2 फरवरी की घटना है। आगरा में नकली मावा बेचने वाले गैंग्स्टर पप्पू कुशवाह की 3 करोड़ 30 लाख की संपत्ति प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया गया। गैंगस्टर ने ये पूरी संपत्ति नकली मावा बेचकर कमाई थी।
होली के त्योहार के आसपास नकली मावा बनाने और बेचने का गोरखधंधा फलने-फूलने लगता है। जैसे ही मावे की डिमांड बढ़ती है, इसमें मिलावट की खबरें आने लगती हैं। मिलावट करने वाले अपना काम इतनी सफाई से करते हैं कि इसका पता ही नहीं चल पाता।
आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि मावे में मिलावट से क्या-क्या नुकसान हो सकता है, मिलावट की पहचान कैसे करें और मिलावट वाले सामान से कैसे बचें।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं डॉ. अरुण सिंह, गैस्ट्रोलॉजिस्ट बंसल और धर्मेंद्र नुनईयां, फूड सेफ्टी ऑफिसर, भोपाल।
सवाल: नकली खोया में किस-किस तरह की मिलावट की जाती है?
जवाब: मावा यानी खोया में खराब क्वालिटी का मिल्क पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स मिलाएं जाते हैं।
इसके अलावा नकली मावा बनाने के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और वनस्पति घी यानी डालडा मिलाया जाता है। कई लोग मावे में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं। इसके अलावा आजकल दूध का फैट कंटेंट निकालकर उसकी जगह खराब क्वालिटी का तेल मिला दिया जाता है।
सवाल: मावा खरीदते हुए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब: मावा खरीदते हुए इन 4 चीजों को रखें याद…
नकली मावे की पहचान करने के लिए ये तरीकें अपनाएं
इसके अलावा कुछ और ट्रिक्स हैं जिन्हें आप नीचे लगी क्रिएटिव में पढ़कर ट्राई कर सकते हैं। इसे पढ़ें और दूसरों को शेयर भी करें…
सवाल: क्या मावे का कोई विकल्प है?
जवाब: नकली मावे से बचने के लिए आप घर पर दूध से मावा बना सकते हैं। इसके अलावा कई ऐसी मिठाईयां बना सकते हैं जिसमें मावे का इस्तेमाल नहीं होता। जैसे नारियल की बर्फी, लौकी की बर्फी, पेठे की मिठाई और सूजी की मिठाई।
साथ ही गुंजिया में मावे की फिलिंग की जगह ड्राय फ्रूट्स या खजूर की फिलिंग कर सकते हैं।
सवाल: क्या मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत की जा सकती है?
जवाब: हां बिल्कुल। मिलावटी चीजों की शिकायत आप फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड ऑथारिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के कानून के तहत कर सकते हैं। याद रखें कि इसके लिए आप डायरेक्ट मैजिस्ट्रेट के पास नहीं जा सकते है। पनीर के उदाहरण से ही इसे समझते हैं। अगर पनीर मिलावटी है तो उसके सैंपल को लेकर आपको फूड सेफ्टी अथॉरिटी के पास जाना होगा। वहां एक लिखित शिकायत दर्ज करवाएंगे कि ये जो पर्टिकुलर प्रोडक्ट हम रख रहे हैं आपके सामने उसकी जांच करवाई जाए, उसमें मिलावट है। अथॉरिटी उसे लैब भेजकर जांच करवाएगी, जैसे ही रिपोर्ट आपके फेवर में आएगी, वारंट जारी हो जाएगा।
सवाल: क्या हर शहर में फूड सेफ्टी के अधिकारी होते हैं?
जवाब: हां, हर शहर में एक फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर मौजूद है। उसका काम ही इंस्पेक्शन और जांच दोनों है।
देश के सभी राज्यों के फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर की जानकारी के लिए FSSAI की ऑफिशियल आईडी के हेल्पडेस्क पर जाने के लिए यहां क्लिक करें
सवाल: मिलावट करने वालों के लिए कानून में क्या सजा है?
जवाब: खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों पर जुर्माने का प्रावधान है। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर किसी ने मिलावटी खाने की कोई चीज खा ली है तो उसके लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी होगा। इसके बाद दोषी को 6 महीने से 3 साल की जेल होगी। लेकिन इसके लिए वो खाने की चीज लैब में टेस्ट की जाएंगी और मिलावट साबित होने पर सजा निश्चित है।
दूसरी ओर अगर मिलावटी चीज किसी ने नहीं खाई है तो बेलेबल वारंट दोषी के खिलाफ जारी होगा।
त्योहारों में लोग पनीर की सब्जी, खीर भी अक्सर बनाते हैं, इन चीजों में भी मिलावट देखी जा रही है। अब इनके बीच असली और नकली के पहचान का तरीका बता रहे हैं ये भी याद रखें।
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