तक बैक्टीरिया और वायरस मर जाते हैं, लेकिन कौन सी ऐसी चीज है, जो उससे खत्म नहीं होती है?
जवाब- केमिकल। जी हां, अगर दूध वाले ने उसमें केमिकल मिलाया है, तो इसे उबालने पर भी वो खत्म नहीं होगा। इसलिए कोशिश करें कि जिन दुकानों या जगहों पर केमिकल दूध मिलने की आशंका या चर्चा है, वहां से दूध न लें।
सवाल- गाय और भैंस को होने वाले लम्पी वायरस का इलाज क्या है?
जवाब- इसके लिए एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। एक्सपर्ट्स की मानें तो, इसे फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका है, संक्रमित गाय-भैंस को कम से कम 28 दिन के लिए आइसोलेट करना। इस दौरान उनके लक्षणों का इलाज होते रहना चाहिए।
सवाल- देश में लम्पी वायरस को कैसे कंट्रोल किया जा रहा है?
जवाब- गॉट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है। नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड ने लम्पी से बचाव के लिए गुजरात, राजस्थान और पंजाब को गॉट पॉक्स वैक्सीन की 28 लाख डोज भेजी हैं।
केंद्र सरकार ने लंपी के लिए लंपी-प्रोवैक आईएनडी नाम से एक नई स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की है। इसे इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी ICAR की हिसार और बरेली यूनिट ने विकसित किया है।
चलते-चलते
कैसे पता चलेगा कि आपकी गाय या भैंस लम्पी वायरस संक्रमित है?
लक्षण से पता लगाया जा सकता है। जैसे-
संक्रमित होने वाले गाय या भैंस में लक्षण कैसे दिखाई देते हैं, समझिए-
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