जरूरत की खबरH3N2 और खांसी से बचाएगा फ्लू का टीका:बच्चों को कब लगवाना चाहिए; हर साल टीका लगवाना क्यों जरूरी है

2 महीने पहले
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जरा सा मौसम बदला, बच्चे हो गए बीमार। इसकी वजह है फ्लू और H3N2 इंफ्लूएंजा। H3N2 एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है।

इससे बचने का उपाय है फ्लू शॉट यानी फ्लू का टीका। हमारे देश में पेरेंट्स फ्लू के टीके को लेकर ज्यादा अवेयर नहीं है।

आज जरूरत की खबर में हम फ्लू शॉट की बात करेंगे और बच्चों को लगाने का तरीका समझेंगे।

सवाल: बच्चों में फ्लू के लक्षण क्या है?
जवाब:

  • सिरदर्द
  • बुखार
  • खांसी
  • नाक बहना
  • उल्टी
  • पेट खराब
  • गले में खराश

सवाल: फ्लू शॉट या टीका क्या है?
जवाब: फ्लू शॉट या फ्लू जैब एक वैक्सीन है जो हमारे शरीर को इंफ्लूएंजा वायरस से बचाती है।

इस वैक्सीन को लगवाने के बाद शरीर में इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बन जाती है।

इससे वायरस के शरीर को अटैक करने से पहले ही शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम डिवेलप हो जाता है और हम बीमार पड़ने से 60% से 70% तक बच जाते हैं।

सवाल: इसे कौन ले सकता है और यह कब लेना सही है?
जवाब:
छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को फ्लू का टीका लेना चाहिए।

हर साल सितम्बर-अक्टूबर और मार्च-अप्रैल के समय फ्लू शॉट का नया वर्जन आता है।

इसके बाद इसे लेने से आप पर बदलते मौसम और इंफ्लूएंजा का असर कम होगा।

सवाल: किस उम्र में बच्चों को फ्लू का टीका यानी फ्लू शॉट लगवाना चाहिए?
जवाब:
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक 6 महीने से 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाना जरूरी है।

सवाल: कैसे दिया जाता है फ्लू शॉट?
जवाब: फ्लू का टीका आमतौर पर बांह के ऊपरी हिस्से में इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।

इसमें कोई खास दर्द भी नहीं होता है। फ्लू शॉट लगवाने से पहले अपने हाथ को हिलाएं।

शॉट लेने के बाद भी हाथ हल्का-हल्का हिलाते रहें। इससे दर्द थोड़ा कम होगा।

सवाल: कोरोना का टीका और फ्लू का टीका क्या एक है?
जवाब: नहीं। यह दोनों अलग-अलग है। जिन लोगों को लग रहा है कि कोविड का टीका फ्लू से भी बचा लेगा, वो गलत है।

दोनों बीमारी एक नहीं है। जब बीमारी ही एक नहीं तब टीके भी अलग ही होंगे।

इसलिए इंफ्लूएंजा से बचाव करने के लिए फ्लू का टीका ही लगवाना होगा।

सवाल: फ्लू का टीका हर साल लगवाने की जरूरत क्यों है?
जवाब: फ्लू के वायरस लगातार म्यूटेट होते रहते हैं। हर साल उनका नया स्ट्रेन सामने आ जाता है।

पिछले साल की वैक्सीन आपको इस साल के वायरस से प्रोटेक्ट नहीं कर पाती है इसलिए हर साल फ्लू के लिए नई वैक्सीन आती है।

इसे लगवाने से वायरल और सीजनल इन्फेक्शन दोनों से बच सकते हैं।

सवाल: फ्लू का टीका कैसे काम करता है?
जवाब:
फ्लू का टीका इंसान के शरीर में एंटीबॉडीज बनाता है। इससे इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।

फ्लू के टीके में ऐसा प्रोटीन मौजूद है, जो सीजनल बीमारियों को होने से रोकता है।

सवाल: कुछ बच्चों को साल में दो बार फ्लू का टीका लेने की जरूरत क्यों पड़ती है?
जवाब:
ऐसा दो ही केस में होता है…

  • वो बच्चे जिनकी उम्र 8 साल से कम है, जिन्हें पहले कभी फ्लू का टीका नहीं लगा है उन्हें पहले साल में दो टीका लगाने की जरूरत पड़ती है। दोनों ही टीके में कम से कम 28 दिनों के अंतर होना चाहिए।
  • कुछ बच्चों का इम्यून पैदा होने के साथ ही कमजोर रहता है। ऐसे बच्चों को शुरुआत के पहले साल में दो टीके लगाए जाते हैं।

सवाल: फ्लू का टीका सरकारी हॉस्पिटल में लगेगा या प्राइवेट हॉस्पिटल में?

जवाब: हर सरकारी हॉस्पिटल में फ्लू का टीका नहीं लगता है। लेकिन एम्स जैसे बड़े हॉस्पिटल में और ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल में लग जाता है।

सवाल: इस टीके को लगवाने में कितना खर्चा आएगा?

जवाब: इस टीके की शुरूआती कीमत 1000 रुपए हैं। शहर, हॉस्पिटल और कंपनी के हिसाब से इसकी कीमत बदल जाती है।

सवाल: क्या फ्लू का टीका लेने के बाद कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?
जवाब:
हां, कुछ मामूली साइड इफेक्ट्स होते हैं…

  • जहां टीका लगवाया है उस जगह पर दर्द और सूजन हो सकती है।
  • मसल्स में दर्द और खिंचाव महसूस हो सकता है।
  • सिरदर्द भी हो सकता है।
  • बुखार आ सकता है।
  • नाक बहना या एलर्जी हो सकती है।

नोट: कुछ लोगों को शरीर में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हार्ट रेट बढ़ना या कमजोरी महसूस हो सकती है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सवाल: बच्चों को फ्लू इन्फेक्शन होने से रोकने का क्या कोई तरीका है?
जवाब: कुछ बातों का अगर ध्यान रखा जाए तो बच्चों को आप बचाने की कोशिश कर सकते हैं। जैसे-

  • बच्चों को बीमार लोगों के आसपास न जाने दें।
  • क्लास में किसी को इन्फेक्शन है तो स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी जानकारी होनी चाहिए।
  • बच्चों को बताएं कि छींकते या खांसते समय मुंह पर हाथ या रुमाल रखें।
  • समय-समय पर हाथ धोते रहें।
  • बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में समझाएं।
  • बच्चों को बार- बार मुंह पर और आंखों पर हाथ लगाने से मना करें।

इसके अलावा कुछ और जरूरी टीके हैं , जिसे 5 साल तक के बच्चों को डॉक्टर की सलाह से लगवाना जरूरी है, डिटेल नीचे लगे क्रिएटिव में पढ़ें…

एक्सपर्ट पैनल

  1. डॉ. साईं प्रवीण हरनाथ, सीनियर कंसलटेंट पल्मोनोलॉजिस्ट, अपोलो हाॅस्पिटल, हैदराबाद
  2. डॉ. रोहित जोशी, पीडियाट्रिक्स, बंसल हॉस्पिटल, भोपाल
  3. डॉ. विवेक शर्मा, पीडियाट्रिक्स, जयपुर

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