डायबिटीज, मधुमेह और शुगर। यह वो बीमारी है जो एक बार किसी को हुई, तो जिंदगी भर उसके साथ रहती है। यह मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। इसमें पेशेंट का पैंक्रियाज इंसुलिन प्रोडक्शन बंद कर देता है या बहुत कम मात्रा में प्रोड्यूस करता है। जिससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। जिससे हमारा मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है।
आपको पता है…
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट कहती है कि 2019 तक भारत में डायबिटीज के करीब 7.7 करोड़ मरीज थे। 2030 तक यह संख्या 10 करोड़ हो सकती है। 20-79 एज ग्रुप में होने वाले डायबिटीज के मामलों में भारत दूसरे नंबर पर है।
डायबिटीज पर ICMR का 50:20 का मंत्र भी जान लीजिए
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इंडिया यानी ICMR ने हाल ही में एक स्टडी की, जिसमें बताया गया है कि डायबिटीज और प्री-डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए आपके खाने में कार्बोहाइड्रेट 50-55% होना चाहिए। प्रोटीन और फैट लगभग 20-20% होना चाहिए।
डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के बीच का अंतर क्या है? ऐसा क्या करें कि प्री-डायबिटीज, डायबिटीज में न बदलें। इस मंत्र को जिंदगी में कैसे अप्लाई करें, यह सब आज जरूरत की खबर में समझते हैं।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं- डॉ. वी मोहन, ऑथर, ICMR स्टडी, नोएडा के डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश प्रसाद और दिल्ली की डायटिशियन अंकिता गुप्ता सहगल
सवाल- डायबिटीज और प्री-डायबिटीज में क्या अंतर है?
डॉ. राकेश प्रसाद- प्री-डायबिटीज ऐसे डायबिटीज को कहा जाता है, जिसमें पेशेंट का शुगर लेवल सुबह खाली पेट 110-126 के बीच होता है। खाने के 2 घंटे के बाद अगर शुगर लेवल चेक किया जाता है, तो 140-200 के बीच होता है।
इसी तरह डायबिटीज में पेशेंट का शुगर लेवल सुबह खाली पेट 126 से ज्यादा और खाने के 2 घंटे बाद 200 से ज्यादा होता है।
सवाल- ICMR के 50-20 वाला रेशियो फॉलो करने के लिए कैसा डाइट चार्ट होना चाहिए?
डायटिशियन अंकिता गुप्ता सहगल- हम इस रेशियो के लिए परफेक्ट क्वाटिंटी नहीं बता सकते हैं। आप 1 कटोरी चावल खाइए, 2 रोटी या 1 कटोरी दाल आदि, ऐसा हम कुछ तय नहीं कर सकते हैं।
याद रखें कि कोई भी डाइट चार्ट पेशेंट की बॉडी, उसकी खुराक और वजन को देखकर तैयार किया जाता है। हालांकि हम ये बता सकते हैं कि किस तरह का खाना खाने से आप कार्बोहाइड्रेट कम और प्रोटीन ज्यादा ले सकते हैं। इससे डायबिटीज के पेशेंट्स को बहुत हद तक मदद मिलेगी।
इसके लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़िए-
सवाल- क्या महिला और पुरुषों के लिए ICMR की तरफ से अलग-अलग फूड रेश्यो बताया गया है?
डॉ. वी मोहन- जी हां, डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 2% कार्बोहाइड्रेट कम खाना चाहिए। पुरुषों को 50-55% कम खाना चाहिए, तो महिलाओं को 48-53% कम खाना चाहिए।
जो लोग फिजिकली एक्टिव नहीं हैं, वो एक्टिव लोगों की तुलना में 4% कम कार्बोहाइड्रेट लें।
ऊपर के ग्राफिक में बताई गई चीजों को पढ़ने के बाद भी कई लोगों के मन में ख्याल आ रहा होगा कि मैं अपनी थाली में क्या-क्या खाना लेकर बैठूं, जो मेरे हेल्थ के लिए सही रहे और ICMR की गाइडलाइन को भी मैं फॉलो कर पाऊं।
डायबिटीज या प्री-डायबिटीज पेशेंट्स के लिए आइडियल फूड प्लेट कैसी होनी चाहिए। ये जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें-
सवाल- एक आम इंसान या डायबिटीज का पेशेंट (जो परहेज न करता हो) रोजाना कितना कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन लेता है?
डॉ. वी मोहन- हमारे कुल कैलोरी इंटेक का 60-75% कार्बोहाइड्रेट और सिर्फ 10% प्रोटीन होता है। डायबिटीज के पेशेंट के लिए वाइट राइस के साथ-साथ ज्यादा गेहूं भी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है।
सवाल- डायबिटीज के पेशेंट्स को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
जवाब- इन चीजों को खाएं:
इन चीजों को न खाएं:
प्री-डायबिटीज कंफर्म होने के बाद डॉक्टर की सलाह के साथ ये 3 बातें फॉलो करें
चलते-चलते
इन आंकड़ों को देखें और अपने खानपान और लाइफस्टाइल को लेकर सजग हो जाएं-
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